सिटी बसों की पूरी हो चुकी है उम्र,कंडम घोषित,फिर भी ढो रही हैं सवारियां,मुश्किलों में यात्रियों का सफर  

कुछ इस तरह रोजाना खराब हो रही सिटी बसें, टोचन कर पहुंचायी जाती हैं वर्कशाप

सिटी बसों की पूरी हो चुकी है उम्र,कंडम घोषित,फिर भी ढो रही हैं सवारियां,मुश्किलों में यात्रियों का सफर  

लखनऊ अमृत विचार । राजधानी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज निगम के तहत लखनऊ महानगर में चलने वाली सिटी बसों की हालत खस्ता हाल हो चुकी है। भीषण गर्मी में रोजाना शहर में चलने वाली सिटी बसें बीच रास्ते खराब हो रही हैं जिसका खामियाजा भरी दोपहरी में यात्रियों को झेलनी पड़ रही है। हाल यह है खराब बसों को रोज टोचन करके वर्कशाप पहुंचा दिया जाता है। इन बसों की उम्र पूरी हो चुकी है। इन्हें कंडम घोषित कर दिया गया है। फिर भी बसें सवारी ढो रही हैं। यह बसें अकसर बीच रास्ते दम तोड़ रही है।
 
128 सिटी बसें कंडम हो चुकी हैं। फिटनेस में भी फेल हैं और इन बसों में स्पीड गवर्नर तक नहीं है। ऐसे में सिटी बस प्रशासन रोजाना 35 हजार यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहा है। प्रशासन नई बसों की उम्मीद में बैठा है, जिसके आने पर ही इन बसों को बेड़े से बाहर किया जा सकेगा।
 
फिटनेस टेस्ट में फेल हो चुकी हैं सिटी बसें
 
ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ के फिटनेस सेंटर में इन सिटी बसों की जांच हुई, जिसमें ये फेल हो चुकी हैं। सिटी बसों के पास फिटनेस प्रमाणपत्र तक नहीं है। फिटनेस में फेल होने के पीछे स्पीड गवर्नर नहीं होना भी वजह है। कलपुर्जे भी खराब हो चुके है। ऐसी स्थिति में ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर से बगैर फिटनेस प्रमाणपत्र सिटी बसें सवारियों को ढो रही है।
 
सिटी बस के एमडी का कहना-
 
सीएनजी सिटी बसें जैसे-जैसे उम्र पूरी कर रही है, वैसे वैसे इन्हें नीलाम किया जा रहा है। वर्तमान में 128 सीएनजी सिटी बसें चल रही हैं। नई 125 इलेक्ट्रिक बसों के आने पर ही इन्हें बेड़े से बाहर किया जा सकेगा। -आरके त्रिपाठी, एमडी, सिटी ट्रांसपोर्ट