Kannauj: एंटी करप्शन टीम का खेल उजागर, फाइल से रुपये गिराने के बाद लिपिक की थी पिटाई, देखें- VIDEO
कन्नौज में एंटी करप्शन टीम का खेल उजागर
कन्नौज, अमृत विचार। कानपुर से आई जिस एंटी करप्शन टीम ने 29 फरवरी को बीएसए कार्यालय के बाबू विमल पांडेय को रिश्वतखोर बताया था, अब वह टीम खुद संदेह के घेरे में आ गई है। टीम का नेतृत्व करने वाले इंस्पेक्टर ने सदर कोतवाली में जो रिपोर्ट दर्ज कराई थी उसका भी सच सामने आ गया है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सीसीटीवी कैमरों के फुटेज ने साबित कर दिया है कि एंटी करप्शन टीम की कहानी में कितने ‘छेद’ हैं। हालांकि अमृत विचार डॉट कॉम ऐसे किसी भी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
कन्नौज: सीसीटीवी फुटेज वायरल, बीएसए कार्यालय के लिपिक ने नहीं ली थी घूस। pic.twitter.com/2RbonLsISw
— Amrit Vichar (@AmritVichar) March 3, 2024
बीएसए कार्यालय में 29 फरवरी को दोपहर 12 बजे के बाद जो भी कुछ हुआ अब वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खूब प्रसारित हो गया है। इससे एंटी करप्शन टीम की ‘कलई’ खुलकर सामने आ गई है। एंटी करप्शन टीम के नेतृत्व करने वाले इंस्पेक्टर मृत्युंजय मिश्र ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि शिक्षक अनुराग सिंह ने ऊपर वाली जेब से रुपये निकालकर बाबू विमल पांडेय को दिए, लेकिन सीसीटीवी फुटेज का सच कुछ और ही है।
फुटेज में साफ दिख रहा है कि फाइल में रुपये रखे थे, जिसे शिक्षक अनुराग सिंह के साथ गए अन्य युवक ने बाबू विमल पांडेय के ऊपर गिरा दिए और उसके बाद पिटाई शुरू कर दी। बाद में कुछ और लोग अंदर आए इसमें शामिल एक व्यक्ति ने नोट उठाए और बाबू को जबरन हाथ पकड़कर ले गए। कोतवाली में भी आरोपी बाबू ने एंटी करप्शन की कहानी को गलत ठहराया था और रुपये न लेने की बात कही थी। इसी वजह से टीम व उनके साथियों ने बीएसए कार्यालय में लगी डीवीआर के उपकरण ले गए थे। जिन लोगों ने यह कारनामा किया है, उनके भी चेहरे फुटेज में दिख रहे हैं।
पहले सीसीटीवी फुटेज में कब, क्या व कैसे हुआ
पहले वायरल हुए सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि 29 फरवरी को दोपहर 12.24 बजे विमल पांडेय अपने एक सहयोगी कंप्यूटर (ऑपरेटर) के साथ कक्ष में बैठे थे और फोन पर बात कर रहे थे। एक मिनट बाद दरवाजा खोलकर नीली शर्ट व खाकी रंग का पैंट पहनकर युवक अंदर घुसता है। उसी के साथ प्राथमिक स्कूल गौरीबांगर ब्लॉक गुगरापुर के शिक्षक अनुराग सिंह यादव अन्नू भी हाथ में फाइल लेकर अंदर आता है।
शिक्षक अनुराग कुर्सी पर बैठे विमल पांडेय के पैर छूता है। इससे पहले वह फाइल नीले शर्ट वाले युवक को दे देता है। दरवाजे के पीछे अन्य लोग भी खड़े हैं जो शीशे में दिख रहे हैं। इस दौरान विमल पांडेय फोन पर बात ही रहे हैं। दूसरा मोबाइल टेबल पर रखा है। उस पर वह कुछ देखते हैं। पहले फोन पर बात होने के बाद वह उसे कंप्यूटर ऑपरेटर को दे देते हैं।
इसी दौरान नीली शर्ट पहने युवक फाइल विमल पांडेय के टेबल पर रखे हाथों की ओर बढ़ाता है। फिर शिक्षक अनुराग उसे उठाकर अपने साथी नीली शर्ट वाले युवक को पकड़ा देता है। कुछ ही देर में वह युवक फाइल से नोट विमल पांडेय के पैरों पर गिरा देता है और पिटाई करने लगता है। इसी बीच एक अन्य तीसरा युवक पीठ पर बैग टांगकर अंदर आता है। वह भी बाबू की जमकर पिटाई करता है। तीन अन्य लोग भी अंदर आते हैं और बाबू के हाथ पकड़कर उठा देते हैं और ले जबरन खींचकर ले जाते हैं।
इस दौरान जो युवक पीठ पर बैग टांगकर अंदर घुसा था वह जमीन पर गिरे नीचे से नोट उठाता है। एक युवती भी मुंह पर मास्क लगाकर आती है और मोबाइल से वीडियो बनाने लगती है। इस बीच काली कोटी व सफेद शर्ट पहना व्यक्ति ही बचता है और वह बाबू के सहयोगी को बाहर जाने से रोकता है उसको पकड़कर कंप्यूटर की ओर अंदर ले जाता है। टेबल व नोट गिरने वाले स्थान पर ताकझांक करने के बाद काली कोटी पहने व्यक्ति बाहर चला आता है। कंप्यूटर ऑपरेटर नीचे टूटा चश्मा उठाता है। 12.27 तक यह पूरा वाकया हो जाता है।
दूसरा फुटेज बीएसए के कक्ष का है, जहां डीवीआर पार हुआ
घटनाक्रम वाले दिन दोपहर 12.33 बजे जिस कक्ष में बीएसए बैठतीं हैं उसका है। वहां नीला जींस व पीला टी-शर्ट पहने लंबा युवक घुसता है वह भगवा अंगौछा डाले हैं। उसके साथ अधेड़ उम्र का भी व्यक्ति है। उसके गले में सफेद अंगौछा व काली जैकेट है और हाथों में झोला पकड़े है। दरवाजे से अंदर घुसते ही दोनों की नजर सीसीटीवी के डीवीआर और स्क्रीन पर जाती है।
भगवा अंगौछा पहने युवक स्क्रीन का प्लग निकाल देता है जिससे स्क्रीन बंद हो जाती है। उसके बाद दूसरा अधेड़ कुर्सी खिसकाकर ऊपर चढ़कर जाता है और डीवीआर से फुटेज स्टोर होने वाला उपकरण निकाल लेता है। इसके बाद वह नीचे उतरकर वह साथ लाए झोले में रख लेता है। फिर भगवा अंगौछा पहने युवक भी उसी कुर्सी पर चढ़ता है।
कुछ निकालता है और मुंह ढंककर बीएसए की कुर्सी तरफ जाता है जो खाली थी। वह मेज में लगी दो रैक खोलता है। उसके बाद दूसरी ओर लगी रैक भी देखता है। उसके बाद वह बाहर चला जाता है। इसी कक्ष में एक अन्य तीसरा युवक भी दिख रहा है जो विमल पांडेय के कक्ष में मौजूद था। वह पीला, सफेद और नीला रंग का स्वेटर पहने युवक है। वह मेज पर रखी डायरी व मोबाइल उठाकर जाता हुआ दिखता है। उसके बाद औरंज व धारीदार स्वेटर पहने युवक दूसरे दरवाजे से आता है और टेबल देखकर तुरंत ही निकल जाता है।
सीसीटीवी फुटेज देखकर साबित हो गया है कि बाबू विमल पांडेय को जानबूझकर फंसाया गया है। फाइल जबरदस्ती आगे बढ़ाई गई और उसके बाद पिटाई की गई। जब क्राइम हुआ ही नहीं तो पिटाई बेवजह की गई है। एंटी करप्शन टीम का यह कारनामा प्रायोजित लग रहा है। इसमें अन्य लोग भी शमिल हैं। मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। शिक्षक व अन्य संगठनों में रोष व्याप्त है।- उदय नरायन यादव, जिलाध्यक्ष- प्राथमिक शिक्षक संघ
डीएम से मिलकर पूरी बात बताई जाएगी। साथ ही निष्पक्ष जांच करने और झूंठा फंसाने वालों पर कार्रवाई की मांग होगी। सीसीटीवी फुटेज से सब सामने आ गया है। अन्य कर्मचारी संगठनों से भी बात हो रही है। संयुक्त राज्य कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष डॉ. अशोक सविता को भी इससे अवगत करा दिया गया है। पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए सभी से सहयोग मांगा जाएगा।- अशोक कुमार, जिलाध्यक्ष- यूपी बेसिक शिक्षा कर्मचारी एसोसिएशन
