कासगंज: पिता तो नहीं रहे, लेकिन जेल प्रशासन का प्रमाण पत्र देख कर हो रहा गर्व 

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Published By Vishal Singh
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दिवंगत कार सेवक के परिजन राम मंदिर बनने से हैं उत्साहित

कासगंज, अमृत विचार। राम मंदिर निर्माण का सपना संजोये दर्जनों कार सेवक अब दुनिया से विदा हो चुके हैं, लेकिन जब अब राम मंदिर का निर्माण होने के साथ ही उसमें रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है तो इन दिवंगत कार सेवकों के परिजनों का उत्साह देखते मिल रहा है। अपने बुजुर्गों का सपना पूरा होता देख वह उत्साहित हैं। 

1990 एवं 1992 में कार सेवा के लिए सैकड़ों कार सेवक अयोध्या गए और सैकड़ों कार सेवकों को प्रशासन ने अयोध्या जाने से रोक दिया और उन्हें जेल की सलाखों में डाल दिया। इनमें से तमाम कार सेवक अब इस दुनियार में नहीं रहे हैं। वह परलोक में राम के चरणों में स्थान पा चुके हैं। इन राम भक्तों ने अयोध्या में जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का सपना देखा था। उन्हीं में से एक हैं शहर के चामुंडा गली निवासी महेश चंद्र सैनी जो 1990 में कार सेवा के लिए अयोध्या जा रहे थे और उन्हें पुलिस प्रशासन ने जाने से रोक दिया और गिरफ्तार कर उन्हें एटा जेल में डाल दिया। 29 अक्टूबर को उनकी गिरफ्तारी हुई और नवंबर को उन्हें एटा जेल से रिहा किय गया। 

अब जब राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण लगभग हो चुका है और उसमें 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो महेश सैनी के परिवार में पिता द्वारा राम के लिए काटी गई जेल का प्रमाण उत्साह दे रहा है। भले ही उन्हें रामजन्म भूमि से अयोध्या धाम में होने वाले कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है। स्वर्गीय महेश सैनी के पुत्र दिनेश चंद्र सैन का कहना है कि उनके पिता का सपना पूरा हो रहा है उन्हें इसी बात का गर्व है। वह राम लला के दर्शन को परिवार सहित अवश्य जाएंगे। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को वह धार्मिक अनुष्ठान करेंगे और प्रसाद बंटवाएंगे।

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