गोंडा: मंडी में गेहूं की आवक तेज, भाव में गिरावट-इस रेट पर हो रही खरीद 

करीब 2260 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खुले बाजार में हो रही गेहूं की खरीद

गोंडा: मंडी में गेहूं की आवक तेज, भाव में गिरावट-इस रेट पर हो रही खरीद 

गोंडा, अमृत विचार। नवीन गल्ला मंडी में नए गेहूं की आवक शुरू हो गई है। किसानों के यहां फसल कटने लगी है। अन्नदाता उपज को बेचने के लिए मंडी का रुख करने लगे हैं। अब सरकारी  केंद्र प्रभारी को भी उम्मीद जगी है कि उनके यहां भी खरीद होगी। गेहूं के दाम में भी अब गिरावट देखे जा रही है। जहां दो-तीन दिन पहले गेहूं ₹2400 प्रति क्विंटल के भाव से व्यापारी खरीद कर रहे थे। वहीं अब इसमें गिरावट आ गई है। मंगलवार को कई किसान अपनी उपज को बेचने के लिए मंडी में आए। किसानों के मुताबिक अभी-अभी फसल कटनी शुरू हुई है। ऐसे में आने वाले दिन में गेहूं तेजी के साथ मंडी में आएगा। मंडी के व्यापारी 2260 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीद रहे हैं। गेहूं आने से अब मंडी में स्थापित सरकारी केंद्र भी गुलजार होने लगे हैं। मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं का मूल्य इस वर्ष 2275 रुपए प्रति क्विंटल सरकार ने रखा है। गेहूं खरीद की गति धीमी होने से जिला प्रशासन से लेकर शासन तक परेशान है। जहां एक और गेहूं खरीद हो इसके लिए जिला प्रशासन ने रेल प्रशासन को रैक पॉइंट से गेहूं बाहर भेजने के लिए इंडेंट पर रोक लगा दी है। वहीं व्यापारियों पर भी गेहूं खरीदने  को लेकर मुखर नहीं हो रहे हैं। व्यापारियों द्वारा गेहूं ना खरीदे जाने से खुले बाजार में दाम में गिरावट आ गई है । प्रशासन को उम्मीद है कि जब मूल्य समर्थन योजना व व्यापारियों के मूल्य में कोई विशेष अंतर नहीं होगा, तो लोग अपनी उपज को बेचने के लिए सरकारी  केंद्र पर जरूर आएंगे। 

हालांकि मूल्य समर्थन योजना का उद्देश्य यह है कि जो सरकारी दर खरीद के लिए जारी हो उस कम मूल्य पर खुले बाजार में किसानों की उपज न खरीदी जाए। वही व्यापारियों का दावा है कि वे लोग किसानों से गेहूं नहीं खरीदेंगे तो उनका व्यापार चौपट हो जाएगा। सरकार की मनसा है कि पहले सरकारी केंद्र पर खरीद हो जाए उसके बाद व्यापारी खरीद फरोख्त करते हुए व्यापार करें। कई  योजनाएं चलाई जा रही हैं जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली है। उसमें गेहूं खरीद से ही इकट्ठा किए गए खाद्यान्न को ही सरकार गरीबों के बीच वितरित करती है। यदि  खरीद नही होगी तो योजना के लिए खाद्यान्न की अलग से व्यवस्था करनी पड़ेगी। बहराइच रोड स्थित गल्ला मंडी में किसानो की आवाजाही बढ़ी है। पछुआ हवा चलने से गेहूं की फसल भी तैयार हो गई है। अन्नदाता जिसको बेचने के लिए मंडी में आ रहे हैं। 

मंडी प्रशासन की माने तो प्रतिदिन 300 से 400 क्विंटल गेहूं की आमद हो रही है। मंडी में किसान अपने उपज को बेचने के लिए आ रहे हैं । जो आवक है उसमें से अधिकांश किसान सरकारी करें केंद्र पर ही अपना गेहूं बेच रहे हैं। बाजार में गेहूं के के दाम में गिरावट आने से सरकारी केंद्र प्रभारियों की चांदी होगी। जो अभी गेहूं की तलाश में गांव गांव जाकर किसानों के घर दस्तक दे रहे हैं इन लोगों को आराम से गेहूं मिलने लगेगा। नवीन गल्ला मंडी के निरीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि मंडी में गेहूं की आवक हो रही है। अधिकांश किसान सरकारी केंद्र पर ही अपनी उपज बेच रहे हैं। खुले बाजार में भी गेहूं के भाव में गिरावट देखी जा रही है। सरकार के मनसा अनुसार कार्य किया जा रहा है।

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