Kanpur: सीएसए में नए सत्र से शुरू होगा सेंटर फॉर एक्सीलेंस केंद्र; वन्यजीवों के लिए बनेगी रेस्क्यू हेल्प डेस्क...

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर 'सीएसए' में अगले सत्र से महाविद्यालय सेंटर फॉर एक्सीलेंस का एक केंद्र भी शुरू होगा। इसकी तैयारी तेज हो गयी है। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं एवं महाविद्यालय के सभी शिक्षकों को इसी कैंपस में नैतिक मूल्यों का विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया जायेगा।
 
यह जानकारी मंगलवार को महाविद्यालय के डीन डॉ. एनके शर्मा ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि सीएसए के अधीन बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज में 45 दिनों से चल रहे एक्सपीरियंस लर्निंग प्रोग्राम ईएलपी 2024 का विशेष प्रशिक्षण सम्पन्न होने पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के विभिन्न संकायों से प्रशिक्षण लेने के बाद छात्र अपनी प्रतिभा और मेधा के बल पर अच्छे वेतन पर देश-विदेश में अपनी पहचान बना रहे हैं। यह महाविद्यालय परिवार के लिए गौरव का विषय भी है।

वन्यजीवों के लिए बनेगी रेस्क्यू हेल्प डेस्क

उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के विशाल प्राकृतिक परिसर में आए दिन विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों की गतिविधियां दिखाई देती रहती है, जिसे देखते हुए संस्थान परिसर में एक विशेष वन्यजीव रेस्क्यू हेल्प डेस्क की भी स्थापना की जाएगी। इसका अनुमोदन कुलपति ने कर दिया है, जो महाविद्यालय को मिल भी गया है। इसकी शुरुआत भी जल्द होगी।

बेबुनियाद आरोप, छवि धूमिल करने का प्रयास

वार्ता में डॉ. एनके शर्मा ने एक सवाल के जवाब में कहा, कुलपति पर लगाए गए अनियमितता के आरोप अनर्गल है। वे उनका खंडन के साथ निंदा भी करते हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी गेस्ट फैकल्टी को एक सत्र के लिए ही नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में इटावा परिसर में नियुक्त गेस्ट फैकल्टी में कुल 18 लोग चयनित हैं। इनमें से मात्र 5 गेस्ट फैकल्टी ही सामान्य वर्ग के है शेष सभी ओबीसी एवं अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। 

सभी की नियुक्ति में संबंधित संकाय के अधिष्ठाता ही चयन समिति के अध्यक्ष थे। ऐसे में लगाए जा रहे आरोप उनकी स्वच्छ छवि को धूमिल करने का प्रयास मात्र हैं। वार्ता में डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. प्रदीप कुमार सिंह भदौरिया, एडीएसडब्ल्यू डॉ. टीके महेश्वरी, डॉ. अखिलेश सिंह भदौरिया और डॉ. आशीष राजपूत भी मौजूद रहे।

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