UP news: हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत-बिना वैध कारण के सबके असलहे जमा नहीं करा सकता प्रशासन

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
On

लखनऊ, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव के दौरान प्रशासन द्वारा सबके असलहे जमा कराने के आदेश को गंभीरता से लेते हुए लाइसेंसी असलहा धारकों को बड़ी राहत दी है। इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अगर इस संबंध में कोई अन्य याचिका आती है जिसके द्वारा यह जानकारी मिलती है कि अधिकारी इस कोर्ट के आदेश दिनांक 25 फरवरी 2022 के बावजूद चुनाव के दौरान बिना किसी कारण असलहा धारकों को अपने आग्नेयास्त्र जमा करने के लिए मजबूर कर रहे हैं तो कोर्ट को संबंधित अधिकारियों पर अनुकरणीय जुर्माना लगाना पड़ेगा जो कोर्ट के आदेशों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि अगर सक्षम अधिकारी के पास लाइसेंस धारक का अग्नियास्त्र जमा कराने के लिए वैध कारण है तो वह कोर्ट के आदेश से प्रभावित हुए बिना विशिष्ट आदेश पारित कर सकते है। 

उक्त आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की एकल पीठ ने रवि शंकर तिवारी और चार अन्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। मुख्य रूप से कोर्ट ने इस आदेश की एक प्रति मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश को उचित कार्यवाही हेतु 24 घंटे के अंदर प्रेषित करने का निर्देश भी दिया है। इसके साथ ही सनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि चुनाव आयोग द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के उद्देश्य से संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाता है, जिसमें एसपी, एडीम और एएसपी सदस्य होते हैं। 

शस्त्र लाइसेंस का सत्यापन एवं उन्हें जमा करने के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जाता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि उक्त कमेटी के पास भी आग्नेयास्त्रों को जमा करने के लिए ठोस कारण होना चाहिए, तभी वह लाइसेंस धारकों को अपने आग्नेयास्त्र जमा करने के लिए सामान्य आदेश जारी कर सकते हैं। अंत में कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद स्पष्ट रूप से यह आदेश पारित किया कि एक सामान्य आदेश के जरिए प्रशासन सबके असलहे जमा नहीं कर सकता है।

7 - 2024-04-01T135438.194

ये भी पढ़ें -सीएम केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने ED की मांग पर 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

संबंधित समाचार