Lok Sabha Elections 2024: नतीजे भले न ज्यादा बदले, हर चुनाव में रुख बदलते रहे बरेली संसदीय क्षेत्र के वोटर

Lok Sabha Elections 2024: नतीजे भले न ज्यादा बदले, हर चुनाव में रुख बदलते रहे बरेली संसदीय क्षेत्र के वोटर

बरेली, अमृत विचार: बरेली संसदीय क्षेत्र की पांचों विधानसभा सीटों पर 2017 और 2022 के चुनावों के नतीजे जरूर भाजपा के पक्ष में थे लेकिन वोटों की उथलपुथल कम नहीं थी। 2017 की तुलना में 2022 के चुनाव में वोटरों ने जमकर अपना रुख बदला। भाजपा ने 2017 में पांचों सीटों पर तीन लाख से ज्यादा वोटों की बढ़त ली थी जो 2022 में घटकर सिर्फ 75 हजार रह गई। हालांकि इसके बावजूद भाजपा सिर्फ एक सीट के नुकसान में रही। भोजीपुरा में शहजिल इस्लाम जीत गए। बाकी चार सीटों पर नतीजा नहीं बदला।

चुनाव को लेकर सियासी दावों के पीछे अपना गणित हो सकता है, लेकिन वोटों के आंकड़े साफ बताते हैं कि बरेली संसदीय क्षेत्र में हुए पिछले दो विधानसभा चुनाव में वोटरों का मिजाज इतना ज्यादा स्थाई भी नहीं रहा कि पूरी तरह निश्चिंत हुआ जा सके। दिलचस्प तथ्य यह है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़े थे।

 सपा ने नवाबगंज और भोजीपुरा में अपने उम्मीदवार उतारे थे और कांग्रेस ने बरेली, बरेली कैंट और मीरगंज में। फिर भी बरेली की पांचों सीटों पर भाजपा ने 3.07 लाख वोटों की बढ़त ली लेकिन 2022 के चुनाव में जब भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा सभी ने अपने अलग-अलग प्रत्याशी मैदान उतारे तो यह बढ़त घटकर 75396 वोटों की ही रह गई।

2017 में भाजपा ने कुल 47.3 प्रतिशत वोट हासिल करके पांचों सीटें जीती थीं। यह भी आश्चर्यजनक तथ्य है कि सपा को इस चुनाव में सिर्फ 11.9 प्रतिशत वोट मिला और कांग्रेस को 18.6 प्रतिशत यानी सपा की तुलना में 6.7 प्रतिशत वोट ज्यादा। इस चुनाव में भाजपा का वोट शेयर विपक्षी दलों की तुलना में 28.7 प्रतिशत ज्यादा था। 2022 में उसके वोट और बढ़े।

कुल मिलाकर उसे 48.9 प्रतिशत वोट मिला। यह पिछले चुनाव से 1.6 प्रतिशत ज्यादा था लेकिन फिर भी उसकी कुल बढ़त घटी और उसने भोजीपुरा की सीट भी गंवा दी। 2022 के चुनाव में भोजीपुरा में पांचों सीटों में सबसे ज्यादा 2.60 लाख वोट पड़े और यह सीट सपा के शहजिल इस्लाम ने जीत ली।

दोनों चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह रहा कि 2022 में जब वह अकेले चुनाव लड़ी तो उसका वोट प्रतिशत अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 42.7 पर पहुंच गया जो पिछले चुनाव की तुलना में 30 प्रतिशत से भी ज्यादा था। हालांकि इसमें यह फैक्टर भी शामिल था कि 2017 में वह दो सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 2022 में पांचों सीटों पर। लेकिन 2017 में सपा और कांग्रेस का कुल वोट प्रतिशत भी 30.5 प्रतिशत ही था। 2022 के चुनाव में बसपा और कांग्रेस रसातल में पहुंच गईं। पांचों सीटों पर बसपा को कुल मिलाकर सिर्फ 5.8 प्रतिशत और कांग्रेस को 1.2 प्रतिशत ही वोट मिला।

विधानसभा चुनाव 2012 : बराबर वोट मिले फिर भी भाजपा को दो सीट और सपा को सिर्फ एक
विधानसभा चुनाव 2012 के नतीजे भी कई मायने में काफी दिलचस्प थे। इस चुनाव में बरेली संसदीय क्षेत्र की पांचों सीटों पर भाजपा को सपा की तुलना में सिर्फ 88 वोट ज्यादा मिले थे और दोनों को वोट प्रतिशत लगभग एक बराबर 24.6 था। इसके बावजूद भाजपा ने बरेली और बरेली कैंट समेत दो सीटें जीत लीं और सपा को सिर्फ एक सीट मिली, नवाबगंज की। इस चुनाव में भोजीपुरा में आईएमसी उम्मीदवार के रूप में शहजिल इस्लाम जीते थे और मीरगंज में बसपा के उम्मीदवार सुल्तान बेग।

इसके सिर्फ दो साल के अंदर वोटरों के रुख में फिर जमीन आसमान का अंतर आया। 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुआ तो भाजपा का वोट प्रतिशत 24.6 से बढ़कर दोगुने से भी ज्यादा 50.9 प्रतिशत पर पहुंच गया। इस चुनाव में भाजपा के संतोष गंगवार जीते। सपा का वोट प्रतिशत फिर घटकर 27.3 प्रतिशत रह गया। बसपा को 10.4 प्रतिशत और कांग्रेस को 8.3 प्रतिशत वोट ही मिला।

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