बाराबंकी: गांव पहुंचे दो शव तो बिलख पड़े परिजन, पूरे गांव की आंखे हुईं नम

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Published By Deepak Mishra
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दरियाबाद/बाराबंकी, अमृत विचार। सरयू नदी में डूबे दो बच्चों का शव पोस्टमार्टम के बाद रविवार को गांव पहुंचा तो मानों आंसुओं का सैलाब टूट पड़ा। बच्चों के परिजन इस कदर बिलख रहे थे कि हर कोई उन्हें संभालने की कोशिश करता रहा। यह दर्दनात नजारा जिन आंखों ने देखा वह आंसुओं से नम हो गईं। दरअसल बीते शनिवार को सरयू नदी में डूबे शाफ अहमद पुत्र महमूद आलम और अनफासुल रजा उर्फ हमजा पुत्र मोहम्मद शकील का शव पोस्टमार्टम के बाद रविवार को जब चिर्रा गांव पहुंचा तो हर आंख नम हो गई। वहीं सोमवार को घटना स्थल से तीन किलोमीटर दूर सरयू नदी में डूबे 5वें बच्चे अहमद रजा पुत्र मोहम्मद शकील का शव भी बरामद कर लिया गया है।

सुपुर्द-ए-खाक के समय टूटी मजहब की दीवारें 

सुपुर्द-ए-खाक के समय मजहब की सारी दीवारें भी टूट गईं। दर्जनों की संख्या में पहुंचे हिंदू भाइयों ने मृतक के परिजनों को ढाढस बंधाया और मिट्टी देकर अंतिम विदाई दी। एक साथ डूबे पांच बच्चों की  मौतों से गांव वासी अभी भी स्तब्ध हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि ईद से पहले की खुशी कैसे पलभर में मातम में बदल गई।

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एक घर के दो चिरागों के इस तरह से बुझ जाने के बाद से पिता शकील पर मानों गमों का पहाड़ टूट पड़ा हो। दो बच्चों को खोने वाले शकील रविवार को दिनभर गुमसुम बैठे टकटकी निगाहों से नदी और आसमान को निहारते यादों में खोए रहे। मानों खुदा से सवाल कर रहे हों कि यह सजा उन्हें आखिर किस गुनाह की मिली है। ग्रामीणों के सांत्वना देने पर शकील फफक कर रोते रहे। वह कहते रहे माहे रमजान में उनपर कुदरत का ऐसा कहर टूटा। जिसके बाद अब वह एक जिंदा लाश हो गये हैं। 

सरयू ने डुबोई बुढ़ापे की लाठी 

अपनी मां सादिया के साथ दो दिन पूर्व ही मौसी के घर चिर्रा आए अयान का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके पैतृक गांव ऐथर थाना रुदौली जिला अयोध्या में  सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस मंजर से भी पूरे गांव में शोक छाया रहा। अयान के पिता सऊदी में नौकरी करते हैं। इस घटना से परिवार पूरी तरह टूट सा गया है। सबसे ज्यादा दुख अयान के के दादा- दादी को हुआ। लोगों ने बताया कि लगभग एक वर्ष पूर्व ही बच्चे के बड़े पिता का असामायिक निधन हो गया था। परिवार उस दुख से अभी पूरी तरह उबर भी नही पाया था कि अपने माता पिता के अकेले पुत्र अयान की मौत हो गई। इस हादसे से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

गहरे गड्ढे में मिला नूर आलम का शव

रविवार को दिनभर चले सर्च ऑपरेशन में एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी की टीम को नूर आलम का शव उसी स्थान पर गहरे गड्ढे में मिला। जहां वह डूब रहे बच्चों को बचाने के लिए गया था। नूर आलम का शव जैसे ही नदी के बाहर आया। उसे देखकर परिजनों में चीखपुकार मच गई। परिजनों के मुताबिक नूर आलम एक महीने पहले ही सऊदी अरब से लौटा था। वह अपने परिवार का बड़ा सहारा था। बच्चों के बचाने की कोशिश में वह डूब गया। नूर आलम के शव को पोस्टमार्टम के लिये जिला मुख्यालय भिजवाया गया।

सरयू में डूबे थे पांच लोग

बीते शनिवार को टिकैतनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत चिर्रा गांव से कुछ दूरी पर अहमद रजा (15) और अनफासुल रजा उर्फ हमजा (12), शाफ अहमद (12) और अयान (10) सरयू नदी में नहाते समय डूब गये थे। इसी दौरान नूर आलम (26) (पुत्र अब्दुल हेई बच्चों को बचाने के दौरान नदी में समा गया था। शाफ अहमद, अयान और उर्फ हमजा का शव उसी दिन नदी से निकाल लिया गया था। रविवार को नूर आलम का शव मिल गया। 

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राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने बंधाया ढांढस

क्षेत्र की इस दर्दनाक घटना के बाद रविवार को राज्यमंत्री सतीश शर्मा चिर्रा गांव पहुंचे। उन्होंने डीएम समेत सभी आलाधिकारियों को पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद के निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस भी बंधाया।

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