पीलीभीत: वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन 42 करोड़ के बिल बाउचरों का भुगतान, डटे रहे अफसर
पीलीभीत, अमृत विचार। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के साथ ही रविवार के दिन सरकारी दफ्तरों में सामान्य दिनों की तरह कामकाज हुआ। अफसर और लिपिक चुनावी काम को भूलकर दफ्तरों में खाते के मिलान और अन्य कार्यों में जुटे रहे। इस दौरान जमकर गुणा-भाग हुआ तो आंकड़ों की भी बाजीगरी चली।
योजनाओं का पैसा लैप्स न हो जाए, इस कोशिश में सभी बिना शिकवा शिकायत के काम में लगे रहे। सरकारी कार्यालयों में वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में 102 करोड़ से अधिक भुगतान किए गए। जबकि 31 मार्च को विभिन्न विभागों के 42 करोड़ रुपए के बिल बाउचरों का भुगतान किया गया।
जनपद में सामान्य दिनों में 15 से 20 करोड़ का ही भुगतान सरकारी कार्यालयों में होता है, लेकिन वित्तीय वर्ष के आखिरी सप्ताह में यह चार गुना तक बढ़ जाता है। जिले के समस्त सरकारी कार्यालयों में सुस्त गति से होने वाले कार्य भी तेजी पकड़ गए। ताकि बजट लैप्स न हो जाए।
मार्च के आखिरी सप्ताह से ही विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, पीडब्ल्यूडी समेत विभिन्न विभागों में बिल बाउचर का काम बनना तेज कर दिए थे। ताकि इस वित्तीय वर्ष में बजट को खपा दिया जाए। पूर्व में कई विभागों ने आखिरी सप्ताह से पहले ही करोड़ों रुपये के बिल बाउचर को पास कराया। जिसके बाद 31 मार्च के आखिरी दिन भी ट्रेजरी में भीड़ लगी रही। अफसर अपने चैंबर खाली छोड़कर बिल का भुगतान करने की होड़ में लगे रहे।
वहीं कर्मचारियों का एरियर, वेतन, यात्रा भत्ता और स्टेशनरी के बिल को दबाकर सौदेबाजी करने वाले बाबुओं ने अंतिम दिनों में पत्ता खोला। जिसके बाद सरकारी विभागों ने करोड़ों का भुगतान कराया गया। हालांकि इन बिलों का भुगतान करने में कर्मचारियों का पसीना छूट गया।
इधर वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन विभिन्न विभागों के 42 करोड़ रुपए के बिल बाउचरों का भुगतान किया गया। इसमें मुख्य रूप से पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, बाढ़ खंड, वन विभाग, मेडिकल कॉलेज एवं समस्त नगर पालिका और नगर पंचायतें शामिल हैं। इससे पहले 28 मार्च को 22 करोड़, 30 मार्च को 38.50 करोड़ के बिल बाउचरों का भुगतान कराया गया। इधर पीटीआर के प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय में सामान्य दिनों की तरह कामकाज होते देखे। कार्यालय लिपिक फाइलों से माथापच्ची करते देखे गए।
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