Special Story : टोपी से होली में रंग भरकर भाईचारे की मिसाल कायम कर रहे मुस्लिम परिवार

Special Story : टोपी से होली में रंग भरकर भाईचारे की मिसाल कायम कर रहे मुस्लिम परिवार

होली की टोपी बनाते मुस्लिम कारीगर

प्रबल प्रभाकर, अमृत विचार। होली भले की हिंदुओं का त्योहार है मगर इसमें रंग भरने का काम तीन मुस्लिम परिवार भी कर रहे हैं। शहर के तीन मुस्लिम परिवार पुश्तों से होली की टोपियां बनाकर अमरोहा ही नहीं बल्कि देश के अलग अलग राज्यों में सप्लाई कर होली में रंग भर रहे हैं। होली की टोपी अमरोहा की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है। इस बार भी यह हुरियारों के सिर पर इनकी टोपी नजर आएगी।

होली पर अमरोहा की टोपी की जबरदस्त मांग रहती है। शहर के मोहल्ला बटवाल में रहने वाले तीन मुस्लिम परिवार करीब छह दशक होली की टोपी तैयार करते आ रहे हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी यह कार्य चलता आ रहा है। अब नसीम बेग के हाथ से बनी होली की टोपी अमरोहा ही नहीं बल्कि राज्य के कई जनपदों और देश के अलग-अलग राज्यों में हिंदुओं के सिर चढ़कर बोलती है।

नसीम बेग के परिवार की महिलाएं भी इस कार्य में उनका हाथ बंटाती है। होली से करीब तीन पूर्व परिवार के लोग हाथ से टोपियां बनानी शुरू कर देते हैं। ताकि समय पर ऑर्डर पूरा कर सकें। नसीम बेग बताते हैं कि हर साल कई लाख टोपियां सप्लाई की जाती हैं। होली की रंगीन टोपियों में रंग भर कर राष्ट्रीय एकता और अखंडता की मिसाल बनकर खुशी महसूस करते हैं। उनका कहना है कि वैसे तो यह कार्य होली के त्योहार पर ही ही होता है, लेकिन होली की टोपियां साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का भी प्रतीक हैं। उन्होंने बताया अब इस धंधे में विशेष लाभ नहीं है, परंतु पारिवारिक विरासत को निभा रहे हैं ताकि एकता की परंपरा कायम रहे।

केसरिया रंग की टोपी की बढ़ी मांग
उन्होंने बताया कि होली पर वैसे तो वह सब रंगों की टोपियां बनाते हैं। सभी पर शुभ होली भी लिखा होता है। लेकिन इस बार केसरिया टोपी भी बनाई है। छोटे दुकानदारों ने भी केसरिया टोपी का ही ऑर्डर दिया है।

चुनाव के लिए भी बनाई जाती हैं टोपियां
नसीम बेग का परिवार केवल होली ही नहीं बल्कि चुनाव के लिए राजनीतिक टोपियां भी बनाते हैं। देशभर के छोटे-बड़े नेता इस परिवार के हाथों की बनी टोपी पहनते हैं। नसीम बेग ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के लिए चुनाव चिन्ह छपी टोपियां बनाई थीं।

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