Bareilly News: दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसाने पर युवती को चार साल छह महीने की कैद

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। युवक को दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसाने और कोर्ट में झूठी गवाही देने पर बारादरी क्षेत्र के दुर्गानगर निवासी निशा को चार साल छह महीने कैद की सजा अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने सुनाई है। कोर्ट ने पांच लाख 88 हजार 822 रुपये जुर्माने भी लगाया।

सरकारी वकील सुनील पांडेय ने बताया कि राम बेटी ने 2 सितंबर 2018 को थाना बारादरी में तहरीर देकर अजय उर्फ राघव के खिलाफ बेटी को भगा ले जाने और दुष्कर्म के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें निशा ने कथानक का समर्थन किया था, लेकिन कोर्ट में गवाही के दौरान वह मुकर गई। इसपर स्पेशल कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई करते हुए 8 फरवरी को निशा के विरुद्ध झूठी गवाही देने का परिवाद दर्ज कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। 

दुष्कर्म के झूठे आरोप में अजय उर्फ राघव 30 सितंबर 2019 से 8 अप्रैल 2024 तक चार साल छह महीने आठ दिन यानी 1653 दिन जेल में बंद रहा। शासन की ओर से 318 रुपये 42 पैसे न्यूनतम पारिश्रमिक अकुशल श्रमिक को दिया जाता है। इस प्रकार 1653 दिनों का कुल पारिश्रमिक 5 लाख 88 हजार 822 रुपये बनता है। इसलिए इतने रुपये जुर्माने के रूप में निशा को अजय को देने होंगे।

कोर्ट ने आदेश में टिप्पणी करते हुए उल्लेख किया कि पहले पीड़िता ने आरोपों का समर्थन किया और बाद में कोर्ट में उसने अपने बयान में आरोपी को निर्दोष बताया। यह संपूर्ण समाज के लिए अत्यंत गंभीर स्थिति को इंगित करता है, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा के लिए लागू कानून का घोर दुरुपयोग करते हुए एक श्रमिक स्तर के व्यक्ति को लंबी अवधि के लिए कारागार में बंद किया गया। अपने अवैध उद्देश्य की पूर्ति के लिए पुलिस और न्यायालय को माध्यम बनाना घोर आपत्तिजनक है।

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