अमरोहा : गन्ने के बढ़े दाम को लेकर किसानों में रोष, बताया 'ऊंट के मुंह में जीरा'

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Published By Bhawna
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अमरोहा। उत्तर प्रेदश सरकार ने गन्ने का मूल्य 20 रुपये बढ़ाया है। लेकिन, सरकार के इस फैसले से किसान खुश नहीं है। किसानों ने गन्ने का मूल्य 20 को बहुत कम रेट बताते हुए ऊंट के मुंह में जीरा के समान बताया है। वहीं किसान संगठनों से जुड़े किसान नेताओं का कहना है कि गन्ना मूल्य पर बढ़ाए गए 20 रुपये बहुत कम है। किसानों को इससे कहीं अधिक उम्मीद थी। इससे अधिक पड़ोसी राज्यों में गन्ना रेट है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने गन्ना मूल्य 400 रुपये नहीं किया तो चुनाव में किसान सरकार को सबक सिखाएंगे। 

ओमकार कटारिया

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना के रेट में जो 20 की बढ़ोतरी की है वह ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है। किसान लगातार गन्ने का मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल की मांग कर रहे हैं। योगी सरकार ने 20 बढ़कर यह सिद्ध कर दिया है की प्रदेश की भाजपा सरकार पूर्ण रूप से किसान विरोधी है। किसानों के हितेषी नहीं है, गन्ने का रेट 500 प्रति क्विंटल होना ही चाहिए। -ओमकार कटारिया, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

अनुज नागर

प्राईवेट में हो रही गन्ना खरीद 400 के पार है और सरकार ने लम्बे इंतजार के बाद मात्र 20 रुपये की बढ़ोत्तरी की है। जोकि काफी नहीं है। जबकि पड़ोसी राज्यों में 391 रुपये तक के रेट हैं। क्या इस तरह होगी किसानों की आय दोगुनी। किसानों को सरकार से बहुत नाराजगी है। किसान सरकार का बहिष्कार करने को रोड पर उतरेंगे। गन्ना मूल्य में संसोधन कर गन्ना मूल्य 450 रुपये क्विंटल किया जाए। -अनुज नागर, जिला उपाध्यक्ष, भाकियू शंकर

चौधरी दिवाकर सिंह

पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी डबल इंजन की सरकार है और वहां पर यूपी के मुकाबले गन्ना मूल्य अधिक दिया जाता है। जबकि मजदूरी और गन्ना फसल की लागत दोनों राज्यों में बराबर ही है। चीनी व एथेनॉल भी बराबर रेट में बिक्री होती है। किसानों द्वारा क्रेशर व कोल्हू पर गन्ना देने से भी उन्हें 20 रुपये का नुकसान हुआ है। यूपी सरकार को अगर गन्ना मूल्य 20 रुपये बढ़ाना ही था तो पेराई सत्र के आरंभ में ही बढ़ाते। डबल इंजन की सरकार होने के नाते योगी सरकार को हरियाणा सरकार के बराबर 386 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित करना चाहिए था। -चौधरी दिवाकर सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाकियू शंकर 

चौधरी वीरेंद्र सिंह

20 रुपये इस  वर्ष बढ़ाना ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। क्योंकि 400 रुपये प्रति क्विंटल तोड़ नगद ही खरीद चल रही है। हर वर्ष महंगाई बढ़ रही है। गाने में लागत भी बढ़ रही है। किसान की 100 रुपये प्रति क्विंटल कम से कम बढ़ाना चाहिए था। -चौधरी वीरेंद्र सिंह, जिला महासचिव भारतीय किसान यूनियन

कृष्ण कुमार शर्मा

गन्ना मूल्य में 20 रुपये की बढ़ोतरी नाकाफी है। जबकि लागत एवं किसानों के खर्च बढ़ते ही जा रहे हैं। 400 रुपये गन्ना मूल्य घोषित होना चाहिए था। सरकार द्वारा गन्ने के मूल्य में की गई बढ़ोतरी कम है। गन्ना मूल्य हरियाणा 386 रुपये प्रति क्विंटल से कम तो होना ही नहीं चाहिए था। -कृष्ण कुमार शर्मा, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना मूल्य पर 20 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ाना किसान हित में है। लेकिन यह गन्ना मूल्य वृद्धि किसानो के लिए नाकाफी है। हम सरकार से गन्ना मूल्य 400 रूपये प्रति क्विंटल करने की अपील करते है। नरेश चौधरी, जिलाध्यक्ष, भाकियू चढ़ूनी

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