Kanpur: सपा विधायक अमिताभ बाजपेई, गठबंधन प्रत्याशी आलोक मिश्रा व पांच नामजद समेत 200 के खिलाफ FIR, जानें- पूरा मामला

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में सपा विधायक, कांग्रेस प्रत्याशी व पांच नामजद समेत 200 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर

कानपुर, अमृत विचार। गुरुवार को ईद के मौके पर अर्मापुर ईदगाह में राजनीतिक पोस्टर लगाने के आरोप में पुलिस और सपा नेता सम्राट विकास यादव के बीच हुए विवाद और हंगामे के बाद मामले की जांच एडीसीपी पश्चिम विजयेंद्र द्विवेदी ने पूरी कर ली है।

एडीसीपी ने मीडिया कर्मियों, पुलिस कर्मियों व आसपास के लोगों से 40 वीडियो व 24 से ज्यादा फोटोग्राफ जुटाकर साक्ष्य एकत्रित किए जिसके बाद शनिवार देर रात पनकी थाने में पांच नामजद सपा विधायक अमिताभ बाजपेई, कांग्रेस प्रत्याशी आलोक मिश्रा, संजय यादव, ओमा, रवि सिंह समेत 200 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा सरकारी कार्य में बाधा, उपद्रव समेत अन्य संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। 

ईद पर सपा नेता सम्राट विकास यादव ने अर्मापुर ईदगाह के सामने पानी के कैंप में राजनैतिक बैनर लगाने का आरोप था। पुलिस का कहना था कि टोके जाने पर सपा नेता पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। आरोप है, कि सपा नेता ने लोगों को सड़क पर नमाज पढ़ने के लिए भी उकसाने का प्रयास किया। 

सपा नेता के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन व सरकारी काम में बाधा डालने की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था। सम्राट को गिरफ्तारी की सूचना पाकर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और गठबंधन के लोकसभा प्रत्याशी आलोक मिश्रा भी वहां पहुंच गए। 

मामले की जानकारी जैसे ही पार्टी कार्यकर्ताओं को हुई तो वह लोग भी वहां पहुंच गए और घेराव कर धरना प्रदर्शन शुरू हुआ था। इसके बाद आलाधिकारियों को सूचना से अवगत कराया गया। मामले में पहुंचे एसीपी तेज बहादुर सिंह से विधायक की काफी तीखी नोकझोंक हुई थी। एडीसीपी ने बताया कि मामले की जांच पूरी कर ली गई है। गंभीर प्रकरण में वीडियो के अवलोकन से ये साबित हुआ है कि कानून का उल्लघंन किया गया। 

बताया कि वीडियो में ये स्पष्ट हो रहा है कि उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने और सम्पूर्ण कमिश्नरेट में धारा 144 लागू होने के बावजूद, बिना पूर्व अनुमति के समय थाना पनकी पर आकर आक्रामक भाषाशैली में अतार्किक बाते करते हुए अविधिक धरना प्रदर्शन किया गया, जिसके कारण लगभग एक घण्टे से अधिक समय तक कार्य सरकार बाधित रहा तथा लोक सेवकों के लोक कृत्य के निर्वहन में बाधा उत्पन्न हुई। 

विभिन्न प्रयोजनों से थाने पर आने वाली आम जनता व पुलिस का इस दौरान थाना परिसर में आवागमन भी बाधित हुआ। इस दौरान थाने पर अपने कार्य के लिए आये हुए आगन्तुकों को बिना उनका कार्य पूर्ण हुए उपरोक्त धरना प्रदर्शन के कारण वापस लौटना पड़ा। 

ईद का त्यौहार होने के कारण सभी राजपत्रित अधिकारीगण अपने-अपने आवंटित क्षेत्र में डियूटीरत थे। उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा किये जा रहे अविधिक धरना प्रदर्शन के कारण 03 राजपत्रित अधिकारियों व क्यूआरटी पुलिस बल को अपनी ड्यूटी क्षेत्र छोड़कर थाना पनकी पर आना पडा, जिसके कारण अन्य थाना क्षेत्रों में भी कार्य सरकार प्रभावित हुआ। इसके अतिरिक्त, उपरोक्त व्यक्तियों व इनके समर्थकों द्वारा अभद्र, विद्वेषपूर्ण व क्षोभपूर्ण भाषा का प्रयोग किया जाना जांच से पाया गया है।

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