चैत्र नवरात्र: भक्तों की आस्था का केंद्र है मुजेहना का माता मुंगरौल देवी मंदिर

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Published By Jagat Mishra
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पिंडी रूप में प्रकट हुईं थी देवी, दूरदराज से दर्शन को आते हैं श्रद्धालु

धानेपुर/ गोंडा, अमृत विचार। मुजेहना के मुंगरौल गांव में बना मां मुंगरौल देवी का स्थान भक्तों की आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना को माता अवश्य पूरा करती है। माता मुंगरौल का प्राकट्य आज भी रहस्य ही है और उनके प्रकट होने का कोई निश्चित समय ज्ञात नहीं नहीं है। माना जाता है कि करीब तीन सौ वर्ष पहले माता यहां पिंडी रूप में प्रकट हुई थीं। आगे चलकर उन्हे मुंगरौल देवी का नाम दिया गया।‌ यहां मां के भक्त दूरदराज इलाकों से भक्त यहां आते हैं और मां की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं।‌

जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर मुजेहना ब्लाक के मुंगरौल गांव के जंगलों में सैकड़ों वर्ष पहले मां पिंडी रूप में प्रकट हुई थी। रास्ते से गुजर रहे कुछ लोगों ने जब एक विशाल नीम के पेड़ के नीचे पिंडी उभरी हुई देखी तो आश्चर्य में पड़ गए। इस पिंडी में उन्हें मां की आकृति दिखाई दी। इसके बाद से इस स्थान पर देवी की पूजा प्रारंभ हो गई। आगे चलकर इन देवी को माता मुंगरौल का नाम दिया गया। मंदिर के पुजारी देवी प्रसाद का कहना है कि प्रतिवर्ष नवरात्र में यहां दूरदराज से भक्त आते हैं और मां की पूजा अर्चना कर अपनी सुख समृद्धि की कामना करते हैं। मुंगरौल गांव के रहने वाले भाजपा की पूर्व जिला मंत्री चंद्र प्रकाश शुक्ला का कहना है कि जो भी व्यक्ति भाव से मां के दर पर आया वह कभी खाली हाथ नहीं लूटा पूरे वर्ष यहां यज्ञोपवीत, मुंडन और श्रीमद्भागवत कथा जैसे कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। 

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पर्यटन विभाग ने मंदिर परिसर में कराया है रैन बसेरे का निर्माण
जंगल के बीच मां का मंदिर होने से यहां श्रद्धालुओं को पहुंचने में पहले काफी कठिनाई होती थी। इस कठिनाई से निजात दिलाने के लिए यहां विसेन वंश के युगलदत्त विसेन ने वर्षों पहले श्रद्धालुओं के लिए रैन बसेरे का निर्माण कराया था और मां के भंडारे के लिए इलाहाबाद बैंक की धानेपुर शाखा में एक खाता खोलकर 25 हजार रुपये प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले भण्डारे के खर्च के लिए दान स्वरूप जमा कराई थी। बाद में स्थानीय विधायक व प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री रहे घनश्याम शुक्ल के अनुरोध पर यहां पर्यटन विभाग ने रैन बसेरा बनवाया था। इसी क्षेत्र के पूर्व विधायक रहे स्व. रामपाल सिंह ने भी पौत्र की प्राप्ति पर मंदिर के चहरदीवारी का निर्माण कराया था। वर्तमान में मेहनौन विधायक विनय कुमार द्विवेदी द्वारा इस रैन बसेरे के मरम्मत का काम कराया गया है।‌ विधायक ने मंदिर तक इंटरलॉकिंग भी लगवाई है और रैन बसेरे में टाइल्स भी लगवाई है‌।

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