मुरादाबाद : चकबंदी अधिकारियों की ग्राम अदालत में जिला बदर हिस्ट्रीशीटर की दबंगई, जानिए मामला

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Published By Bhawna
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मुरादाबाद। जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय से जिला बदर घोषित अपराधी अपने ही गांव में घूम रहा है। चौकी क्षेत्र पीतलबस्ती में चकबंदी अधिकारियों की ग्राम अदालत में जिला बदर कुर्बान अली की दबंगई का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में पीड़ित पक्ष के जयप्रकाश ने कटघर थाने में भी शिकायत की है। जिस पर पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए आरोपी के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज कर ली है।

आरोप है कि जिला बदर कुर्बान अली ने हिस्ट्रीशीटर है। वह गांव में खुलेआम घूम रहा है। 27 दिसंबर को देवापुर गांव में चकबंदी अधिकारियों ने ग्राम अदालत की। उसमें भी वह दबंगई दिखाकर ग्रामीणों का विरोध कर रहा था। फोटो-वीडियो बनाने वाले को भी धमकाया। आरोप है कि हिस्ट्रीशीटर ने गांव के कुछ लोगाें को देख लेने की भी बात कही है। जय प्रकाश ने पुलिस को बताया कि आरोपी पर कार्रवाई न हुई तो वह उनके परिवार के लिए खतरा बन सकता है। जय प्रकाश ने पुलिस को बताया है कि बुधवार दोपहर में देवापुर प्राथमिक विद्यालय में हुई ग्राम अदालत में चकबंदी सीओ प्रमोद कुमार व जुबेर अहमद और लेखपाल विजय बहादुर समेत अन्य कर्मी भी थे। हरिओम फोटो खींच रहा था।

उन्होंने कहा कि हिस्ट्रीशीटर कुर्बान अली पुत्र असलीम मौके पर पहले से ही मौजूद था। वह शातिर अपराधी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुर्बान अपने गैंग के सदस्यों से पर्व में कई लोगों के विरुद्ध झूठे आरोपों में एफआईआर दर्ज करा चुका है। उधर, कटघर थाना क्षेत्र में पीतलबस्ती पुलिस चौकी इंचार्ज हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कुर्बान अली हिस्ट्रीशीटर है और वह जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय से जिला बदर भी घोषित है। इस आरोपी के गांव में होने की बात पर चौकी इंचार्ज ने जानकारी न होना बताया। कहा कि यदि वह गांव में घूम रहा है तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेजेंगे। 

सीओ चकबंदी ने कहा, उन्हें विवाद के बारे में जानकारी नहीं 
दूसरी तरफ चकबंदी सीओ जुबेर अहमद ने बताया कि बुधवार को देवापुर गांव में हुई ग्राम अदालत में उनके सामने कोई विवाद नहीं हुआ था और न ही उन्हें इस बारे में कोई जानकारी है। उन्होंने यह भी बताया कि इस गांव में वर्ष 2005 में चकबंदी हुई थी, जिसमें काफी अनियमितताएं सामने आई थीं। इसके बाद सर्वे स्तर से आयुक्त के निर्देश पर फिर से गांव में चकबंदी करने के आदेश जारी हुए हैं। यहां चकबंदी की धारा-9 के तहत वादों के निस्तारण की प्रक्रिया चल रही है। इसी क्रम में देवापुर में ग्राम अदालत लगी थी। इसमें तीन-चार मामले आए थे। इन वादों के निस्तारण के बाद धारा-10 के तहत पुनरीक्षित खतौनी बनाई जानी है, इसमें खातेदारों की जोत संबंधी, त्रुटियों को शुद्ध रूप में दर्शाया जाना है।

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