श्री राममंदिर पर बाबरी मस्जिद नहीं कलंक का ढांचा थी: महंत राजू दास
हनुमानगढ़ी के महंत, विधायकों व अन्य लोगों ने रामभक्त राम बहादुर वर्मा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन किया अर्पित
सुलतानपुर। कारसेवा के दौरान सुरक्षाबलों की गोलीबारी में घायल हुए जयसिंहपुर के सरतेजपुर निवासी राम बहादुर वर्मा की इलाज के दौरान 3 जनवरी 1991 को मौत हो गई थी। तब से उनके परिजन उनकी 3 जनवरी को पुण्य तिथि मनाते हैं। भाजपा सरकार आने के बाद कारसेवा बलिदानी की गांव में प्रतिमा स्थापित की गई थी।
बुधवार को पुण्यतिथि पर पहुंचे अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मंदिर आंदोलन के लिए चले लंबे संघर्ष का ही परिणाम है कि आज भव्य दिव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है। इस दौरान उन्होंने रामबहादुर वर्मा को कहा कि वे नाम के अनुरुप गुणों वाले बहादुर थे।

राम काज के लिए जो घर बार छोड़कर अयोध्या पहुंचे थे। यह तो दुर्भाग्य था जो 1990 में चली गोली उनको हमसे दूर कर दी। लेकिन आज जब राम मंदिर बन रहा है और राम जी को अपना घर मिल रहा है तो देश वासियों के साथ उनकी पुण्यात्मा भी आनंदित हो रही होगी। उन्होंने कहा कि उनके सतकर्मों का फल आज उनके परिवार को भी मिल रहा है जो उनके बड़े पुत्र कालीसहाय वर्मा को ग्रामीणों ने प्रधान बनाया है।
महंत राजू दास ने कहा कि अयोध्या में श्री राममंदिर पर बाबरी मस्जिद नहीं कलंक का ढांचा था जो आक्रांता बाबर ने बनवा दिया था। इसी ढांचे को नेताओं ने बाबरी मस्जिद का नाम दे दिया था। सदर विधायक राज प्रसाद उपाध्याय, भाजपा जिलाध्यक्ष डा आरए वर्मा, डा एके सिंह, संघ के नवीन, दिलीप दास, कृपाशंकर द्विवेदी, संघ के जिला कार्यवाह भानुप्रताप सिंह, विधायक राज प्रसाद उपाध्याय, सीताराम वर्मा, डॉ सीताशरन त्रिपाठी पूर्व जिला अध्यक्ष, काशी क्षेत्र के पूर्व उपाध्यक्ष संत बक्स सिंह चुन्नू, अवधेश सिंह सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।
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