Exclusive: कानपुर में डिफेंस कॉरिडोर को ताकत देंगी 200 इकाइयां, कौशल विकास योजना के युवाओं को मिलेगा रोजगार

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में डिफेंस कॉरिडोर के लिए दो सौ छोटी इकाइयों की स्थापना होगी।

कानपुर में डिफेंस कॉरिडोर में लग रहे उद्योगों में बनने वाले रक्षा उत्पादों के लिए जरूरत के उपकरणों का उत्पादन करने के लिए शहर में दो सौ छोटी इकाइयों की स्थापना होगी। इसके लिए उद्योग विभाग ने कवायद शुरू की है। यहां तोप, गोला, बारूद, पिस्टल, मशीन गन आदि बनाया जाएगा।

कानपुर, (राजीव त्रिवेदी)। साढ़ में बसाए जा रहे डिफेंस कॉरिडोर में लग रहे उद्योगों में बनने वाले रक्षा उत्पादों के लिए जरूरत के उपकरणों का उत्पादन करने के लिए शहर में दो सौ छोटी इकाइयों की स्थापना होगी। इसके लिए उद्योग विभाग ने कवायद शुरू की है। सौ से अधिक उद्यमियों ने सहयोगी यूनिटें लगाने के लिए संयुक्त आयुक्त उद्योग से संपर्क साधा है।

इनमें से तमाम ऐसे हैं जो खुद की भूमि पर उद्योग लगाएंगे, जबकि कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने भूमि उपलब्धता में मदद मांगी है। सहयोगी यूनिटें लगने से न सिर्फ लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि बड़ी यूनिटों को जरूरत के मुताबिक शहर में ही सामान मिल जाएगा।

साढ़ में डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना उप्र एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए कवायद 2018 में शुरू हुई थी। अडानी ग्रुप इस कॉरिडोर में एशिया का सबसे बड़ा एम्युनेशन कांप्लेक्स बना रहा है। कांप्लेक्स में कॉरिडोर में गोला-बारूद व रक्षा क्षेत्र से जुड़े अन्य उत्पादों को तैयार किया जाएगा। फरवरी या मार्च से इन बड़ी इकाइयों में मशीनें भी लगना शुरू हो जाएंगी।

यहां तोप, गोला, बारूद, पिस्टल, मशीन गन आदि बनाने के लिए छोटे-छोटे सामान की जरूरत की पूर्ति शहर से ही हो जाए इस दिशा में उद्योग विभाग काम कर रहा है। क्लस्टर से जुड़ी छोटी इकाइयां पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट, मैटलिक व नॉन मैटलिक कंपोनेंट सहित अन्य क्षेत्र में अपना योगदान देंगी। माना जा रहा है कि मार्च व अप्रैल से यह छोटी इकाइयां भी अस्तित्व में आने लगेंगी।

संयुक्त आयुक्त उद्योग सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एमएसएमई श्रेणी के उद्योग सहयोगी उद्योग के रूप में स्थापित किए जाएंगे। सौ से अधिक लोगों ने फिलहाल  विभाग से संपर्क साधा है। विभाग का लक्ष्य दो सौ से अधिक इकाइयां स्थापित कराने का है।   छोटे-छोटे पॉकेट में बनने वाले इस क्लस्टर से जुड़े अधिकांश उद्यमी डिफेंस कॉरिडोर के नजदीक ही निर्माण इकाइयों को लगाने का प्रयास कर रहे हैं।

जमीन के लिए संपर्क

डिफेंस की कई बड़ी यूनिटें लगाने के लिए भी कुछ कपंनियों के प्रतिनिधियों ने विभाग से संपर्क साधा है। उन्हें यह बता दिया गया है कि डिफेंस कॉरिडोर का विस्तार उप्र एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से करने की तैयारी है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही साढ़ में शुरू होगी।  

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

डिफेंस क्लस्टर से जुड़ी इकाइयों के शुरू होने के बाद प्रत्यक्षा व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। माना जा रहा है कि लगभग दो सौ छोटी इकाइयों के शुरू होने के बाद लगभग दस हजार लोगों को रोजगार हासिल हो सकेगा। इन इकाइयों में अधिकतर कौशल विकास के तहत अध्ययन कर रहे युवाओं को अवसर हासिल हो सकेंगे। शहर के युवाओ को अपने शहर में ही रोजगार मिल सकेगा। 

200 - लघु इकाइयों के क्लस्टर की तैयारी

100 - उद्यमियों ने किया अभी तक संपर्क

10 - हजार से अधिक युवाओं को रोजगार

50 - से अधिक उत्पाद हो सकेंगे तैयार

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