Special Story: टीपू सुल्तान मार्केट के नीचे दब गया रामपुर का चाकू कारोबार
नवाबी दौर से दुनिया भर में है मशहूर....हिन्दी फिल्मों में भी रहा है रामपुरी चाकू का जलवा
सुहेल जैदी, अमृत विचार। शहर का प्रसिद्ध चाकू बाजार टीपू सुल्तान मार्केट के नीचे दब गया। पूर्व मंत्री आजम खां ने चाकू बाजार में सड़क के बीचो-बीच टीपू सुल्तान मार्केट बनवाकर चाकू बाजार को पलीता लगा दिया। हालांकि, इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी फिलहाल मंडलायुक्त मुरादाबाद आन्जनेय कुमार सिंह रामपुरी चाकू को धार दिए जाने की कवायद कर रहे हैं। क्योंकि नवाबी दौर से रामपुरी चाकू दुनिया भर में मशहूर है।

रामपुर जिलाधिकारी रहते हुए आन्जनेय कुमार सिंह के प्रयास से मार्च 2023 में रामपुर में करीब 52 लाख रुपये की लागत से बनाया गया चाकू भी लगवाया गया इसके बावजूद रामपुरी चाकू की धार कुंद है। हालांकि, 80 और 90 के दशक में रामपुरी चाकू का जलवा हिन्दी फिल्मों में खूब रहा है। लेकिन, पूर्व मंत्री आजम खां ने चाकू बाजार को चौपट कर चौराहे में दो मंजिला मार्केट बनवा दी। जिसका नाम टीपू सुल्तान मार्केट रखा गया।
रामपुरी चाकू पर सियासत की धार भारी पड़ गई। पिछले 20 वर्षो में रामपुरी चाकू बाजार से गायब हो गया। जिसके चलते रामपुरी चाकू बनाने वाले करीब पांच हजार परिवार प्रभावित हुए और वे तंगहाली से जूझ रहे हैं। रामपुरी चाकू के दो मॉडल काफी प्रसिद्ध हुए जिनमें पहले नंबर पर किररीदार चाकू और दूसरे नंबर पर बटनदार चाकू है। चाकू कारोबार पर सियासत की मार पड़ने के बाद किररीदार चाकू बनाने वाले कारीगर भी खत्म हो गए।

हिन्दी सिनेमा ने रामपुरी चाकू को खासी प्रसिद्धि दिलाई। हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता शक्ति कपूर का बोला डायलॉग मेरे कन्ने रामपुरी है। इसके अलावा मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन द्वारा फिल्म सुहाग में बोला गया डायलॉग यह रामपुरी है। इसके अलावा अक्खड़ अभिनेता राजकुमार द्वारा बोला गया यह डायलॉग- जानी यह रामपुरी है, लग जाए तो खून निकल आता है को खूब प्रसिद्धि मिली। पुरानी तहसील पर पटरों पर चाकू बाजार लगता था। बाजार में छोटी-बड़ी करीब 100 दुकानें थीं। लेकिन, पिछले 20 साल के दौरान आए सियासी भूचाल में रामपुरी चाकू भी नदारद हो गया। हालांकि, एक बार फिर सरकार और सरकार के नुमाइंदे रामपुरी चाकू को धार देने की जुगत में लगे हुए हैं। मेहमानों को उपहार के रूप में रामपुरी चाकुओं का सेट दिया जा रहा है।

रामपुरी चाकू दिला सकता है विदेशी मुद्रा
भारत में जब चीन से आए चाकू की बड़ी मात्रा में खपत हो सकती है। तो अपना रामपुरी भी एक बार फिर दुनियाभर में अपनी धाक जमा सकता है। रामपुरी चाकू के विदेशों को निर्यात करने पर भारत को विदेशी मुद्रा मिल सकती है। क्योंकि, चाकू का नाम आते ही लोगों के जहन में रामपुरी चाकू की तस्वीर उभरती है। चायनीज चाकू देखते ही देखते भारतीय रसोई में घुस गया इसके आवा कई मॉडलो में चाकू के शौकीनों के लिए भी उपलब्ध है। लेकिन, थोड़ा सा होमवर्क और थोड़ी ब्रांडिंग कर रामपुरी चाकू को दुनिया के नक्शे पर एक बार फिर पहचान दिलाई जा सकती है।
चाकू रखने के लिए बनवाना पड़ता है लाइसेंस
पुरानी तहसील पर चाकू कारोबारी फैजान खां बताते हैं कि वह नौ इंच ब्लेड का चाकू बेच सकते हैं। लोहे के चाकू बड़े ब्लेड के पसंद किए जाते थे, लेकिन स्टील के चाकू छह इंच से कम ब्लेड के ही खूब बिक रहे हैं। कानून में छह इंच से कम के चाकू रखने की इजाजत है।

ब्लैक कमांडो चाकू बाजार में नया
चाकू विक्रेता शहजाद 13 साल से इस कारोबार से जुड़े हैं। पहले उनके पिता बब्बू चाकू बेचते थे। शहजाद कहते हैं कि ब्लैक कमांडो नाम का चाकू हाल ही में बाजार में आया है। इसमें पकड़ने के लिए ग्रिप और पंच भी है जो काफी मजबूत पकड़ देता है। स्टील टार्च नाइफ और ब्लैक टार्च नाइफ नाम के चाकू की भी काफी मांग है। एके-47 नाम का भी चाकू है, इसे सीआरपीएफ के जवान और फौजी ज्यादा खरीदते हैं। गोल्डन टीपू नाम की कटार की काफी डिमांड है। इसे विवाह के दौरान दूल्हा हाथ में लेता है। उनके पास स्टील का चाकू दो सौ रुपये से लेकर डेढ़ हजार रुपये तक बिक रहा है।

यह चाकू 6.10 मीटर लंबा और पीतल व स्टील से बनाया गया
नैनीताल रोड स्थित चौक पर चाकू लगवाकर इसका नाम चाकू चौराहा रखा गया है। करीब 52 लाख से जुड़े चाकू का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करने के लिए भेजा गया है। इस चाकू को जल्द ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में सबसे बड़े चाकू का सर्टिफिकेट मिल जाएगा। यह चाकू 6.10 मीटर लंबा और पीतल व स्टील से बनाया गया है। इस चाकू की खासियत ये भी है कि इसमें कभी जंग नहीं लग सकता और न ही ये धूप में खराब होगा। सांसद घनश्याम सिंह लोधी, शहर विधायक आकाश सक्सेना, मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह और जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ ने दुनिया के सबसे बड़े चाकू का लोकार्पण किया था।
ये भी पढ़ें : रामपुर : जयाप्रदा के लिए परेशानियों से भरा गुजरा साल 2023, पुलिस लगातार उनके ठिकानों पर दे रही दबिश
