Kanpur: बिकरु कांड के कुख्यात विकास दुबे का खजांची जय बाजपेई दो मामलों में बरी, आर्म्स एक्ट के मामले में इस दिन होगी सुनवाई...

Kanpur: बिकरु कांड के कुख्यात विकास दुबे का खजांची जय बाजपेई दो मामलों में बरी, आर्म्स एक्ट के मामले में इस दिन होगी सुनवाई...

कानपुर, अमृत विचार। बिकरु कांड के कुख्यात विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई को शस्त्र लाइसेंस में झूठे शपथ पत्र का प्रयोग व आर्म्स एक्ट के मुकदमे में कोर्ट ने बरी कर दिया। फैसले के खिलाफ अभियोजन की ओर से आर्म्स एक्ट के मुकदमें में सेशन कोर्ट में अपील की गई। वहीं झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के मामले में फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी की जा रही है। आर्म्स एक्ट के मुकदमे में नौ अप्रैल को सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है। 

दो जुलाई 2020 की देर रात बिकरु में दबिश में गए आठ पुलिसकर्मियों को कुख्यात विकास दुबे व उसके साथियों ने मौत के घाट उतार दिया था। साथ ही छह पुलिसकर्मी गंभीर रुप से घायल हो गए थे। बिकरु कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। घटनाकांड को अंजाम देने के बाद विकास दुबे को भगाने के मामले में पुलिस ने हर्ष नगर निवासी जयकांत उर्फ जय बाजपेई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 

मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की जांच में सामने आया था कि जय बाजपेई ने शस्त्र लाइसेंस हासिल करने के लिए अभिलेखों में कूटरचना की। साथ ही अपराधिक इतिहास छिपाकर झूठा शपथ पत्र दाखिल किया था। जांच के आधार पर तत्कालीन बजरिया इंस्पेक्टर राममूर्ति यादव ने धोखाधड़ी, लोकसेवक के समक्ष झूठा शपथ पत्र, कोर्ट के समक्ष झूठी घोषणा करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। 

मामला विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्नेहा की कोर्ट में विचाराधीन था। अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों के बयानों को बचाव पक्ष ने निराधार बताया। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि लाइसेंस लेने के दौरान जय बाजपेई या उसके पारिवार के किसी सदस्य के खिलाफ मुकदमा हो। कोर्ट ने मामले में आरोपी जय बाजपेई को दोष मुक्त करार दिया। 

वहीं दूसरा मुकदमा 20 जुलाई को बजरिया थाने के तत्कालीन दरोगा अवनीश कुमार वर्मा ने दर्ज कराया था। बताया था कि वह 18 जुलाई को जय बाजपेई के शस्त्र व कारतूसों की जांच के लिए गए थे। जांच में जय के नाम पर 65 कारतूस आवंटित थे। कारतूसों के प्रयोग की जानकारी पर उसके भाई रजय कांत ने अनभिज्ञता जाहिर की। जिसके बाद जय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। 

मुकदमा विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमार सिंह की कोर्ट में विचाराधीन था। अभियोजन मामले में आरोपी के खिलाफ दोष साबित करने में असफल रहा। कोर्ट ने आयुध अधिनियम में निर्दोष पाते हुए जय बाजपेई को दोष मुक्त करार दिया था। डीजीसी दिलीप अवस्थी ने बताया कि आर्म्स एक्ट में फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई है। मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को होगी। वहीं लाइसेंस में झूठे शपथ पत्र मामले में फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी की जा रही है।

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