इलाहाबाद हाईकोर्ट: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ढाई करोड़ रुपए जमा करने की शर्त को किया रद्द

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक भ्रष्टाचार निरोधी न्यायालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अग्रिम जमानत प्राप्त करने के लिए आरोपी पर ढाई करोड़ रुपए जमा करने की शर्त को रद्द कर दिया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए मीना आनंद के खिलाफ विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निरोधक, सीबीआई, गाजियाबाद द्वारा 1 महीने के भीतर 2018 से प्रति वर्ष 10% साधारण ब्याज के साथ ढाई करोड़ रुपए जमा करने की लगाई गई शर्त को रद्द करते हुए पारित किया।

 याची के अधिवक्ता का तर्क था कि उपरोक्त शर्त लगाने का उद्देश्य आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करना था। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जमानत/अग्रिम जमानत देने के अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने वाली एक आपराधिक अदालत से शिकायतकर्ता के बकाए की वसूली के लिए रिकवरी एजेंट के रूप में कार्य करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

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