मुरादाबाद : बाइक-स्कूटी से सड़कों पर फर्राटा भर रहे स्कूली बच्चे, जिम्मेदार बेपरवाह

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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कहीं ई-रिक्शा तो कहीं ऑटो में स्कूल पहुंच रहे विद्यार्थी, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के सख्त आदेश के बाद भी नहीं हो रहा नियमों का पालन

मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर की सड़कों पर स्कूली बच्चे यातायात नियमों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। 18 साल से कम आयु के अधिकांश बच्चे आपको आराम से स्कूल आते जाते समय स्कूल या बाइक चलाते दिख जाएंगे। स्कूलों के बाहर यह बच्चे अपने वाहन खड़े कर रहे हैं। इतना ही नहीं किसी स्कूल में बच्चे ई रिक्शा से पहुंच रहे हैं, तो किसी स्कूल में ऑटो से। बसों में भी नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा। लेकिन, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने अभी तक ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बुधवार को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। इसमें अनफिट स्कूली वाहनों पर शिकंजा कसने की बात कहीं गई। लेकिन, धरातल पर स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है। यातायात नियमों के तहत 18 वर्ष से कम आयु में अगर कोई बच्चा बाइक या स्कूल चलाता पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ चालान व अभिभावक को जेल तक का प्रावधान है। लेकिन, नाबालिक महानगर की सड़कों पर बाइक या स्कूटी से फर्राटा भर रहे हैं। महानगर के स्कूल में बच्चे स्कूल व बाइक लेकर पहुंच रहे हैं। 

हालांकि इन वाहनों का स्कूलों में प्रवेश वर्जित है। लेकिन, बच्चे स्कूल के बाहर इन वाहनों को खड़ा करते हैं। छुट्टी के समय महानगर की सड़कों पर यह बच्चे रोज आपको बाइक और स्कूटी चलाते दिख जाएगे। उधर, स्कूल की बसों में भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है। बच्चे ई रिक्शा और ऑटो से भी स्कूल आ जा रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि कई बार तो ई रिक्शा में 7,8 बच्चे बैठे मिलते हैं। लेकिन, अभी तक इनके खिलाफ यातायात पुलिस शिकंजा कसने में नाकाम रही है।

क्या हैं सुरक्षा संबंधी नियम
नियमत: वाहनों में स्वीकृत सीट से अधिक बच्चों को नहीं बैठाना चाहिए। इन वाहनों के उन हिस्सों में जहां शीशे वाली खिड़कियां नहीं होती वहां जाली लगी होनी चाहिए, जिससे बच्चे चाहकर भी सिर या शरीर का कोई हिस्सा बाहर न निकाल सकें। ड्राइवर की सीट के आसपास बच्चे बैठे नहीं होने चाहिए। वाहन यदि गैस चालित है तो स्वीकृत गैस किट होनी चाहिए और वाहन अग्निशमन यंत्र से लैस होना चाहिए। वाहन में बच्चों की देखरेख करने वाला कर्मचारी होना चाहिए, लेकिन यह सब कुछ होता नहीं है ।

निजी स्कूलों में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए बाइक व स्कूटी से प्रवेश बंद है। किसी भी स्कूल में बिना लाइसेंस के बच्चें स्कूल में बाइक खड़ी नहीं कर सकते हैं। स्कूलों की ओर से लगी बसों व निजी वाहनों पर यातायात नियमों का पालन किया जाता है। -नीरज गुप्ता, महासचिव, मुरादाबाद एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल

स्कूटी या बाइक से अगर बच्चे स्कूल जा रहे हैं तो इसमें अभिभावकों को भी अपने बच्चों पर सख्ती करनी चाहिए। दूसरी ओर स्कूलों ने बसों की फीस इतनी महंगी कर दी है कि अभिभावकों को मजबूरन बच्चों को ई रिक्शा या ऑटो में भेजना पड़ रहा है। - अनुज गुप्ता, अध्यक्ष, मुरादाबाद पैरेंट्स ऑफ ऑल स्कूल

यातायात नियमों का पालन सभी को करना अनिवार्य है। यातायात नियमों का स्कूली बच्चे या अन्य कोई भी उल्लंघन करेगा तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों में वाहनों की समय-समय पर फिटनेस चेक होती है। महानगर में छोटे-बड़े 800 स्कूली वाहन हैं।-राकेंद्र सिंह, आरटीओ

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