शाहजहांपुर: 1635 जोड़ों ने हिंदू रिवाज से लिए फेरे, 48 ने इस्लाम धर्म से पढ़ा निकाह
शाहजहांपुर, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए एक बार फिर ओसीएफ रामलीला मैदान में सामूहिक विवाहोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान 1635 जोड़ों ने हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार अग्नि के सात फेरे लेकर एक-दूसरे को जीवनसाथी स्वीकार किया, वहीं 48 जोड़ों ने इस्लाम धर्म के अनुसार निकाह कुबूल किया।
इस तरह भव्य महोत्सव में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में कुल 1683 जोड़ो का सामूहिक विवाह धूमधाम से हुआ। विवाहोत्सव में आर्केस्ट्रा और बैंड बाजे की भी व्यवस्था की गई थी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने नवदंपतियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने शासन की मंशा से अवगत कराते हुए कहा सामूहिक विवाह से जहां दहेजप्रथा पर लगाम लगती है, वहीं अनावश्यक खर्च भी बच जाता है।
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के युवक-युवतियों का सामूहिक विवाह कराने का विचार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मन में आया और उसी महत्वपूर्ण सोच को अमलीजामा प्रदेश सरकार पहना रही है। मंत्री खन्ना ने कहा कि यह योजना सबसे अधिक लोकप्रिय है। जिन परिवारों की आमदनी दो लाख से कम है, वह सभी इस योजना का लाभ लेने को आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सामूहिक विवाह योजना में सरकार द्वारा घोषित 51 हजार की राशि बढ़ाकर अब एक लाख किए जाने की योजना है।
इससे पहले डीएम उमेश प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस समाजोपयोगी योजना का शुभारंभ वर्ष 2017 में हुआ था। तब से अब तक जिले में लगभग 7500 युवाओं को योजना से लाभान्वित किया जा चुका है। सीडीओ एसबी सिंह ने विवाहोत्सव और उसकी तैयारियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष केसी मिश्रा, सांसद अरुण सागर, विधायक चेतराम, वीर विक्रम सिंह प्रिंस, हरि प्रकाश वर्मा, सलोना कुशवाहा, एमएलसी डॉ. सुधीर गुप्ता, महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता आदि ने भी विचार व्यक्त करते हुए नवदंपतियों को बधाई दी। संचालन कवि डॉ. इंदु अजनबी ने किया। विवाहोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, जिलाध्यक्ष केसी मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव, सांसद अरुण सागर, महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता, विधायक सलोना कुशवाहा आदि ने फीता काटकर किया। बाद में मुख्य अतिथि ने विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ दीप प्रज्ज्वलित भी किया।
आयोजन में एसपी अशोक कुमार मीणा, एडीएम प्रशासन संजय पांडेय, एडीएम वित्त एवं राजस्व डॉ. सुरेश कुमार, डीडीओ पवन सिंह, अपर नगर आयुक्त एसके सिंह, सीएमओ डॉ. आरके गौतम, जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदना सिंह, सीओ सिटी बीएस वीर कुमार, एसडीएम ज्ञानेंद्र नाथ समेत बड़ी संख्या में अधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
विधानसभावार जोड़े हुए लाभान्वित
गुरुवार को ओसीएफ रामलीला मैदान में हुए सामूहिक विवाहोत्सव में कटरा से 216, तिलहर से 306, शाहजहांपुर नगर से 353, ददरौल से 370 और जलालाबाद से 171 सहित कुल 1683 जोड़ों ने अपने धर्म के अनुसार एक-दूसरे को जीवन साथी स्वीकार किया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में प्रति जोड़ा 51,000 रुपए निर्धारित हैं, जिसमें से कन्या के बैंक खाते 35000 रुपए के अतिरिक्त 10 हजार रुपए के उपहार और विवाहोत्सव पर प्रति जोड़ा छह हजार रुपए व्यय किया जाता है।
जनप्रतिनिधियों ने बांटे उपहार
कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने सांसद समेत अन्य सभी विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्ष, पार्टी जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, एमएलसी समेत प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नवविवाहिताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें न सिर्फ बधाई दी, बल्कि उपहार भेंटकर भेंटकर उनके सुखमय जीवन की कामना की। प्रत्येक जोड़े को कंबल, पंखा, स्टील का डिनर सेट, बैग, घड़ी, कुकर आदि गृहस्थी का सामान दिया गया। साथ ही प्रत्येक दूल्हे को पगड़ी भी दी गई।
सेल्फी लेने में संकुचाती रहीं दुल्हनें
ओसीएफ रामलीला मैदान में सजे भव्य पंडाल में विधानसभावार वैवाहिक व्यवस्थाएं कराई गईं थीं। यज्ञवेदी की नंबरिंग की गई और उसी अनुरूप सभी को आबंटित किया गया था। एक-एक यज्ञ वेदी पर कम से कम चार नवदंपति आबंटित थे। पुरोहित मंत्रोच्चार के साथ अग्नि मे आहुतियां डलवा रहे थे। वहीं, दूल्हे राजा, दुल्हन के साथ सेल्फी लेने को आतुर दिख रहे थे। दूल्हे के आग्रह करने पर दुल्हन लजा जाती थीं और काफी संकोच के साथ दूल्हे की सेल्फी लेने की इच्छा पूरी हो पाती थी। वहीं, दूल्हा-दुल्हन के परिजन भी खूब फोटो ले रहे थे।
बरातियों ने लिया भोजन का आनंद
पिछली बार की अव्यवस्था से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने सामूहिक विवाहोत्सव शुरू होते ही भोजन शुरू करा दिया था। हजारों की संख्या में उमड़ रहे दूल्हा-दुल्हन के परिजनों यानि महिलाओं, पुरुष, युवाओं और बच्चों ने भरपूर भोजन का आनंद लिया। भोजन की व्यवस्था पूर्व और पश्चिम की ओर भव्य रूप से की गई थी। हालत यह थी कि भीड़ से बचने को लोगों ने एक बार में भी इतना दाल, सब्जी, चावल, पूड़ी आदि भर लिया था कि तमाम लोगों से या बच्चों से खाया भी नहीं गया और तमाम भोजन प्लेट्स में बर्बाद होता दिखा। भोजन का सिलसिला सामूहिक विवाह के उद्घाटन से ही शुरू कर दिया गया था।
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