प्रयागराज: एडमिशन डॉट.कॉम के नाम पर मास्टरमाइंड राजीव चलाता है कंसल्टेंसी, भर्ती के नाम पर लेता था मोटी रकम

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के मामले में प्रयागराज के अब तक 6 लोगों के नाम सामने आई है। लगातार एसटीएफ की टीम उन तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। इस मामले में छठवें आरोपी का भी नाम सामने आया है, जो प्रयागराज का रहने वाला बताया जा रहा है। बीते बुधवार को ग्रेटर नोएडा में गिरफ्तार किए गए मुख्य साजिश करता रवि अत्री ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि प्रयागराज का रहने वाला अंकित मिश्रा भी इस पूरे मामले में शामिल था। अब पुलिस उस तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में प्रयागराज के साथियों का गहरा कनेक्शन सामने आया है। पुलिस के मुताबिक यह सब एडमिशन डॉट.कॉम के नाम पर कंसल्टेंसी चलाते थे।  लोगों से वसूली करते थे। साजिशकर्ता रवि अत्री ने एसटीएफ को अहम जानकारियां पूछताछ में दी है। बताया जा रहा है कि पेपर लीक मामले में पहले गिरफ्तार किए गए मेजा निवासी मास्टरमाइंड राजीव नयन व अभिषेक शुक्ला के अलावा पुष्कर पांडे संजय कुशवाहा और कामेश्वर मौर्य के अलावा प्रयागराज का रहने वाला अंकित मिश्रा भी शामिल था। अंकित चंदलोक सिनेमा के पास का रहने वाला है।

अंकित ही गति ब्लू डार्ट ट्रांसपोर्ट कंपनी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का प्लेसमेंट करता था। राजीव नयन एमबीबीएस और इंजीनियरिंग में एडमिशन के नाम पर लोगों से पैसों की वसूली करता था। बता दे कि राजीव नयन और अभिषेक शुक्ला को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अब टीम अंकित मिश्रा की तलाश कर रही है। 

 अभ्यर्थियों ने किया था प्रदर्शन 

दरअसल यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा प्रदेश के 75 जनपदों और 18 17 18 फरवरी को हुई थी। इस परीक्षा में 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल थे परीक्षा होने के बाद से ही अभ्यर्थी पेपर लीक होने का आरोप लगाते रहे। परीक्षा निरस्त करने की मांग करने लगे थे। लखनऊ और प्रयागराज सहित तमाम शहरों में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन भी किया था। उसके बाद योगी सरकार ने परीक्षा को निरस्त कर 6 महीने में दोबारा परीक्षा कराने की बात कही थी। पुलिस ने फरवरी में ही फूलपुर के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

इसमें फूलपुर बाबूगंज फाजिलगंज निवासी अजय चौहान और करोजा कला निवासी सोनू यादव शामिल थे। इन दोनों के पास से दो मोबाइल दो हजार नकदी और कुछ सामान भी मिले थे। गिरफ्तार अजय का एक गिरोह भी है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने एवं परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर उपलब्ध कराने के लिए मोटी रकम वसूलते थे। यह साल्वर भी बैठाने का काम करते थे। इसमें फाजिलपुर के ही राजन यादव और सुशील भारती का भी नाम शामिल है। दोनों अभियुक्तों के खिलाफ विभूति खंड लखनऊ में मुकदमा भी दर्ज किया गया था।

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