Etawah News: सैफई विवि के डॉक्टर बने धरती के भगवान...इस तरह से सात वर्षीय मासूम को दिया नया जीवन

इटावा के यूपीयूएमएस के डाक्टर्स ने सात वर्षीय मासूम को दिया नया जीवन

Etawah News: सैफई विवि के डॉक्टर बने धरती के भगवान...इस तरह से सात वर्षीय मासूम को दिया नया जीवन

इटावा, अमृत विचार। इटावा की रहने वाली एक सात साल की मासूम बच्ची के पेट में तीन किलोग्राम की गांठ की सफल सर्जरी से निकाली गई। बच्ची के पिता राजू ने बताया की बच्ची का पेट पिछले तीन-चार  महीनों से फूल रहा था। पेट फूलने की वजह से बच्ची को खाना खाने में दिक्कत हो रही थी। बच्ची को अक्सर पेट में दर्द रहा करता था और उल्टी भी हो जाती थी। जब बच्ची का पेट अधिक फूल गया तब शहर के निजी चिकित्सालय में दिखाया लेकिन बच्ची को आराम नहीं मिला। 

राजू ने बताया जब बच्ची की बीमारी की सही पता नहीं लगा तब सैंफई आयुर्विज्ञान विवि सैफई में आकर  पीडियाट्रिक सर्जरी (बाल शल्य चिकिस्ता ) विभाग के प्रमुख डॉ. उमेश कुमार गुप्ता को दिखाया। उनके द्वारा बच्ची की जांचें की गई। जांचों से पता चला की बच्ची के पेट में  एक बड़ी गांठ बन गयी है। डॉ. उमेश गुप्ता ने बताया कि  जांच करने पर भी गांठ की उत्पति का अंग जांचों से भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा था। 

डॉक्टरों के पास बड़ी चुनौती  थी ऐसे जटिल बीमारी को ठीक करने की क्यों की बच्ची की हालत गंभीर होती जा रही थी। डॉक्टरों की टीम ने बहुत सोच विचार के बाद ऑपरेशन करने का कठिन निर्णय लिया। क्यों की गांठ की उत्पति का अंग जांचो द्वारा भी स्पष्ट नहीं था इसलिए ऑपरेशन अत्यधिक जटिल और जोखिम भरा था। डॉ. सूचि निगम के नेतृत्व में अनेस्थेसिआ के डॉक्टरों की टीम ने बच्ची को सुचारू रूप से अनेस्थेसिआ देने की चुनौती स्वीकारी। 

डॉक्टर उमेश कुमार गुप्ता, डॉ राफे अब्दुल रहमान और डॉ सर्वेश कुमार गुप्ता की शल्य चिकित्सकों के टीम ने ऑपरेशन 5 अप्रैल को ऑपरेशन किया। डॉ गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान गांठ की उत्पति का अंग दाहिना अंडाशय में मिला। दो घंटे तक चली जटिल शल्य चिकित्सा द्वारा तीन किलोग्राम की बड़ी गांठ को सफलता पूर्वक निकाल दिया गया। 

डॉ. गिरजा और डॉ अक्षय ने शल्य क्रिया के बाद बच्ची की सफलता पूर्वक देखभाल की। ऑपरेशन के उपरांत बच्ची के स्वास्थय  में तेज़ी से सुधार आ रहा है और उसकी जल्द ही छुट्टी कर दी जाएगी। ऑपरेशन के बाद बच्ची के पिता ने अस्पताल और डॉक्टरों का बहुत आभार व्यक्त करते हुए उन्हें शुभेच्छा दी। 

डॉ. उमेश कुमार गुप्ता ने बताया की ऐसी गांठ का इलाज सही समय पे किया जाये तो परिणाम बहुत सकारात्मक होते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार गरीब लोग निजी चिकित्सालय में इलाज करवाते हैं परिणाम सही नहीं मिलते और आर्थिक रूप से भी गरीब लोगों पर बोझ बढ़ता है इसलिए मैं कहना चाहूंगा इस तरह का इलाज हमारे यहां संभव है यदि कोई समस्या है तो अवश्य आकर दिखाएं।

इस सफल ऑपरेशन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार सिंह , प्रति कुलपति प्रो .डॉ रमाकांत यादव,चिकित्स अधीक्षक प्रो .डॉ एसपी सिंह संकायाध्यक्ष प्रो .डॉ आदेश कुमार और आदि ने बाल शल्य चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों को बधाई दी।

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