बरेली: निमोनिया का वार, ऑक्सीजन के सपोर्ट पर नौनिहाल, भीषण ठंड के चलते कोल्ड डायरिया और निमोनिया की चपेट में आ रहे बच्चे

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Published By Om Parkash chaubey
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बरेली, अमृत विचार: जिले में पिछले कई दिनों से भीषण ठंड हो रही है। निमोनिया और कोल्ड डायरिया की चपेट में बच्चे आ रहे हैं। जिला अस्पताल में शीतजनित बीमारियों से पीड़ित आए तमाम बच्चे पहुंच रहे हैं। निमोनिया ग्रसित बच्चों की हालत गंभीर होने के चलते ऑक्सीजन सपोर्ट पर लेना पड़ रहा है।

बुधवार को जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में दोपहर 2 बजे तक कुल 15 बच्चे भर्ती थे जिनमें 7 बच्चे निमोनिया, 5 बच्चे कोल्ड डायरिया व 3 बच्चे बुखार से पीड़ित मिले। इनमें चार बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।

क्यों पड़ती है ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत: वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीस बेग के अनुसार, निमोनिया के दो प्रकार होते हैं एक सामान्य निमोनिया और दूसरा अति गंभीर निमोनिया। सामान्य निमोनिया में बच्चे की सिर्फ सांस तेज चलती है लेकिन अति गंभीर निमोनिया में बच्चा दूध पीना बंद कर देता है, छाती में गड्ढे पड़ने लगते हैं।

ऐसे में फेफड़ों में सूजन आ जाती है जिससे बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट देना पड़ता है। जरूरी है कि निमोनिया के लक्षण होने पर फौरन कुशल डॉक्टर की सलाह लें।

ये हैं लक्षण:

- बच्चों का बार-बार खांसना, अधिक समय तक खांसी रहना।

- सांस लेने में दिक्कत महसूस करना।

- तेज-तेज और कम गहरी सांस खींचना।

छाती से ऊपर पसलियों के बीच गड्ढे पड़ना।

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