बदायूं: तीन हजार से ज्यादा किसानों को नहीं मिली मुआवजा राशि, एडीएम एफआर से जवाब-तलब
बदायूं, अमृत विचार: प्राकृतिक आपदा के दौरान तीन हजार से अधिक किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली। ये डाटा पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहा है। जबकि इन किसानों को मुआवजा राशि पहले ही दी जा चुकी है। पोर्टल में दिक्कत होने के कारण ऐसी स्थित बनी हुई है। पोर्टल पर डाटा प्रदर्शित होने की दशा में शासन ने एडीएम एफआर को जवाब तलब किया है। एडीएम के अनुसार उन्होंने अपना जवाब भेज दिया है।
जिले में हर साल प्राकृतिक आपदा आती है। जिसमें बाढ़ की वजह से हजारों किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। जिसे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। शासन के आदेश पर प्राकृतिक आपदा क्षेत्र का अधिकारियों द्वारा सर्वे कराया जाता है। इसके बाद उन्हें नियमानुसार मुआवजा राशि प्रदान की जाती है। जिले में 2021-22 व 2022-23 में आई आपदा के दौरान तमाम किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा था।
जिस पर जिला प्रशासन द्वारा क्षेत्र का सर्वे कराया गया। उसका आकलन कराते हुए किसानों को समय रहते मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई। लेकिन पिछले दिनों शासन के पोर्टल पर जिले का नाम प्रदर्शित होने लगा। जिसमें जिले के तमाम किसान ऐसे थे। जिन्हें गत वर्षो का मुआवजा नहीं दिए जाना दर्शाया गया।
इसमें 2021-22 में जिले के करीब तीन हजार से ज्यादा किसान और 2022-23 के तीन सौ से ज्यादा किसान प्रदर्शित हो रहे थे। इस पर प्रदेश सरकार ने एडीएम एफआर से जवाब मांगा। साथ ही निर्देश दिए कि इनका दोबारा सत्यापन कराने के बाद में मुआवजे से वंचित किसानों को मुआवजा दिया जाए।
शासन से आदेश प्राप्त होने के बाद एडीएम ने एसडीएम दातागंज से इन किसानों का दोबारा से सत्यापन करते हुए रिपोर्ट मांग ली। एसडीएम ने एडीएम को भेजी रिपोर्ट में बताया कि सभी किसानों को मुआवजा धनराशि दी जा चुकी है। एसडीएम की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद एडीएम में उच्चाधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी।
जिन किसानों का डाटा पोर्टल पर दिख रहा है। उन्हें मुआवजा राशि पहले ही दी जा चुकी है। यह सभी किसान दातागंज क्षेत्र थे। एसडीएम दातागंज से दोबारा सत्यापन कराकर जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। असल में पोर्टल पर कुछ तकरीकी दिक्कत होने के कारण हुआ है---राकेश कुमार पटेल, एडीएम एफआर।
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