Chitrakoot: चित्रकूट इंटर कालेज के प्रधानाचार्य पर FIR के आदेश, पद का दुरुपयोग करने का आरोप..
चित्रकूट इंटर कालेज के प्रधानाचार्य पर एफआईआर के आदेश हुए हैं।
चित्रकूट इंटर कालेज के प्रधानाचार्य पर एफआईआर के आदेश हुए हैं। उन पर एक अनुसूचित जाति के छात्र ने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
चित्रकूट, अमृत विचार। कोर्ट ने चित्रकूट इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा. रणवीर सिंह चौहान व एक अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पीड़ित छात्र के अधिवक्ता और ह्यूमन राइट्स लीगल नेटवर्क के संयोजक रुद्र प्रसाद मिश्र ने बताया कि डा. चौहान ने एक अनुसूचित छात्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने में पद का दुरुपयोग किया था। इस पर छात्र ने भी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी और रिपोर्ट दर्ज न होने पर उसने कोर्ट में 156 (3) के तहत गुहार लगाई थी।
अधिवक्ता रुद्र प्रसाद मिश्र ने बताया कि शत्रुघ्नपुरी निवासी शौर्य बौरिया 29 सितंबर 22 को अपने सहपाठी मिथलेश और अतुल कुमार के साथ कोचिंग पढ़कर घर जा रहा था। वी-बाजार माल के पास कुलदीप, राज तिवारी, बोड़ा, राज त्रिपाठी और विकास सोनी ने उन पर हमला कर दिया और गालीगलौज कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अतुल कुमार ने इस संबंध में रात में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
अधिवक्ता ने बताया कि आरोपियों में से एक राज त्रिपाठी सीआईसी के कर्मचारी विनय त्रिपाठी का पुत्र था। आरोप है कि प्रधानाचार्य डा. रणवीर सिंह चौहान ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर 30 सितंबर को कालेज की एक छात्रा को बुलाया और बोल बोलकर एक प्रार्थनापत्र लिखवाया। इसके बाद विनय के साथ कोतवाली जाकर एक अक्टूबर 22 को शौर्य के खिलाफ पाक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज करा दी। अधिवक्ता के अनुसार, हालांकि बाद में उस छात्रा ने कोर्ट में यह कथन किया कि उसने न तो कोई प्रार्थनापत्र दिया है और न कोई घटना हुई है।
पीड़िता के पिता ने भी इसी आशय का पुलिस को लिखित बयान दिया था। जब छात्र के पिता को किशोर न्याय बोर्ड से तीन जुलाई 23 को बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने की नोटिस मिली तो उसे इस पूरे मामले की जानकारी हुई। उसने भी इस कथित झूठे मुकदमे को लेकर जब कोतवाली में सीआईसी प्रधानाचार्य और विनय त्रिपाठी के खिलाफ रिपोर्ट के लिए तहरीर दी तो उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। एडवोकेट रुद्र प्रसाद मिश्र ने बताया कि इस पर छात्र ने उनके माध्यम से कोर्ट में धारा 156 (3) जा. फौ. के तहत प्रार्थनापत्र दिया था।
बताया कि आठ जनवरी को विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम दीपनारायण तिवारी ने डा. रणवीर सिंह चौहान और विनय त्रिपाठी के खिलाफ समुचित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सात दिन में अनुपालन आख्या कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए हैं।
छात्र के खिलाफ मेरे पास सुबूत- डा. रणवीर सिंह चौहान
सीआईसी प्रधानाचार्य डा. रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि शौर्य एक छात्रा को परेशान करता था। उसकी हैंडराइटिंग के पत्र भी उनके पास हैं। छात्रा ने पाक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद क्या हुआ, उनको पता नहीं। दो-तीन बार छात्र को निष्कासित भी किया गया। कई शिक्षकों ने भी छात्र के खिलाफ शिकायत की है। छात्र के आडियो भी मेरे पास हैं, जिसमें वह रिपोर्ट आदि दर्ज कराने की धमकी दे रहा है। छात्रों के बीच विवाद में मेरा नाम पता नहीं क्यों घसीटा जा रहा है। यह भी पता नहीं कि छात्रा ने ऐसा बयान बाद में क्यों दे दिया।
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