कासगंज: तीर्थनगरी सोरों के मेला परिसर में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन

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Published By Moazzam Beg
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सोरोंजी, अमृत विचार। सोरों के मेला मार्गशीर्ष में कार्यक्रमों का भी आयोजन हो रहा है। यहां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन मेला परिसर में बने पंडाल में हुआ। दूरदराज से आए कवियों ने कविताएं सुनाई तो किसी ने जमकर गुदगुदाया। देर रात तक कवि सम्मेलन में भीड़ उमड़ी रही। सम्मेलन का शुभारंभ कवियों ने मां सरस्वती की वंदना करने के साथ किया। अतिथियों  ने कवियों को सम्मानित किया।

कवि सम्मेलन में कवि मनोज मधुबन में पढ़ा की यह सोरों है,  जन्मे थे तुलसी यहां जिनके प्रभु श्री राम....कवियत्री शैलजा दुबे ने पढ़ा कि अधखिले फूल शाखों से तोड़े नहीं,  प्रेम पथ पर पड़े पांव मोड़े नहीं, विश मिले या वनवास संसार से राधिका ने कभी श्याम छोड़े नहीं....कवियत्री उन्नति भारद्वाज ने पढ़ा राम है, राम है, राम है, राम है, भव्य सजता अवध धाम है। 

मैनपुरी से आए कवि बलराम श्रीवास्तव ने पढ़ा कि प्राण पर देह का आवरण, जिंदगी देखकर ग्रंथ का व्याकरण... मैनपुरी से आए संदीप ने पढ़ा यह मत सोचो ज्ञान बांटते फिरते हैं, खुशियों का सम्मान बांटते फिरते हैं। दिल्ली से आए कवि  प्रताप फौजदार ने सम्मेलन में लोगों को जमकर गुदगुदाया। कवि मोहित सक्सेना ने पढ़ा कि कभी कपट से षड़यंत्रों से मक्कारों से हारोगे और कभी तुम अपने घर के गद्दारों से हारोगे। 

इसके अलावा जबलपुर से आए कवि भोला, किशनी से आए बलराम श्रीवास्तव, मध्य प्रदेश से आए सुमित कुमार, आगरा से आई डॉ. रुचि चतुर्वेदी ने भी कविताएं पढ़ीं। कवि सम्मेलन का संचालन डॉक्टर नीरज पांडे ने किया।  पालिकाध्यक्ष रामेश्वर दयाल महेरे ने बाहर से आए कवियों का सम्मान किया। देर रात तक लोग कवि सम्मेलन में जुटे रहे।

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