World Cancer Day: मजबूत इच्छा शक्ति दिलाती है कैंसर से जीत, विशेषज्ञ बोले- हर आदमी ना बने डॉक्टर
वीरेंद्र पांडेय/ लखनऊ, अमृत विचार। कैंसर जैसी घातक बीमारी भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। समय से बीमारी की जानकारी होना और उसका इलाज शुरू होना बहुत जरूरी होता है, तभी मरीज को इससे छुटकारा दिलाया जा सकता है। मौजूदा समय में ऐसे कई उदाहरण है कि समय पर इलाज शुरू होने से आज उनका जीवन सुरक्षित है।
लेकिन इन सब के पीछे दो अहम चीज और है। जिसमें मरीज के अंदर दृढ़ इच्छा शक्ति और दूसरी डॉक्टर की सलाह पर इलाज करना शामिल है। यह कहना है किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में रेडियोथैरेपी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सुधीर सिंह का। विश्व कैंसर दिवस के मौके पर उन्होंने लोगों को जागरूक करने के नजरिए से अपने विचार व्यक्त किए है।
उन्होंने कहा है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से यदि जीतना है तो अपने सेहत के प्रति सावधान रहें। समय-समय पर चिकित्सक से परामर्श करते रहें। स्वस्थ रहने के बावजूद भी चिकित्सक की सलाह लेना शरीर में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाव का बड़ा रास्ता साबित हो सकता है। यदि आप डॉक्टर से समय-समय पर मिलते हैं और परामर्श लेते हैं तो शरीर में कोई भी बड़ी बीमारी होने वाली होगी तो उसका पता चल जाएगा।
ब्रेन ट्यूमर के मरीज भी होते हैं ठीक
उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर को सबसे घातक कैंसर माना जाता है। इसमें मरीज के जीवन को बचाना बहुत कठिन होता है। इलाज के बावजूद भी कई मरीज एक साल से ज्यादा का जीवन नहीं जी पाते, लेकिन मौजूदा समय में ऐसे कई मरीज है।
इस दौरान उन्होंने कमलेश मिश्रा और मोतीलाल नाम के दो व्यक्तियों का जिक्र भी किया। जिन्होंने इस बीमारी पर विजय पाई है। जो 6 से 8 साल से अधिक समय से अपना जीवन बेहतर तरीके से जी रहे है। इन व्यक्तियों के स्वस्थ होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह समय पर सटीक इलाज और दृढ़ इच्छा शक्ति रही है।
मरीज तीमारदारों की दुविधा के बारे में जरूर समझे
डॉ सुधीर बताते हैं कि जो लोग कैंसर से पीड़ित है वह अपने परिजनों और तीमारदारों की दुविधा भी जरूर समझे। मरीज की सेवा करने वाले परिजन मरीज से कम कष्ट नहीं उठाते हैं। मरीज को डॉक्टर की सलाह पर सारे काम करने चाहिए, हर किसी के नुस्खे पर इलाज नहीं करना चाहिए।
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