UP Budget: योगी सरकार ने सदन में पेश किया यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट, वित्त मंत्री ने पढ़ा बजट भाषण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को वर्ष 2024-25 का बजट सदन में पेश किया। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में बजट प्रस्तुत पेश किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य विधानसभा सदस्य उपस्थित रहे। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश का 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपए है। इसमें 24 हजार करोड़ रुपए की नई योजनाएं लाई गई हैं।
पढ़ें वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का बजट भाषण...
किसान
डार्क जोन में नये निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है जिससे लगभग एक लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एकल रबी फसल की सिंचाई हेतु सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा प्रदान की गयी। वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक लगभग 37 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कराया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 2022-2023 के लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को माह अक्टूबर, 2023 तक 831 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत दिसम्बर, 2023 तक लगभग 63,000 करोड़ रूपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से 2 करोड़ 62 लाख कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की गयी। प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पुरूष एवं महिला दोनों के लिए 3000 रूपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है।
वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से 29 जनवरी, 2024 तक लगभग 48 लाख गन्ना किसानों को 2 लाख 33 हजार 793 करोड़ रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 2 लाख 1 हजार 519 करोड़ रूपये से भी 20,274 करोड़ रूपये अधिक है। पेराई सत्र 2023-2024 के लिये गन्ने की अगैती प्रजाति का मूल्य 350 रूपये से बढ़ाकर 370 रूपये, सामान्य प्रजाति का 340 रूपये से बढ़ाकर 360 रूपये तथा अनुपयुक्त प्रजाति का मूल्य 335 रूपये से बढ़ाकर 355 रूपये प्रति कुन्तल हो गया है।
महिला एवं बाल विकास
निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दी गयी है। योजना में 2023-2024 में तृतीय तिमाही तक 31 लाख 28 हजार निराश्रित महिलाओं को लाभान्वित किया गया। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत पात्र बालिकाओं को 6 विभिन्न श्रेणियों में कुल 15000 रूपये की सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक 17.82 लाख लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जा चुका है।
महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 200 उत्पादक समूहों का गठन करके तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाना लक्षित है। उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अन्तर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को कोष के अन्तर्गत 1 लाख रूपये से 10 लाख रूपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था है।
युवा
प्रदेश के 117 विकास खण्डों में 124 ग्रामीण स्टेडियम / मल्टीपरपज हॉल का निर्माण किया गया है। प्रदेश की ग्राम पंचायतों में 53,800 युवक मंगल दल एवं 51,300 महिला मंगल दलों का गठन किया जा चुका है। इन दलों के माध्यम से युवाओं की सहभागिता राष्ट्रीय एवं सामाजिक महत्व के कार्यों में सुनिश्चित कराई गई है। कर्नाटक में 12 से 16 जनवरी, 2023 तक आयोजित 26वें राष्ट्रीय युवा उत्सव में उत्तर प्रदेश के लोकगीत की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक अर्जित किया।
रोजगार
एम०एस०एम०ई० सेक्टर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत अब तक 22 लाख 389 लाभार्थियों को लाभान्वित करते हुये 1,79,112 रोजगार सृजित किये गये। एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजना के अन्तर्गत 13,597 लाभार्थियों के माध्यम से 1,92,193 रोजगार सृजित हुये। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद कौशल उन्नयन एवं टूलकिट योजना के अन्तर्गत लगभग 4.08 लाख रोजगार सृजित हुये।
एकेटीयू से संबद्ध लगभग 700 से अधिक संस्थानों के छात्रों के लिये लगभग 25 हजार रोजगार के अवसर पिछले शैक्षिक सत्र में उपलब्ध कराये गये। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिनमें से 4.13 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया।
महात्मा गाँधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 28 करोड़ 68 लाख मानव दिवस सृजित कराते हुये 75 लाख 24 हजार श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 33 करोड़ मानव दिवस का सृजन किये जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक 408 लाभार्थियों को 1854.88 लाख पूँजीगत निवेश ऋण के साथ 7418 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
सामाजिक सुरक्षा
प्रदेश के लगभग 55 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से प्रदान की जा रही है। Iसभी वर्गों की पुत्रियों की शादी हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत एक जोड़े के विवाह पर 51,000 रूपये अनुदान की व्यवस्था है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 1,00,874 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराते हुये 510 करोड़ रूपये का व्यय किया गया।
श्रमिक कल्याण
भारत सरकार द्वारा निर्मित 'ई-श्रम" पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के लगभग 8.32 करोड़ कामगारों का पंजीकरण हुआ है जो देश में सर्वाधिक है। दिनांक 26 अगस्त, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 तक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 80.11 लाख श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता के अन्तर्गत 2 हजार रूपये की दर से लगभग 1600 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया ।
निर्माण कामगार मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजना को एकीकृत करते हुये नयी योजना "निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना' कर दिया गया है। समस्त योजनाओं में माह नवम्बर, 2023 तक 40,183 कामगारों को लाभान्वित किया गया तथा 433 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गई।
निर्माण कामगार गम्भीर बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में कराने पर इलाज के व्यय की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति करायी जा रही है।
वित्तीय समावेशन
प्रदेश की जनता को वर्तमान में बैंकों की 19,705 शाखाओं, 2,28,544 बैंक मित्र एवं बी०सी० सखी तथा 17,852 ए०टी०एम० के माध्यम से बैकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 9 करोड़ खातों के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 5 करोड़ 54 लाख नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1.90 करोड़ के नामांकन साथ उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर है।अटल पेंशन योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख नामांकन का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।
औद्योगिक विकास
विश्व स्तरीय इंफास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपने माल के परिवहन में सुविधा उपलब्ध होगी जिससे प्रदेश से निर्यात बढ़ेगा।
महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण से प्रदेश में चार अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हैं तथा शीघ्र ही नोएडा के जेवर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रारम्भ होने वाला है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पाँच अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग एवं विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स की सुलभता (लीड्स-2023) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने "अचीवर्स" की श्रेणी प्राप्त की है।
चिकित्सा क्षेत्र
राज्य सरकार के प्रयासों से मातृ मुत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से कम होकर वर्ष 2022 में 167 प्रति लाख तथा शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से कम होकर वर्ष, 2020 में 38 प्रति हजार हो गयी है। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2023 में ए०ई०एस० (एक्यूट इन्सिफेलाइटिस सिन्ड्रोम) रोगियों की संख्या में 76 प्रतिशत तथा मृत्यु दर में 98 प्रतिशत की कमी एवं जे०ई० (जापानी इन्सिफेलाइटिस) के रोगियों की संख्या में 85 प्रतिशत तथा मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है।
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एम०बी०बी०एस० की सीटों की संख्या 1840 से बढ़कर कर 3828 हो गयी है तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर 5250 हो गयी है। इस प्रकार कुल 9078 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं।
सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पी०जी० सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1543 तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर 1775 हो गयी है। इस प्रकार पी०जी० की कुल 3318 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 4 करोड़ 86 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किये गये है। लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
वर्ष 2007 से 2017 तक की 10 वर्ष की अवधि में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 60,970 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के रूप में 638 करोड़ 26 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के अब तक के कार्यकाल में वर्ष 2017 से अद्यावधिक अर्थात 07 वर्ष से भी कम अवधि में 1,61,962 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता हेतु 2.765 करोड़ रूपये स्वीकृत किये जा चुके हैं जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।
कानून व्यवस्था
सरकार प्रदेशवासियों को अपराध एवं भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार करने में पूरी तरह सफल रही है। विविध त्यौहारों एवं यू०पी० ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023, आजादी का अमृत महोत्सव, जी-20 सम्मेलन, क्रिकेट विश्व कप-2023 जैसे वृहद आयोजनों को शान्तिपूर्ण एवं सुरक्षित ढंग से सम्पन्न कराया गया। अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किये गये प्रबन्धों की सराहना देश-दुनिया से आये अतिथियों ने की।
वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2023 में डकैती के मामलों में 87 प्रतिशत, लूट में 76 प्रतिशत, हत्या में 43 प्रतिशत, बलवा में 65 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण में 73 प्रतिशत की कमी हुई है। ऑपरेशन त्रिनेत्र के अन्तर्गत 8,54,634 सी०सी०टी०वी० कैमरों का अधिष्ठापन किया जा चुका है। अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2024 तक पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर 1,55,830 भर्तियाँ तथा 1,41,866 पदोन्नतियाँ की गयी हैं।
महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हेतु सेफ सिटी परियोजना में महत्वपूर्ण स्थलों पर सी०सी०टी०वी० कैमरों की स्थापना, डार्क स्पॉट्स का चिन्हीकरण एवं लाइट्स लगाना, हॉट प्वाइण्ट्स को चिन्हित करने, पिंक बूथों की स्थापना तथा बस / टैक्सियों में पैनिक बटन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
03 महिला पी०ए०सी० बटालियन जनपद लखनऊ, गोरखपुर एवं बदायूँ में स्थापित हैं। जनपद बलरामपुर, जालौन, मिर्जापुर, शामली तथा बिजनौर में 05 अन्य पी०ए०सी० बटालियन स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
उत्तर प्रदेश स्पेशल सेक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियाँ गठित की गयी हैं। महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण हेतु 1,699 एण्टी रोमियों रक्वॉयड का गठन कर अनवरत अभियान चलाया जा रहा है। समस्त थानों में साइबर क्राइम सेल गठित किया गया है। वर्तमान में सभी 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाना संचालित है।
होमगार्ड स्वयंसेवकों की मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को 05 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाती है। दुर्घटना बीमा योजनान्तर्गत, होमगार्ड्स को 30 लाख रूपये की बीमा सुविधा प्रदान की गयी है।
प्रमुख विभागों की मुख्य मुख्य योजनाओं का ब्योरा निम्नवत् प्रस्तुत है...
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
• राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की विभिन्न योजनाओं के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 7350 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्राक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना हेतु 952 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में 322 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
• पं० दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अन्तर्गत आबद्ध निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गयी है। जिसपर 150 करोड़ व्यय भार अनुमानित है, जिसका पूर्ण वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
चिकित्सा शिक्षा
• प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित। वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल कालेजों से आच्छादित व 14 जनपदों में केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कालेज निर्माणाधीन। 16 असेवित जनपदों में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित। राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 की गयी। जनपद वाराणसी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित। असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा हेतु 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ट्रामा सेन्टर लेवल-द्वितीय को ट्रामा सेन्टर लेवल-एक (100 बेडेड/एपेक्स ट्रामा सेन्टर (200 बेडेड) में उच्चीकृत करने हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
आयुष
आयुष्मान कार्यक्रम के अन्तर्गत 1600 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर स्थापित किये जाने का लक्ष्य तथा 1035 राजकीय आयुर्वेदिक होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सालयों को हेल्थ वेलनेस सेन्टर में परिवर्तित किया जा रहा है।
• प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालयों के साथ ही 08 आयुर्वेदिक, 02 यूनानी तथा 09 होम्योपैथिक कॉलेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय क्रियाशील हैं।
• वित्तीय वर्ष 2024-25 में आयुष विभाग के अन्तर्गत महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने तथा जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का लक्ष्य।
राजकीय आयुष महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में औषधियों की समुचित व्यवस्था तथा 50 बेडेड एकीकृत आयुष चिकित्सालय 11 जनपदों में स्थापित हैं तथा 06 जनपदों में भवन के निर्माण का कार्य पूर्ण।
अवस्थापना एवं औद्योगिक
• बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एक नये औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) गठन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अनुरूप बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना।
• सेमी कंडक्टर, डाटा सेन्टर, स्टार्टअप एवं आईटी सेक्टर से सम्बंधित विशेष योजना के साथ ही वर्ष 2022 में इलेक्ट्रानिक्स मैनुफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए नीति भी लागू।
• प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर में बड़े पैमाने पर कार्य जारी। डिफेंस कॉरीडोर के 06 नोड्स में से 03 नोड्स का आवंटन पूर्ण।
• प्रदेश में एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इण्डिया 500 कम्पनियों के निवेश को आकर्षित करने हेतु फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेसमेंट एवं फॉर्च्यून 500 कम्पनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति-2023 घोषित। इस नीति के क्रियान्वयन हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत टैबलेट / स्मार्ट फोन वितरण हेतु 4000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित। वर्तमान वर्ष में 125 लाख से अधिक टैबलेट / स्मार्ट फोन बांटे गये हैं। यह प्रक्रिया गतिमान है।
• गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना हेतु 2057 करोड़ 76 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुने से ज्यादा है।
• आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने हेतु नये लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• अटल इण्डस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्राक्चर मिशन हेतु 400 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक है।
सड़क एवं सेतु
• राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण हेतु 2881 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
• राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रूपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• औद्योगिक / लॉजिस्टिक पार्क हेतु 4 लेन मार्गों के चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण / निर्माण हेतु 800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण/नवनिर्माण/पुनर्निर्माण हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• रेलवे उपरिगामी/अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1350 करोड़ रूपये एवं ग्रामीण सेतुओं हेतु 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• शहरों एवं कस्बों में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए शहरों में फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1000 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग
• सरकार द्वारा 31 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण जिससे 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता सृजित जिससे 46 लाख 69 हजार कृषक लाभान्वित।
• विभिन्न जनपदों में 6600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों का पुनर्निर्माण कार्य प्रगति पर। इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुर्नस्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।
• नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
• नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं (नाबार्ड पोषित) हेतु 1530 करोड़ 60 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित ।
• डार्क जोन में असफल 569 नलकूपों हेतु 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति
• जल जीवन मिशन हेतु 22 हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित, जिसमें से 02 हजार करोड़ रूपये की धनराशि अनुरक्षण मद हेतु ।
• मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1020 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• वर्षा जल संचयन एवं भू-जल संवर्द्धन योजना हेतु 80 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 51 प्रतिशत अधिक है।
• ग्राउण्ड वाटर रीचार्जिंग एवं चेकडैम निर्माण हेतु 65 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है।
नागरिक उड्डयन
प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने का लगातार प्रयास। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आर०सी०एस०-उड़ान) तथा राज्य सरकार की उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति के तहत की जा रही है।
• गत वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में 19.2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी।
• हवाई कनेक्टिविटी के लिए चयनित एयरपोर्ट्स यथा अलीगढ़, आजमगढ़, गुरादाबाद, श्रावस्ती तथा चित्रकूट विकसित तथा म्योरपुर (सोनभद्र) व सरसावा (सहारनपुर) का एयरपोर्ट्स का विकास कार्य गतिमान है।
• अयोध्या में 'महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम' का विकास कराया गया है। अयोध्या में एयरपोर्ट की स्थापना व विस्तार हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावितI
• हवाई पट्टियों के निर्माण विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण एवं भूर्मि अर्जन हेतु 1100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• जनपद-गौतमबुद्ध नगर के जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना कार्य एवं भूमि क्रय हेतु 1150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऊर्जा
• वर्ष 2023-2024 में अप्रैल से दिसम्बर तक जनपद मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील पर 21.34 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति की गयी।
• वर्ष 2017-18 से 1,21,324 मजरे विद्युतकृत।
• प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निःशुल्क एवं अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत कनेक्शन दिये गये।
• पारेषण तंत्र की कुल क्षमता जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में 16,348 मेगावाट थी को वर्ष 2022-23 में बढ़ाकर 28,900 मेगावाट किया गया जिसे वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक बढ़ाकर 31,500 मेगावाट तक किये जाने का लक्ष्य।
• भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु 4000 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क का विकास लक्षित।
• वर्ष 2016-2017 में उत्पादन निगम लिमिटेड की इकाइयों का कुल विद्युत उत्पादन 33,556 मिलियन यूनिट था जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में 39,746 मिलियन यूनिट उत्पादन किया गया।
ग्रीष्मकाल में लगातार विद्युत आपूर्ति हेतु 2000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक ।
निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक।
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत
• उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत अगले 05 वर्षों में 22000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य। प्रदेश में वर्ष 2017 में 288 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थीं जो अब लगभग 2600 मेगावाट है।
• प्रदेश में अब तक 328 मेगावाट की सोलर रूफटॉप परियोजनाएं स्थापित।
• अयोध्या एवं वाराणसी शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
• ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु अब तक लगभग 3.35 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना।
• पीएम कुसुम घटक सी-1 के अन्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्पों के सोलराइजेशन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुना है।
• उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 के क्रियान्वयन हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
आवास एवं शहरी नियोजन
• मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नये शहर प्रोत्साहन के अन्तर्गत टाउनशिप विकसित करने हेतु वर्ष 2024-2025 के बजट में 3000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 914 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
• कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 395 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• आगरा मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 346 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित ।
• अयोध्या के सर्वांगीण विकास हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
नगर विकास
• प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2007 से 2017 तक प्रदेश में मात्र 2.51 मकान निर्मित किये गये जबकि वर्ष 2017 से अद्यतन प्रदेश में लगभग 17.65 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल 35,236 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित। योजना हेतु लगभग 3948 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• वर्ष 2021 में प्रारम्भ की गयी अमृत 2.0 योजना हेतु 4500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• महाकुम्भ मेला 2025 के भव्य आयोजन हेतु 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रूपये प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 60 प्रतिशत ज्यादा है।
प्रदेश के शहरों में बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्ति हेतु अर्बन फ्लड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना प्रारम्भ करने के लिए 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना हेतु 675 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है।
• नगरीय सेवाएं और अवस्थापना विकास की नई योजना हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• राज्य स्मार्ट सिटी योजना हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 63 प्रतिशत अधिक है।
• कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक है।
नियोजन
• त्वरित आर्थिक विकास योजना हेतु 2400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• जनपदों की स्थानीय आवश्यकताओं की तात्कालिकता को देखते हुए विभिन्न विकास कार्यों के क्रिटिकल गैप्स की पूर्ति हेतु क्रिटिकल गैप्स योजना के अन्तर्गत 95 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित ।
पूर्वांचल विकास निधि हेतु 575 करोड़ रूपये एवं बुन्देलखण्ड विकारा निधि हेतु 425 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ग्राम्य विकास
• प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2016 में मात्र 1.40 लाख आवास स्वीकृत किये गये थे जबकि सरकार द्वारा अब तक 36 लाख 15 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं जिनमें से 34 लाख 14 हजार आवास पूर्ण और शेष निर्माणाधीन। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 2441 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक अद्यावधिक 02 लाख 03 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण। योजना हेतु 1140 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• विधान मण्डल क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में विकास कार्यों के लिए 2520 करोड़ (जीएसटी सहित) की व्यवस्था प्रस्तावित।
• राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन हेतु लगभग 5060 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन हेतु लगभग 3695 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 3668 करोड़ रूपये की योजना प्रस्तावित।
पंचायतीराज
• स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) हेतु 4867 करोड़ 39 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित। जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा।
बहुउद्देशीय पंचायत भवनों के निर्माण हेतु लगभग 57 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• उत्तर प्रदेश मातृ भूमि योजना हेतु 33 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
• ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपेन जिम के निर्माण हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
कृषि
• प्रदेश में कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.1 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य।
• कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 2400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक।
• पीएम कुसुम योजना के क्रियान्वयन हेतु 449 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा।
• कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से तीन नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। यथा-राज्य कृषि विकास योजना, विश्व बैंक सहायतित एग्रीज योजना तथा प्रदेश के विकास खण्डों एवं ग्राम पंचायतों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन-ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना। इन योजनाओं हेतु क्रमशः 200-200 करोड़ रूपये एवं 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना प्रारम्भ की जा रही है जिसके लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था ।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण
• उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 के अन्तर्गत पात्र इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में तीन गुनी है।
• उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अन्तर्गत 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग
• प्रदेश में औसत गन्ना उत्पादकता 72 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 84 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हुई। गन्ने के साथ सफसली खेती का आच्छादन बढ़ने से कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुई।
• वर्तमान पेराई सत्र 2023-2024 में 29.66 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती तथा चीनी का उत्पादन 110 लाख टन से अधिक होने का अनुमान।
• किसान सहकारी चीनी मिल ननौता, जनपद सहारनपुर की कार्यक्षमता सुधार, सहकारी चीनी मिल लिमिटेड, गजरौला जनपद अमरोहा की पेराई क्षमता 2500 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 4900 टी.सी.डी. करने तथा सल्फरलेस रिफाइन्ड शुगर का उत्पादन करते हुए 01 लाख लीटर प्रतिदिन एथेनॉल उत्पादन क्षमता की असवनी एवं कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट की स्थापना का कार्य प्रगति पर।
पिपराइच एवं मुण्डेरवा में स्थापित 5000 टी.सी.डी. क्षमता की नई चीनी मिलों में 27 मेगावाट के बिजली उत्पादन संयंत्र तथा सल्फरलेस शुगर प्लांट की स्थापना की गयी।
कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान
• नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय गोण्डा का संचालन शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से करते हुए पठन-पाठन का कार्य शुरू।
• कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में विभिन्न नये कोर्सों हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
दुग्ध विकास
• दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुर्नजीवित करने की योजना हेतु 106 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना हेतु 74 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है।
• उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाली इकाइयों प्रोत्साहन हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
• जनपद मथुरा में 30 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता (विस्तारीकरण 01 लाख लीटर प्रतिदिन) के नवीन डेयरी प्लांट के निर्माण हेतु 23 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
पशुपालन
• गो संरक्षण एवं निराश्रित / बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 303 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र संचालित ।
प्रदेश में लगभग 7,239 गोवंश आश्रय स्थल संचालित है। इन आश्रय स्थलों में शहरी तथा ग्रामीण अंचलों में कुल 14 लाख 38 हजार गोवंशीय पशु संरक्षित किये गये हैं।
• पशुरोग नियंत्रण योजना हेतु 195 करोड़ 94 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है।
जनपद गोरखपुर एवं भदोही में पशुचिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
जोखिम प्रबंधन एवं पशुधन बीमा योजना हेतु 78 करोड़ 55 लाख रूपये प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना है।
प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाये जाने के दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक संचालित है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत एक्वा पार्क के निर्माण की नयी योजना हेतु 190 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के पुरूष एवं महिला लाभार्थियों को आच्छादित किये जाने हेतु कुल 310 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सहकारिता
वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 8,787 करोड़ रूपये का अल्पकालिक ऋण वितरित करते हुए 14.35 लाख कृषको को लाभान्वित किया गया है।
वर्ष 2023 2024 में दिसम्बर, 2023 तक 257 करोड़ रूपये का दीर्घकालिक ऋण वितरित किया गया।
प्रारम्भिक सहकारी ऋण समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
भण्डारण योजना के अन्तर्गत पैक्स के गोदामों के सुदृढीकरण एवं मरम्मत हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
खादद्य एवं रसद
• रबी विपणन वर्ष 2023-24 हेतु भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 2125 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। प्रदेश में 54,684 कृषकों से 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूँ क्रय करते हुए लगभग 466 करोड़ 35 लाख रूपये का सीधे भुगतान किया गया।
खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य कॉमन श्रेणी हेतु 2183 रूपये प्रति कुन्तल एवं ग्रेड- ए श्रेणी हेतु 2203 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। अद्यतन लगभग 7.50 लाख कृषकों से 50.18 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करते हुए 10,856 करोड़ रूपये किसानों को सीधे भुगतान किया गया।
खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मक्का, बाजरा तथा ज्वार के लिये भी भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये गये। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करते हुये किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान किया गया।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2023-2024 में 56 लाख से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क गैस सिलिन्डर वितरित किये गये हैं।
अन्न पूर्ति योजना हेतु 17,661 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
निःशुल्क खाद्यान्न एवं उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क एल०पी०जी० सिलिन्डर रीफिल उपलब्ध कराये जाने हेतु 2200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से "मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान" प्रारम्भ किया जा रहा है, जिसके लिये 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वर्ष 2023 से संचालित मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना में अधिकतम 5 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता सूक्ष्म उद्यमियों को दिये जाने की व्यवस्था है।
निजी क्षेत्र में औद्योगिक संस्थानों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश में 10 प्लेज पार्क स्थापित किये जा रहे हैं।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग
वित्तीय वर्ष 2024-2025 में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 40,000 रोजगार सृजन का लक्ष्य है। प्रदेश में टेक्सटाइल्स के नये हब बनाकर निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जायेगा।
प्रदेश सरकार द्वारा हथकरघा बुनकरों के साथ-साथ पावरलूम बुनकरों के उत्थान के लिये अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना हेतु 400 करोड़ रूपये का बजट प्रस्ताव है।
• पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल्स एण्ड अपैरल योजना के अन्तर्गत लखनऊ हरदोई में लगभग 1000 एकड़ क्षेत्रफल में मेगा टेक्सटाइल पार्क स्वीकृत किया गया है। पार्क की स्थापना हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
जनपद वाराणसी में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलाजी (निफ्ट) की स्थापना के लिये भूमि क्रय हेतु 150 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
खादी एवं ग्रामोद्योग
पं० दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत लाभार्थियों को ब्याज उपादान की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्राविधान है। योजना हेतु 14 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सत्त रोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत 15 करोड़ 75 लाख की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रदेश में माटी कला के परम्परागत कारीगरों को रोजगार से जोड़ने हेतु माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम के लिये 11 करोड़ 25 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आई.टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स
उत्तर प्रदेश डाटा सेन्टर नीति-2021 के अन्तर्गत 03 अत्याधुनिक निजी डाटा सेन्टर पार्क्स विकसित करने तथा राज्य में 250 मेगावॉट डाटा सेन्टर उद्योग का विकास किये जाने का लक्ष्य था। नीति को अधिक युक्तिसंगत बनाते हुये 08 डेटा सेन्टर स्थापित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें प्रदेश में 30,000 करोड़ रूपये के अनुमानित निवेश से 900 मेगावॉट क्षमता के सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति-2017 के तहत 20,000 करोड़ रूपये से अधिक निवेश का लक्ष्य प्राप्त किया गया तथा लगभग 3 लाख रोजगार सृजित हुये।
सरकार द्वारा अधिसूचित नई इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति-2020 के अन्तर्गत 40,000 करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित करने तथा राज्य में 03 सेण्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023 में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्षेत्र के 210 सम्भावित निवेशकों से लगभग 3867 करोड़ रूपये के निवेश और लगभग 2.15 लाख व्यक्तियों हेतु रोजगार सम्भावनाओं युक्त अभिरूचियाँ प्राप्त हुई है।
बेसिक शिक्षा
• छात्र/छात्राओं के लिये यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिये क्रय प्रक्रिया को बन्द करते हुये डी०बी०टी० के माध्यम से 1200 रूपये प्रति बच्चे की दर से धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में हस्तान्तरित की जा रही है।
• कक्षा 1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ से अधिक छात्र/छात्राओं के लिये निःशुल्क स्वेटर एवं जूता-मोजा उपलब्ध कराने हेतु 650 करोड़ तथा स्कूल बैग हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
• अलामित समूह एवं दुर्बल वर्ग के 02 लाख से अधिक बच्चों को वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रवेश दिलाये जाने का लक्ष्य है, जिस हेतु 255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 300 करोड रूपये से ग्राम पंचायत एवं वॉर्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना करायी जा रही है जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2024 2025 में 498 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन हेतु 144 पद सृजित किये गये है।
• गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 168 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
माध्यमिक शिक्षा
• वर्ष 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से संतृप्त किये जाने एवं प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास तथा आई.सी.टी. लैब की व्यवस्था किये जाने हेतु समग्र शिक्षा योजना के अन्तर्गत 516.64 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• नवीन राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु 10.46 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन हेतु 4 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
उच्च शिक्षा
• विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मण्डल में एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिये 51.20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• शिक्षा को प्रोत्साहित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री शिसुता प्रोत्साहन योजनान्तर्गत 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• नये राजकीय महाविद्यालयों संप्रपना तथा राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु 55 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्राविधिक शिक्षा
• प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 169 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 75 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन / अवस्थापना की प्रकिया में हैं।
• वर्तमान में 1874 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
• ए०के०टी०यू० द्वारा उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप पालिसी-2020 के अन्तर्गत विश्वविद्यालय परिसर में सेन्टर ऑफ एडवांस स्टडीज के अन्तर्गत एक इनोवेशन हब की स्थापना की गयी है, जिसके अन्तर्गत 15 इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित है। उक्त के साथ-साथ 265 स्टार्ट अप्स ऑन बोर्ड हो गये है।
व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास
• हमारी सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था हेतु 01 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया है। वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजनान्तर्गत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था है। उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम - बी०बी०ए० (रिटेल), बी०बी०ए० (लॉजिस्टिक), बी०बी०ए० (हेल्थकेयर) एवं बी०बी०ए० (टूरिज्म व हॉस्पिटैलिटी) के लिये 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है।
• व्यावसायिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिये कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये व्यावहारिक या वोकेशनल ओरियेंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण हतु विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स मॉडल के रूप में विकसित करते हुये स्थानीय मांग एवं ओ०डी०ओ०पी० के अनुरूप अधिकाधिक विद्यार्थियों को जॉब रोल/सेक्टर में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किये जाने की योजना है। इसमें राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यू०पी० बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कम्प्यूटर शिक्षा में प्रमाण-पत्र प्रदत्त किये जाने पर बल दिया जायेगा।
• टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण अन्तिम चरण में गतिमान है। प्रदेश के अन्य ऐसे अवशेष 69 संस्थान जहाँ कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है का उन्नयन वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के कम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
खेल
• आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों में अध्ययनरत खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता के दृष्टिगत 50 अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को मानदेय 1.50 लाख रूपये प्रतिमाह पर प्रशिक्षण हेतु आबद्ध किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
• विभिन्न जनपदों में खेल अवस्थापनाओं के विकास हेतु 195 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है, जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 67 प्रतिशत अधिक है।
• प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• स्पोर्टस साइन्स एण्ड इन्जरी सेन्टर की स्थापना हेतु 12 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
धमार्थ कार्य
• श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी तक के मार्ग के विस्तारीकरण / सौन्दर्गीकरण के पश्चात श्रद्धालुओं की संख्या में 4 से 5 गुना वृद्धि हुई है।
जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के दृष्टिगत पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुंच मार्गों का चौड़ीकरण/सौन्दर्याकरण का कार्य एवं 6 स्थानों पर पार्किग तथा जन सुविधाओं का विकास कार्य किया जा रहा है।
• जनपद मिर्जापुर में विन्ध्याचल स्थित त्रिकोणीय क्षेत्र में माँ विन्ध्यवासिनी मंदिर, माँ अष्टभुजा मंदिर, माँ कालीखोह मंदिर को जोड़ने वाले त्रिकोण संरेखण में आने वाले परिक्रमा मागाँ एवं जन सुविधाओं के उन्नयन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
संस्कृति
• महाकुम्भ, 2025 के अन्तर्गत विभिन्न कार्यों हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
• निषाद राज गुहा सांस्कृतिक केन्द्र, श्रृंगवेरपुर की स्थापना हेतु 14.68 करोड़ रूपये, जनपद आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय की स्थापना हेतु 11.79 करोड़ रूपये तथा महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केन्द्र चित्रकूट की स्थापना हेतु 10.53 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या हेतु 10 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।
पर्यटन
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023 में जनवरी से अक्टूबर तक 37 करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 37 करोड़ 77 लाख एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 13 लाख 43 हजार है।
• इस वर्ष भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया। राम की पैड़ी पर 22 लाख 23 हजार दीप जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाया गया।
• अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, लखनऊ, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम, गढ़मुक्तेश्वर, शुकतीर्थ धाम, माँ शाकुम्भरी देवी, सारनाथ एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्याकरण के कार्य कराये जा रहे हैं।
• "मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना" के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना है।
वन एवं पर्यावरण
राज्य सरकार प्रदेश में हरीतिमा वृद्धि हेतु सतत् प्रयासरत है। वर्तमान में उ०प्र० में वनावरण एवं वृक्षावरण प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.23 प्रतिशत है। वर्ष 2030 तक वनावरण एवं वृक्षावरण 15 प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य है।
• वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश में हरीतिमा विस्तार हेतु प्रदेश में वृहद स्तर पर 35 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 36.16 करोड़ पौधारोपण का कार्य कराया गया। वर्षाकाल-2024 में 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है।
• सामाजिक वानिकीकरण योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• पौधशाला प्रबन्धन योजना हेतु 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• ग्रीन इण्डिया मिशन के अन्तर्गत संचालित कार्यकमों हेतु 110 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• प्रोजेक्ट टाइगर एण्ड प्रोजेक्ट एलीफेन्ट योजना हेतु 48.94 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• जनपद लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में कुकरैल नाइट सफारी पार्क की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
समाज कल्याण
• वृद्धावस्था पेंशन हेतु 7377 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिलाओं के भरण पोषण अनुदान हेतु 4073 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना हेतु 1862 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति तथा सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों की पुत्रियों हेतु 600 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
जनजाति विकास
• अनुसूचित जनजातियों के आर्थिक विकास हेतु विभिन्न प्रकार के कौशल विकास कार्यक्रम जनपद लखीमपुर-खीरी, बलरामपुर, बिजनौर एवं बहराइच / श्रावस्ती तथा महराजगंज में संचालित हैं।
• लघुवन उपजों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत नान टिम्बर लघु वन उपजों को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय हेतु लघुवन उपजों के विपणन, हाट एवं बाजारों के सुदृढीकरण व गोदामों के निर्माण को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण
• अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्रों को छात्रवृत्ति योजना हेतु 2475 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु 35 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं के छात्रावास निर्माण हेतु लगभग 22 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण
• दिव्यांग पेंशन योजना हेतु 1170 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• कुष्ठावस्था पेंशन योजना हेतु 42 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• कृत्रिम अंग / सहायक उपकरण अनुदान योजना के अन्तर्गत लगभग 49,000 दिव्यांगजनों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।
अल्पसंख्यक कल्याण
वर्ष 2022-2023 से मल्टी सेक्टोरल डेवलमेन्ट कार्यक्रम प्रदेश के सभी जनपदों में लागू है। कार्यक्रम के अन्तर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के सृजन पर बल दिया जा रहा है।
• वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 204 परियोजनाओं को पूर्ण कराते हुये जनोपयोगी बनाया गया। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में पूर्ण परियोजना इकाईयों में 07 राजकीय पॉलीटेक्निक, 04 आई०टी०आई०, 12 राजकीय इण्टर कालेज, 25 प्राइमरी स्कूल, 10 अपर प्राइमरी स्कूल, 09 अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, 02 छात्रावास, 51 आगनबाडी केन्द्र, 03 ट्द्वायलेट ब्लाक, 02 सी०एच०सी०, 02 पी०एच०सी० तथा 01 होम्योपैथिक चिकित्सालय सम्मिलित है।
• अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 220 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
न्याय
जनपद प्रयागराज में निर्माणाधीन राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• प्रदेश के विभिन्न जनपदों में न्यायालयों की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत न्यायालय परिसर के निर्माण हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
• अधिवक्ता कल्याण निधि को 200 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रूपये किये जाने का निर्णय लिया गया है।
• उत्तर प्रदेश अधिवक्ता सामाजिक निधि योजना के सदस्य अधिवक्ता की मृत्यु हो जाने की दशा में अनुमन्य सहायता की अधिकतम सीमा को 1.50 लाख रूपये से बढ़ाकर 5 लाख रूपये कर दिया गया है।
महिला एवं बाल विकास
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 1,89,796 आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से 06 माह से 06 वर्ष आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के सर्वांगीण विकास की योजनाओं का संचालन कराया जा रहा है।
प्रदेश में अनुपूरक पुष्टाहार से लगभग 2 करोड़ 6 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
हॉट कुक्ड मील योजना के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में 03 वर्ष से 06 वर्ष आयु के 79.37 लाख बच्चों को गर्म पका भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
पुष्टाहार कार्यक्रम हेतु लगभग 5129 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान हेतु लगभग 971 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
कन्या सुमंगला योजना हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
श्रम
संत रविदास शिक्षा सहायता योजना एवं मेधावी छात्र पुरस्कार योजना को एकीकृत करते हुये नयी योजना "संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना" कर दिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत माह नवम्बर, 2023 तक 1,86,270 छात्र/छात्राओं को लाभ हुआ तथा लगभग 58 करोड़ 46 लाख रूपये की धनराशि व्यय की गई।
कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक की कुल 02 बालिकाओं को स्वजातीय विवाह की स्थिति में 55,000 रूपये तथा अन्तर्जातीय प्रकरणों में 61,000 रूपये की रकम दिये जाने का प्राविधान है। इस योजना के अन्तर्गत माह नवम्बर, 2023 तक लाभार्थी श्रमिक संख्या 2,38,856 है तथा लगभग 1302 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गई है।
निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण एवं उद्देश्यपरक शिक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रत्येक मण्डल में एक-एक अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं जिसकी कुल निर्माण लागत 1267 करोड़ रूपये है।
16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जा चुका है। वर्तमान में कक्षा 6 हेतु शैक्षणिक सत्र 2023-24 प्रारम्भ हो चुका है।
राजस्व
प्रदेश में एण्टी भू-माफिया पोर्टल पर अवैध कब्जे से सम्बन्धित कुल शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें से 3,70,748 शिकायतें निस्तारित की गयी तथा अभियान के अन्तर्गत कुल 66,872 हेक्टेयर क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रदेश में शीतलहर के बचाव हेतु निराश्रित व्यक्तियों को कम्बल वितरण एवं सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने हेतु जनपदों को 52.79 करोड़ रूपये की धनराशि दिनांक 18 जनवरी, 2024 तक जारी की जा चुकी है। जनपदों द्वारा अभी तक कुल 6,66,870 कम्बलों का वितरण किया जा चुका है।
राज्य आपदा मोचन बल की वर्तमान में 3 कम्पनियां स्थायी रूप से हैं तथा 3 कम्पनियों के नव सृजन की कार्यवाही प्रचलित है।
परिवहन
रक्षाबंधन पर्व पर प्रदेश की महिला यात्रियों को निगम बसों में निःशुल्क यात्रा प्रदान की जा रही है। वर्ष 2017 से वर्ष 2023 तक 1.03 करोड़ से अधिक महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की गयी है। बस यात्रियों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण यात्रा सुलभ कराये जाने के उद्देश्य से बस बेड़ो में वृद्धि हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
निर्भया योजना के अन्तर्गत महिलाओं के लिये 50 वातानुकूलित पिंक सेवायें संचालित हैं, जिसमें महिला यात्रियों की सुरक्षा हेतु सभी बसों में पैनिक बटन स्थापित है। किसी भी आपदा की स्थिति में यात्रारत महिलायें उत्तर प्रदेश पुलिस की डायल 112 सेवा के निरन्तर सम्पर्क में रहती है।
आबकारी शुल्क
आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 58 हजार 307 करोड़ 56 लाख रुपये (58,307.56 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।
स्टाम्प एवं पंजीकरण
स्टाम्प एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 35 651 करोड़ 93 लाख रुपये (35,651.93 करोड़ रुपये) निर्धारित गया है।
वाहन कर
वाहन कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 12 हजार 504 करोड़ 73 लाख रुपये (12,504.73 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।
वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान 2024-2025
प्रस्तुत बजट का आकार 07 लाख 36 हजार 437 करोड 71 लाख रुपये (7,36,437.71 करोड़ रूपये) है।
बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपये (24,863.57 करोड़ रूपये) की नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं।
प्राप्तियाँ
कुल प्राप्तियाँ 07 लाख 21 हजार 333 करोड़ 82 लाख रुपये (7,21,333.82 करोड़ रुपये) अनुमानित है।
कुल प्राप्तियों में 06 लाख 06 हजार 802 करोड़ 40 लाख रुपये (6,06,802.40 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियाँ तथा 01 लाख 14 हजार 531 करोड़ 42 लाख रुपये (1,14,531.42 करोड़ रुपये) की पूँजीगत प्राप्तियाँ सम्मिलित हैं।
राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 04 लाख 88 हजार 902 करोड़ 84 लाख रुपये (4,88,902.84 करोड़ रुपये) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 02 लाख 70 हजार 86 करोड रुपये (2,70,086 करोड़ रुपये) तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 02 लाख 18 हजार 816 करोड़ 84 लाख रुपये (2.18,816.84 करोड़ रुपये) सम्मिलित है।
12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया- बोले सुरेश खन्ना
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि एमएसएमई सेक्टर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अब तक 22 लाख 389 लाभार्थियों को लाभान्वित करते हुए 1,79,112 रोजगार सृजित किए गए हैं। एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजना के अंतर्गत 13,597 लाभार्थियों के माध्यम से 1,92,193 रोजगार सृजित हुए हैं।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद कौशल उन्नयन एवं टूलकिट योजना के अंतर्गत लगभग 4.04 लाख रोजगार सृजित हुए हैं। एकेटीयू से संबद्घ लगभग 700 से अधिक संस्थानों के छात्रों के लिए लगभग 25 हजार रोजगार के अवसर पिछले शैक्षिक सत्र में उपलब्ध कराये गए। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिनमें से 4.13 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायोजित कराया गया।
मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 28 करोड़ 68 लाख मानव दिवस सृजित कराते हुए 75 लाख 24 हजार श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में 33 करोड़ मानव दिवस का सृजन किए जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में माह अक्तूबर 2023 तक 408 लाभार्थियों को 1845.88 लाख पूंजीगत निवेश ऋण के साथ 7418 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
अयोध्या में एयरपोर्ट की स्थापना एवं विस्तार हेतु 150 करोड़
उन्होंने कहा कि हवाई कनेक्टिविटी के लिए चयनित एयरपोर्ट्स अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती तथा चित्रकूट को विकसित किया जा चुका है तथा म्योरपुर (सोनभद्र) व सरसावा (सहारनपुर) एयरपोर्ट्स का विकास कार्य प्रशस्त है। अयोध्या में ‘महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम‘ का विकास कराया गया है।
अयोध्या में एयरपोर्ट की स्थापना एवं विस्तार हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण तथा भूमि अर्जन हेतु भूमि क्रय मद में 1100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जनपद-गौतमबुद्व नगर के जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना कार्य एवं भूमि क्रय हेतु 1150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
यात्रियों की संख्या में 19.2 प्रतिशत की वृद्वि
बजट पढ़ते हुए वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस-‘उड़ान‘) तथा राज्य सरकार की ‘‘उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति‘‘ के माध्यम से की जा रही है। गत वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में वायुयान द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में 19.2 प्रतिशत की वृद्वि हुई है।
समाज-संस्कृति में उच्चतम आदर्श रामराज्य से ही
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि यदि हम किसी समाज-संस्कृति में उच्चतम आदर्शों की कल्पना करें तो रामराज्य की संकल्पना के बाहर नहीं जाया जा सकता है। समाज में परस्पर सहयोग एवं विश्वास, न्याय आधारित सुशासन, अपराध शून्यता तथा वर्गभेद का पूर्ण अभाव, धर्मानुकूल आचरण को रामराज्य की प्रमुख विशेषताओं के रूप में निरूपित किया जा सकता है। मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का जीवन हजारों वर्षों से भारत और विश्व को महत्तर जीवन आदर्शों की ओर अग्रसर होने को प्रेरित करता रहा है। पिता के वचन का मान रखने के लिये समस्त राजसी वैभव को निःसंकोच त्याग कर वनवास के लिये प्रस्थान करना और दुष्टों और अधर्मियों का दृढ़तापूर्वक दलन करना ऐसे राजधर्म का अनुपम उदाहरण कहीं और नहीं मिलता।
हमारी सरकार ने छह करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला
वित्त मंत्री बजट भाषण के दौरान कहा कि योगी सरकार में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बेहद सुधार हुआ है। यूपी में जंगलराज का सफाया हो चुका है। हमारी सरकार अब तक छह करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में सफल रही है।
योगी सरकार ने UP के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया -
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 मंे 7350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना आदि कार्यों हेतु 952 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 322 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● पं0 दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अन्तर्गत आबद्ध निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गयी है जिस पर कुल 150 करोड़ रूपये का व्यय भार अनुमानित है, जिसका पूर्ण वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
चिकित्सा शिक्षा
● प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित है।
● वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल काॅलेजों से आच्छादित किये जा चुके हैं व 14 जनपदों में केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल काॅलेज निमाणाधीन हैं। 16 असेवित जनपदों में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
● राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिग काॅलेजों की संख्या 06 से बढ़ाकर 23 की गयी।
● जनपद वाराणसी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है इसके लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा हेतु 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● राजकीय मेडिकल काॅलेजों में ट्रॉमा सेन्टर लेवल-द्वितीय को ट्रामा सेन्टर लेवल-एक ( 100 बेडेड)/ एपेक्स ट्रामा सेन्टर (200 बेडेड) में उच्चीकृत किये जाने हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
रामराज्य की संकल्पना को साकार करने में सरकार सफल- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि योगी सरकार प्रदेशवासियों को अपराध और भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार करने में पूरी तरह सफल रही है। विविध त्यौहारों एवं यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023, आजादी का अमृत महोत्सव, जी-20 सम्मेलन, क्रिकेट विश्व कप-2023 जैसे वृहद आयोजनों को शान्तिपूर्ण एवं सुरक्षित ढंग से सम्पन्न कराया गया।
7 साल में एक 2,765 करोड़ रूपए चिकित्सा सहायता पर हुए खर्च
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में बताया कि योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में वर्ष 2017 से अद्यावधिक अर्थात 7 वर्ष से भी कम अवधि में 1,61,962 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के लिए 2,765 करोड़ रूपये स्वीकृत किये जा चुके हैं जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
बजट पेश कर रहे हैं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना
उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना राज्य का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश कर रहे हैं। सीएम योगी और अन्य विधानसभा सदस्य मौजूद हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना एक साथ ही विधानसभा पहुंचे थे।
बजट पेश होने से पहले नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा
बजट से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरते हुए 'एक्स' अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा- 'यूपी का बजट चाहे 7 लाख करोड़ का हो या 8 लाख करोड़ का… सवाल यही रहेगा कि 90% जनता के लिए मतलब PDA के लिए उसमें क्या है।'
यूपी कैबिनेट ने बजट को दी मंजूरी
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट से पहले पहले सीएम आवास पर कैबिनेट मीटिंग हुई। इस बैठक में बजट को मंजूरी दी गई। थोड़ी देर में मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री विधानभवन पहुंचेंगे। इसके बाद वे सदन में बजट पेश करेंगे।
'पेपरलेस' बजट नए यूपी में 'रामराज्य' की आधारशिला बनेगा
उत्तर प्रदेश के बजट 2024-25 के सदन में प्रस्तुत होने के पूर्व प्रदेश के माननीय वित्त मंत्री श्री @SureshKKhanna जी से भेंट हुई।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 5, 2024
आज सदन में उनके द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला 'पेपरलेस' बजट नए उत्तर प्रदेश में 'रामराज्य' की आधारशिला बनेगा।
जय श्री राम! pic.twitter.com/38WJX3m5Lm

बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आवास पर की पूजा-अर्चना
बजट पेश करने से पहले प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने आवास पर पूजा-अर्चना की। माना जा रहा है कि चुनावी साल को देखते हुए समाज के हर वर्ग को लुभाने के साथ ही सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के अपने एजेंडे को भी आगे बढ़ाएगी। यूपी सरकार के इस बजट में महिलाओं के स्वावलंबन और युवाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल दिख सकती है। किसानों की समस्याओं व मांगों को पूरा करने का इंतजाम भी हो सकता है।
लखनऊ:
— amrit vichar (@amritvicharlko) February 5, 2024
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट से पहले की पूजा अर्चना
मंदिर में भगवान के समक्ष रखा यूपी विधानसभा का बजट
समृद्धि शाली उत्तर प्रदेश के लिए भगवान का लिया आशीर्वाद
आज सदन में यूपी विधानसभा का बजट होगा पेश
संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना पेश करेंगे बजट pic.twitter.com/Rec6UDQO1g
बजट से पहले योगी कैबिनेट बैठक जारी
यूपी बजट-2024 को सदन में पेश किए जाने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक जारी है। इस बैठक में बजट के मसौदे को मंजूरी दी जाएगी।
इस बजट में योगी सरकार कई नई घोषणाएं कर सकती है। इसी साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इस बजट में प्रदेश की जनता को तोहफे देने की कोशिश होगी। बजट के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी।
जानिये बजट से क्या हैं उम्मीदें?
- व्यापारियों के लिए भी सिंगलविडों सिस्टम लागू हो।
- दुर्घटना बीमा योजना के तहत व्यापारियों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के लिए मद बनाया जाए।
- आयुष्मान योजना के तहत इलाज की सुविधा हो।
- पार्किंग को उद्योग का दर्जा देते हुए प्रमुख बाजारों की इमारतों को अधिग्रहित कर पार्किंग बनायी जाएं।
- इसके लिए बाजारों में पुराने मकानों और भवनों को सरकारी योजना में शामिल करते हुए उन्हें कब्जे में लेकर पार्किंग बनाएं।
- खुदरा व्यापार बचाने को ई कॉमर्स कंपनियों पर सूबे में अतिरिक्त टैक्स लगाया जाए।
- व्यापारी लगभग 30 वर्ष तक जीएसटी देते हैं लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिलता। 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके व्यापारियों को ब्याज के तौर पर पेंशन दी जाए।
- 29 जून को प्रदेश भर में व्यापारी कल्याण दिवस मनाया जाए। इसके लिए सरकार फंड की व्यवस्था करे।
- 28 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब को लेकर केंद्र सरकार से अनुरोध कर इसे खत्म कराए।
- पटरी दुकानदारों को दूसरी जगह स्थापित किया जाए।
- इंस्पेक्टर राज के स्थान पर आ गए अधिकारी राज पर सरकार नकेल कसे।
- सरकारी कर्मचारियों को किश्त पर ज्वेलरी बेचने की अनुमति मिले।
- दृष्टि योजना से बाजारों में लगे सीसीटीवी को जोड़ा जाए।
- व्यापारियों को सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस जारी किये जाएं।
- कारीगरों और सर्राफा उद्योग को संवारने के लिए ज्वेलरी पार्क बनाया जाए।
- केवल बड़े उद्योगपतियों को नहीं छोटे व्यापारियों को भी बैंक से आसानी से लोन मिल सके।
- रोजगार बढे़ इसके लिए 24 मीटर चौड़ी सड़क पर दुकान खोलने के प्रस्ताव पर अविलंब मुहर लगा उसे लागू किया जाए।
- व्यापारी के यहां लूट या दुर्घटना होने पर मुआवजे का प्रावधान किया जाए।
- उद्योगपतियों को सरकार की तरफ से जो लाभ दिये जा रहे है, व्यापारियों को भी उसके सापेक्ष लाभ मिलें।
- प्रदेश के व्यापारियों के लिए भी उद्योगपतियों की तरह योजनाओं में स्थान दिया जाना चाहिए।
- जैसे उद्योपतियों से सीएम मिलकर उनकी समस्याओं को सीधे सुनते हैं।
- ठीक उसी तरह व्यापारी संगठनों और बडे़ ट्रेड के व्यापारियों के साथ अलग-अलग वार्ता करें।
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