Mahashivratri: महबली भीम ने की थी एशिया के इस सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना, महाशिवरात्रि पर माता पार्वती के साथ स्वंय आते हैं भोलेनाथ
उमानाथ तिवारी/गोंडा, अमृत विचार। जिले के खरगूपुर स्थित बाबा पृथ्वी नाथ महादेव का मंदिर की स्थापना पांडु पुत्र भीम ने की थी। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान भोलेनाथ माता पार्वती संग स्वंय यहां आते हैं और जलाभिषेक के लिए आने वाले भक्तों को आशिर्वाद देकर उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी है।

गोंडा मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर खरगूपुर बाजार स्थित बाबा पृथ्वीनाथ का ऐतिहासिक मंदिर पौराणिक महत्व रखता है। कजरी तीज, श्रावण मास व महाशिवरात्रि के पर्व पर प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं और सुख समृद्धि की कामना करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर की स्थापना महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने की थी।

कहा जाता है कि अपने अज्ञातवास के दौरान महाबली भीम ने यहां बकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। उसके वध से जो ब्रम्हहत्या का पाप भीम को लगा था उसी के प्रायश्चित के लिये भीम ने इस शिवलिंग की स्थापना की। काले कसौटी के पत्थर से बने इस शिवलिंग के चार अरघे जमीन के नीचे हैं और अरघे पर ही इस शिवलिंग को स्थापित किया गया है। इस शिवलिंग पर की गई नक्काशी महाभारत कालीन हैं। तमाम पौराणिकतताओं को समेटे बाबा पृथ्वीनाथ का यह ऐतिहासिक मंदिर आज भी भक्तों के आस्था का केंद्र है।
.jpg)
मान्यता है कि महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान भोलेनाथ माता पार्वती के साथ स्वंय यहां विराजते हैं और यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। मंदिर के महंत जगदंबा प्रसाद तिवारी कि कहना है कि पूरे साल यहां श्रद्धालुओं का जाना जाना लगा रहता है। श्रावण मास, कजरी तीज और महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं।
एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग
बाबा पृथ्वी नाथ के इस ऐतिहासिक मंदिर में स्थापित शिवलिंग एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी है। काले पत्थर का बना यह शिवलिंग जमीन से 5.50 फिट ऊपर है तो 54 फिट जमीन के नीचे भी है। शिवलिंग के साथ बने अरघे का स्वरूप ऐसा है कि कितना भी लंबा व्यक्ति क्यों न हो, उसे शिवलिंग पर जालाभिषेक करने के लिये अपने पांव की ऐड़ी को उठाना ही पड़ेगा।
यह भी पढ़ें:-Maha Shivratri Special : एक चावल के बराबर हर साल बढ़ जाता शिवलिंग...मंदिर की अद्भुत है मान्यता, इस योग में करें पूजा
