प्रयागराज: पावर प्लांट से निकले जहरीले राखड़ को गांव की बस्तियों में फेंका, लोग हो रहे बीमार, हड़कंप

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Published By Sachin Sharma
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स्वास्थ्य को लेकर लोग जता रहे चिंता, विरोध के बावजूद नही अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई

नैनी, प्रयागराज। बारा पावर प्लांट से निकलने वाला जहरीले राखड़ (कोहले के जलने के बाद निकली राख) को गांवों के पास बस्तियों में फेंका जा रहा है। जिसके गिराए जाने से गांव में लोग बीमार हो रहे है। राखड़ फेके जाने का विरोध होने के बाद भी प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। वहीं लोग राखड़ से होने वाले नुकसानों को लेकर चिंतित हैं। बताया जाता है कि प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश (राखड़) को क्षेत्र के ललाई, लखनपुर, बरगढ़ी, कतरा आदि गांवों के पास गिरा दिया जाता है।

स्थानीय निवासियों ने जब इसका विरोध किया तो उन्हे समझाकर शांत करा दिया गया था। वहीं कहा जाता है कि फ्लाई ऐश यानी राखड़ वह राख होती है, जो कोयले के जलाये जाने के बाद निकलती है। राखड़ पॉवडर की तरह होती है, जो पावर प्लांट की फरनेस के निचले भाग में एकत्र हो जाती है।

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इस राखड़ में आर्सेनिक, पारा यानी मरकरी, सीसा यानी लेड, वैनेडियम, थैलियम, मॉलीबेडनम, कोबाल्ट, मैंगनीज़, बेरीलियम, बेरियम, एंटीमनी, एल्युमिनियम, निकेल, क्लोरीन और बोरोन जैसे तत्व पाये जाते हैं। बताते हैं कि इन्वॉरेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी ईपीए की रिपोर्ट के अनुसार राखड़ में अधिकांश तत्व भारी धातु हैं, जिनकी जद में निरंतर आने पर किसी भी व्यक्ति को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है।

वहीं किसानों का कहना है कि ऐश पॉन्ड के आस-पास खेतों की उपज कम हो रही है। समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन भानु के मंडल महासचिव राकेश त्रिपाठी ने एसडीएम और विधायक को ज्ञापन देकर  समस्या का निदान कराने की मांग कर चुके हैं।

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मामला गंभीर है। ये मामला प्रदूषण विभाग का है। प्रदूषण विभाग को भेजा गया है। इस मामले में जांच कराई जा रही है। जांच के बाद रिपोर्ट देने को कहा गया है।

                                                                                           गणेश सिंह, तहसीलदार बारा, प्रयागराज

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