समावेशी विकास की राह

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
On

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया। वित्तमंत्री ने संकेत दिया कि सरकार चुनाव में वापसी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। 

उन्होंने कहा मोदी सरकार अपने उपलब्धियों के आधार पर जुलाई में पूर्ण बजट पेश करने के लिए वापस आएगी और उसे चुनाव में जाने के लिए अंतिम समय में रियायतों की घोषणा की जरूरत नहीं है। वास्तव में बजट में किसी भी लोकलुभावन कदम की घोषणा नहीं की गई जैसा कि चुनाव पूर्व बजट में उम्मीद की जाती है। अंतरिम बजट से साफ हो गया है कि आर्थिक विकास के विभिन्न आयामों से जुड़ी पूर्व की नीतियां जारी रखी जाएंगी। 

वित्तमंत्री का लगभग दो तिहाई भाषण सरकार की 10 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों पर आधारित था। बजट में राजनीतिक रूप से सबसे दिलचस्प घोषणाओं में से एक प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के हिस्से के रूप में एक करोड़ घरों को छत पर सौर ऊर्जा उत्पादन प्रदान करने का कार्यक्रम था। यह विभिन्न राज्यों में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त बिजली की कई गारंटी के जवाब के रूप में आया है। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार चार प्रमुख वर्गों गरीब,  महिलाएं, युवा और अन्नदाता के विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर विश्वास करती है। उनकी आवश्यकताएं, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनके सशक्तिकरण और कल्याण से देश आगे बढ़ेगा। उधर विपक्ष ने अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया है। 

विपक्षी दलों के मुताबिक महंगाई रोकने के लिए बजट में कुछ नहीं किया गया है। इसमें बेरोजगारों, महिलाओं के लिए भी कुछ नहीं कहा गया है। एक तरफ कहा जा रहा है कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाया गया है, दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है।

अंतरिम बजट में सरकार ने टैक्स स्लैब को पहले की तरह ही रखा है। हालांकि वित्तमंत्री ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए वित्तीय वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25 हजार और वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की अवधि के दस हजार रुपये तक के प्रत्यक्ष कर डिमांड को वापस ले लिया है। इससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य बढ़ा कर तीन करोड़ किया गया है। कहा जा सकता है कि अंतरिम बजट भारत को जन-केंद्रित, समावेशी विकास प्रदान करने में मदद करेगा। 

ये भी पढे़ं- बजट से उम्मीदें