बदायूं: भाभी की गैर इरादतन हत्या करने वाले देवर को उम्रकैद, 10 हजार रुपये का जुर्माना

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Published By Moazzam Beg
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बदायूं, अमृत विचार। भाभी की गैर इरादतन हत्या करने वाले देवर को विशेष न्यायाधीश आवश्यक वस्तु कुमारी रिंकू ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना डाला है। जुर्माने की आधी धनराशि मृतक के पति को दी जाएगी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार कस्बा बिल्सी निवासी शराफत ने तहरीर देकर बताया था कि 29 अक्टूबर 2006 को खेत पर गए थे। दोपहर लगभग तीन बजे वापस घर आए। उनकी 10 साल की बेटी सरवीन रोती हुई मिली। बेटी ने बताया कि उसके चाचा कोतवाली उझानी क्षेत्र के मोहल्ला किला खेड़ा निवासी शमशाद पुत्र मोहम्मद नवी घर पर आए थे। चाचा ने उसे रुपये दिए और चीज खाने के लिए बाहर भेज दिया। वह दुकान पर गई। 

उस दौरान चाचा और उसकी मां के बीच कहासुनी हो रही थी। चाचा ने आंगन में पड़ी फंटी उसकी मां के सिर में मार दी। मां के सिर से खून निकल रहा था। इसी दौरान चाचा ने मां के गले में पड़ी शॉल से गला घोंट दिया। मां चारपाई पर गिर गईं और चाचा चले गए। शराफत कमरे में गए तो उनकी पत्नी का शव पड़ा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज की और आरोपी को गिरफ्तार किया। कुछ दिनों के बाद उसे जमानत मिल गई थी। उपनिरीक्षक आदिल रशीद ने विवेचना की। वादी और गवाहों के बयान दर्ज किए। 

घटनास्थल का नक्शा नजरी तैयार करके कोर्ट में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। न्यायालय में शमशाद पुत्र गुलाम नवी पर अपनी भाभी की गैर इरादतन हत्या करने के आरोप में मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। अभियोजन पक्ष के एडीजीसी सुधीर कुमार मिश्रा और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद आरोपी शमशाद को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। 10 हजार रुपये अर्थदंड न देने पर दो महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना होगा।

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