हमीरपुर: जाली नोट के कारोबार में चार आरोपियों को दस-दस वर्ष की सजा

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Published By Deepak Mishra
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हमीरपुर। करीब 17 वर्ष पूर्व नकली नोट का कारोबार संचालित करने के मामले में दोषी पाए जाने पर एफटीसी द्वितीय / गैंगस्टर न्यायालय मनोज कुमार शासन की अदालत ने चार आरोपियों को दस वर्ष का कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। शासकीय अधिवक्ता प्रवीण सिंह भदौरिया ने बताया कि राठ कस्बे में एक गिरोह पांच सौ के नकली नोट संचालित करने का काम कर रहा था।

इस मामले में राठ कोतवाली के उपनिरीक्षक दीपक पांडेय, हेड कांस्टेबल राम सिंह, रामऔतार यादव, प्रदीप कुमार दुबे के साथ कस्बे में चल रहे रामलीला मेला ड्यूटी के दौरान 17 अक्तूबर 2006 को अखिलेश, वकील, खन्ना व मुन्ना को गिरफ्तार किया। इनके पास से पांच सौ के कुल 164 नोट जिनका मूल्य 82 हजार के नकली नोट बरामद हुए थे। इन सभी के खिलाफ धारा-489 ख व 489 ग के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया। मामले में राठ पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए।

मामले की एफटीसी द्वितीय / गैंगस्टर न्यायालय मनोज कुमार शासन की अदालत ने सुनवाई करते हुए चारों आरोपियों को दोषी पाया। जिस पर चारों आरोपियों को दस-दस वर्ष का कारावास व 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक आरोपी को तीन-तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा।

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