जो लोग संविधान बदलना चाहते हैं, उनके निशाने पर हूं: मौलाना तौकीर रजा

जो लोग संविधान बदलना चाहते हैं, उनके निशाने पर हूं: मौलाना तौकीर रजा

बरेली, अमृत विचार: शहर में 2010 में हुए दंगे के केस में फरार घोषित किए जाने के बाद आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने बुधवार को एक वीडियो संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा है कि वह उन लोगों के निशाने पर हैं जो देश का संविधान बदलना चाहते हैं। वह भगोड़े नहीं हैं। उन्हें चाहे फांसी पर चढ़ाया जाए या मुख्तार अंसारी की तरह जेल में जहर देकर मारा जाए, वह हर संघर्ष का सामना करने के लिए तैयार हैं।

मौलाना ने वीडियो में कहा है कि उनकी बदनामी की जा रही है और भगोड़ा बताकर तमाशा बनाया जा रहा है। इसी कारण उन्होंने मजबूरी में अस्पताल से छुट्टी ली है। डॉक्टर ने उन्हें सख्त ताकीद की है कि जब तक ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो जाए, तब तक उन्हें पूरी तरह आराम की जरूरत है। अगर उन पर जवाबदेही बनती है तो वह कोर्ट में हाजिर होने, गिरफ्तारी देने और फांसी पर भी चढ़ने को तैयार हैं। मुख्तार अंसारी की तरह जेल में जहर देकर मारना चाहते हैं तो उसके लिए भी तैयार हैं।

मौलाना ने कहा है कि वह भागने वालों में से नहीं हैं। ईमानदारी से काम होगा तो सहयोग करेंगे लेकिन बेईमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनका अल्लाह जानता है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वह पूरी ईमानदारी से संविधान की हिफाजत की बात करते हैं। इसी कारण जो लोग संविधान को बदल देना चाहते हैं, वह उनके निशाने पर हैं। मौलाना ने गृहमंत्री अमित शाह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि गृह मंत्री के 'निजाम' यानी नसीमुद्दीन, अशरफ अतीक, आजम से निजात दिलाने के बयान से साफ है कि अतीक, अशरफ और मुख्तार की हत्या कराई गई थी। सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेकर हत्या का मुकदमा दर्ज कराना चाहिए।

तौकीर ने कहा है कि अब तक सुप्रीम कोर्ट ही किसी भी तरह के दबाव से बचा हुआ है। कुछ जज रिटायर होकर सत्ताधारी भाजपा से फायदा लेना चाहते हैं। उनकी सुप्रीम कोर्ट से अपील है कि इसका संज्ञान ले क्योंकि पूरे देश का अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट पर ही विश्वास बचा है।

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