प्रयागराज में कीजिये रामलला के दर्शन!, यहां के परेड ग्राउंड में हूबहू राममंदिर के तर्ज पर दिव्य मंदिर किया जा रहा तैयार!
मंदिर की मूर्ति भी होगी अयोध्या के राममंदर में स्थापित रामलला जैसी, 22 जनवरी को की जाएगी स्थापित
मिथलेश त्रिपाठी, प्रयागराज। 22 जनवरी के ऐतिहासिक पल का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अयोध्या धाम में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार के इस मनमोहक दृश्य को हर कोई अपनी आंखो से देखना चाहता है। माघ मेला क्षेत्र में अयोध्या में विराजमान रामलला के दर्शन होंगे। इसके साथ ही प्रयागराज संगम परेड ग्राउंड में राम मंदिर का मॉडल तैयार किया जा रहा है। अब संगम में भी 22 जनवरी को लोग रामलला एक दर्शन कर सकते है।
बता दें कि दारागंज के रहने वाले विपिन नरायन तिवारी ने संगम नगरी में शुरु हुए माघ मेले में अयोध्या की तर्ज पर राम मंदिर बनाने का एक अनूठा प्रयास किया है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर और उस मंदिर में प्रतिष्ठा के दौरान रखी जाने वाली मूर्ति को हूबहू बनवाने की तैयारी शुरु कराई है। मेला विकास प्राधिकरण की तरफ से बनाये जा रहे वेंडिग जोन और थिमैटिक पार्क बनाने की योजना के तहत यह प्रोजेक्ट दिमाग में आया और तैयारी शुरु करा दी गयी।

संगम में बन रहे इस मॉडल को अयोध्या का रूप दिया जा रहा है। अयोध्या में स्थापित रामलाल की मूर्ति को गंडगी नदी के जिस पत्थर से बनवाया गया है। उस नदी के पत्थर से मूर्ति तो तैयार नहीं की गयी है, लेकिन मंदिर के इस मॉडल में जो मूर्ति स्थापित की जाएगी उस रामलला की मूर्ति के पास इस पत्थर को रखा जाएगा। मॉडल में स्थापित की जाने वाली रामलला की मूर्ति को प्लास्टर का पेरिस मिट्टी लकड़ी और कागज की सहायता से बनाया जा रहा है।
कारीगर रामलला की मूर्ति को अयोध्या में स्थापित प्रतिमा जैसा रूप देने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि 25 जनवरी को इसका उद्घाटन किया जाएगा। रामलला के साथ राम दरबार की मूर्तियां भी लगाई जाएगी। प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाएगी। क्योंकि यह अस्थाई निर्माण है। राम मंदिर का यह मॉडल 8 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बना रहेगा।
राम मंदिर मॉडल के बगल में बना है चंद्रयान-3 का मॉडल
राम मंदिर मॉडल के बगल में ही चंद्रयान-3 का मॉडल भी बनाया गया है। इसके अंदर भारतीय सेवा के हथियारों और मिसाइल के मॉडल भी रखे जाएंगे। एलईडी स्क्रीन पर चंद्रयान से जुड़ी हुई तस्वीरों को भी दिखाया जाएगा। विपिन तिवारी ने बताया कि चंद्रयान-3 का मॉडल देखने के लिए ₹30 का टिकट रखा जाएगा, जबकि रामलला के दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं होगा।

बंगाल के कारीगरों की मेहनत से तैयार हो रहा पंडाल
बताते चलें कि इन दोनों पंडालों को बनाने के लिए बंगाल से कारीगरों को बुलाया गया है। कुल 60 कारीगर मिलकर इसे तैयार कर रहे हैं। इस पंडाल को बनाने में लगभग एक करोड़ की लागत खर्च हुई है। अभी आगे और भी खर्च होगा।
अविरल के हाथों से तराशी जा रही श्रीराम की मूर्ति
अविरल बंगाली ने बताया कि वैसे तो वह अब तक न जाने कितनी मूर्तियों को मूर्तरूप दे चुके हैं लेकिन इस मूर्ति को मूर्तरूप देने में उन्हें अलग और प्रसन्नता हो रही है। उसका कहना है कि श्री राम भगवान ने पत्थर को छूकर अहिल्या का उद्धार किया था। यह उनकी कृपा है कि आज अयोध्या में प्रतिष्ठित होने वाली मूर्ति के रूप को मै भी प्रयागराज में एक मूर्ति को हूबहू रूप देने की कोशिश कर रहा हू। पिछले 15 दिनों से मूर्ति को आकार देने की पूरी तैयारी की जा रही है।
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