बरेली: मैंने धमाका होने से रोका, सरकार दंगा चाहती है तो हम तैयार, बोले- मौलाना देश में अमन इसलिए क्योंकि जवाब नहीं दे रहे हमारे नौजवान

अदालतों में बैठे जज मुसलमानों पर थोप रहे हैं अपनी आस्था

बरेली: मैंने धमाका होने से रोका, सरकार दंगा चाहती है तो हम तैयार, बोले- मौलाना देश में अमन इसलिए क्योंकि जवाब नहीं दे रहे हमारे नौजवान

बरेली, अमृत विचार : विरोध प्रदर्शन के बाद मौलाना तौकीर ने एक बार फिर करोलान में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बोले, सरकार की सरपरस्ती में हिंदू संगठन बेईमानी कर रहे हैं। अदालतों में बैठे जज भी मुसलमानों पर जबरन अपनी आस्था थोप रहे हैं। इससे मुस्लिम युवाओं के दिलों में लावा खौल रहा है। उन्होंने यह प्रदर्शन कर उनके गुस्से को कंट्रोल किया है और एक बड़ा धमाका होने से रोक लिया है।

मौलाना ने कहा कि अगर फिर भी सरकार दंगा-फसाद चाहती है तो हम तैयार हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना तौकीर रजा खां ने यूपी, उत्तराखंड और केंद्र की सरकार पर तीखे वार किए। कहा, उन्हें सरकार को सिर्फ यह दिखाना था कि किस तरह उन्होंने अपने नौजवानों को नियंत्रित किया हुआ है और अगर वे बेकाबू हो गये तो उसके लिए कितनी दिक्कत पैदा हो जाएगी। देश में अब तक अमन इसीलिए है क्योंकि हमारे नौजवानों ने जवाब नहीं दिया।

वे जवाब देंगे तो माहौल खराब हो जाएगा। उन्होंने बुलडोजर की कार्रवाई फौरन रोकने और मुफ्ती सलमान अजहरी को फौरन रिहा करने की मांग करते हुए कहा कि अदालत का काम होने के बाद भी पुलिस बुलडोजर चला रही है। सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था सरकार के दबाव में काम कर रही है। अगर अमन कायम रखना है तो यह कार्रवाई बंद करने के साथ पुलिस और उसके अधिकारों में कटौती करनी पड़ेगी।

मोदी की राह पर चल रहे हैं धामी: मौलाना ने हल्द्वानी बवाल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जिस तरह गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने गोधरा कांड कराया और सीएम से पीएम बन गए, उसी तरह मुसलमानों को सता रहे धामी को भी प्रधानमंत्री की कुर्सी नजर आ रही है। पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ बवाल के दौरान जो संपत्ति का नुकसान हुआ है, उसकी वसूली की जानी चाहिए।

हमें छेड़ोगे तो हम छोड़ेंगे नहीं: मौलाना ने कहा कि मुसलमानों को बहुत छेड़ा जा चुका है। अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, हमें छेड़ा जाएगा तो हम भी छोड़ेंगे नहीं। कहा, मुसलमान ज्ञानवापी और मथुरा देने को तैयार हैं, लेकिन उससे पहले सरकार चीन से कैलाश मानसरोवर को आजाद कराकर दिखा दे। बोले, सरकार की आस्था मंदिर में नही, उसका मकसद सिर्फ मुसलमानों को सताना है।

कौन से कानून के तहत ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति दी गई। अब अजमेर की दरगाह पर भी दावा किया जा रहा है। आईएमसी नेताओं की संपत्तियां खंगालने के सवाल पर कहा कि उनके ऊपर चाहे ईडी छोड़ी जाए या सीबीआई, वह डरने वाले नहीं हैं।

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