गृह मंत्रालय ने आतंकी संगठन SIMI पर पांच साल का प्रतिबंध बढ़ाया, UAPA के तहत कार्रवाई
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (Students Islamic Movement of India)' पर पांच साल के लिए प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। गृहमंत्री कार्यालय की ओर से सोमवार (29 जनवरी) को ये आदेश जारी किया गया। गृह मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट के जरिए इस बैन को बढ़ाए जाने के आदेश की जानकारी साझा की।
गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत पांच सालों की अवधि के लिए इस संगठन को 'गैरकानूनी संघ' करार दिया है। बता दें कि यह एक प्रतिबंधित संगठन है।
Bolstering PM @narendramodi Ji's vision of zero tolerance against terrorism ‘Students Islamic Movement of India (SIMI)’ has been declared as an 'Unlawful Association' for a further period of five years under the UAPA.
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) January 29, 2024
The SIMI has been found involved in fomenting terrorism,…
गृह मंत्रालय ने पोस्ट में लिखा कि आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण के तहत 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' (SIMI) को यूएपीए के तहत अगले पांच सालों के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है।
सरकार ने देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और शांति व सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में संलिप्तता के लिए आतंकवादी समूह स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगा प्रतिबंध को सोमवार को पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि आतंकवाद को ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने (जीरो टॉलरेंस)’ के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए, सिमी को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत पांच साल की अवधि के लिए 'विधि विरुद्ध संगठन' घोषित किया गया है।
सिमी पर पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 2001 में प्रतिबंध लगाया गया था। तब से हर पांच साल में प्रतिबंध बढ़ाया जाता रहा है। सिमी पर पिछला प्रतिबंध 31 जनवरी, 2019 को लगाया गया था। शाह ने कहा, "सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति व सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।"
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि सिमी अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को जारी रखे हुए है और अपने कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित कर रहा है, जो अब भी फरार हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि यह समूह साम्प्रदायिकता, वैमनस्य पैदा करके, राष्ट्र-विरोधी भावनाओं के प्रचार, उग्रवाद का समर्थन करके देश की अखंडता व सुरक्षा के लिए हानिकारक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहा है।
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