मुरादाबाद : आकाश ग्रीन के पास कार सवार स्टील कारोबारी भाइयों को जान से मारने की कोशिश
मुरादाबाद। कार सवार स्टील कारोबारी दोनों भाइयों को रामगंगा विहार में आकाश ग्रीन के पास अज्ञात लोगों ने जान से मारने की पूरी कोशिश की। गनीमत रही कि वह बच गए। घटना में पीड़ित पक्ष ने गुरुवार रात में सिविल लाइन थाने में 20 अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है।
पारिष चोपड़ा ने बताया कि वह अपने भाई पार्थ चोपड़ा के साथ एक जनवरी की रात 2.30 बजे रामगंगा विहार में एक साथी से मिलने आकाश ग्रीन जा रहे थे। चूंकि, उसे अगले दिन तड़के महानगर से बाहर निकलना था। उसे कुछ कागज देने थे। रास्ते में आकाश ग्रीन के पास उनकी कार को 15-20 अज्ञात लोगों ने घेर लिया और उन्हें जबरन कार से उतारने लगे। ये सभी शराब के नशे में थे। जब पारिष कार से उतरे तो आरोपियों ने उन्हें लात-घूसों और डंडों से मारना शुरू कर दिया।
पीड़ित का कहना है कि सभी आरोपी आकाश ग्रीन के पास के ही थे। इसमें कुछ को उन लोगों ने पहचान भी लिया है। मारपीट देखकर भाई पार्थ चोपड़ा कार से बाहर निकला तो सभी लोगों ने उसे भी पीटना शुरू कर दिया। पारिष के चोट अधिक आ गई थी तो वह बेहोशी हालत में आकर जमीन पर गिर गए थे। फिर आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की नियत से उन्हें उठाकर गहरे नाले में फेंक दिया था और धमकाते हुए कहा कि यदि इस घटना को सार्वजनिक किया तो अगली बार जान से ही मार देंगे। फिर काफी देर बाद जब छोटे भाई पार्थ को होश आया तो उसने अपने भाई को नाले से निकाला।
पार्थ ने बताया कि उनका बड़ा भाई नाले में पड़ा चिल्ला रहा था। पार्थ ने बताया कि हमलावरों ने उनके सिर पर डंडा मार दिया था। अधिक चोट आने से उनको भी बेहोशी आ गई थी। पारिष चोपड़ा ने बताया कि शुक्रवार को घटना का चौथा दिन बीत गया लेकिन, उनकी दाईं आंख अभी भी खुल नहीं रही है। सुर्ख लाल है और बहुत दर्द है। हाथ, पैर, पीठ और सिर में भी चोट है।
पारिष चोपड़ा ने बताया कि घटना के बाद तुरंत वह सिविल लाइन थाने गए थे। पुलिसकर्मियों को पूरी घटना बताई थी। फिर अगले दिन मंगलवार को उन दोनों भाइयों का जिला अस्पताल में पुलिस ने मेडिकल परीक्षण भी कराया था। लेकिन, अभी तक पुलिस ने एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। इस मामले में सिविल लाइंस थानाध्यक्ष राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि पारिष चौपड़ा के मामले में अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है। अब संबंधित आरोपियों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है।
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