गोंडा: दयाराम तालाब पर अवैध कब्जे को लेकर बड़ी कार्यवाही, दर्ज खातेदारों के नामों को किया खारिज

गोंडा: दयाराम तालाब पर अवैध कब्जे को लेकर बड़ी कार्यवाही, दर्ज खातेदारों के नामों को किया खारिज

गोंडा, अमृत विचार। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जनपद के पुराने तालाबों में शामिल दयाराम तालाब को सुरक्षित कर दिया है। तालाब की जमीन पर दर्ज खातेदारों के नामों को खारिज कर दिया है। उप जिलाधिकारी सदर को भूखण्डों की नवैइयत सुरक्षित रखने व अवैध कब्जा रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

जिला प्रशासन की इस बड़ी कार्यवाही से तालाब को उसके वास्तविक रूप में संरक्षित करने का रास्ता साफ हो गया है। शहर से सटे बेशकीमती भूमि वाले दयाराम तालाब में शास्त्रीनगर, तोपखाना, जिगर कॉलेज के आसपास समेत शहर के एक बड़े इलाके का पानी जाता है। बीते नवम्बर माह में मीडिया के माध्यम से इस तालाब को पाटने/ अवैध कब्जे की शिकायतों सामने आई थी।

जिलाधिकारी ने इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी सदर से जांच रिपोर्ट मांगी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में तहसील स्तर पर कर्मचारियों द्वारा लीपापोती किए जाने की बात सामने आई। इस पर जिलाधिकारी द्वारा 21 नवम्बर को मुख्य राजस्व अधिकारी को इस प्रकरण की सघन जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए। मुख्य राजस्व अधिकारी द्वारा नगर मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में 05 सदस्यीय समिति से कराकर आख्या मांगी।

बीते 16 दिसम्बर को प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में कूटरचित दस्तावेजों के सहारे तालाब की भूमि पर अवैध कब्जे की पुष्टि हुई। अभिलेखों के परीक्षण में यह भूखण्ड सार्वजनिक उपयोग की सुरक्षित भूमि तालाब होने की पुष्टि हुई है। इसका पुराने अभिलेखों में उल्लेख रहा है। इस प्रकार उक्त भूमि उत्तर प्रदेश काश्तकारी अधिनियम-1939 की धारा-30, उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा-132 व उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 77 के अंतर्गत सुरक्षित भूमि तालाब है, जिसमें किसी के भी भूमिधरी के अधिकार उद्भूत नहीं हो सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रश्नगत भूखण्ड राजस्व अभिलेख खसरा 1356 फ. जो कि खसरा 1359 फ. का आधार है, में भी तालाब दर्ज है, नकल खसरा 1359 फ. में बिना किसी सक्षम अधिकारी/आधारगत साक्ष्य के रामहर्ष को खातेदार कायम कर दिया गया। उक्त खाता आधारहीन कायम कर संबंधित को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है। रिपोर्ट में बिना किसी आधार के भूमि पर दर्ज किए गए रामहर्ष के नाम को निरस्त करते हुए पूर्ववत् तालाब के खाते में दर्ज कराने की संस्तुति की गई।

कब्जा होता तो डूब जाते ये इलाके
इस तालाब में शास्त्रीनगर, इमामबाड़ा, फैजाबाद रोड एवं जिगर मेमोरियल इंटर कॉलेज के पास की आबादी के घरों तथा बरसात का पानी जमा होता है। नगर पालिका परिषद गोण्डा के अधिशासी अधिकारी की रिपोर्ट पर भरोसा करें तो यदि तालाब पाट दिया गया तो कई मोहल्लों का पानी रुक जाएगा व मोहल्ले जलमग्न हो जाएंगे।

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