World Asthma Day 2024: जानिये अस्थमा के लक्षण, गंभीर होने से पहले जरूरी है यह कदम

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। अस्थमा एक गंभीर बीमारी है। हर साल इस बीमारी से 4.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं करीब 30 करोड़ लोग इस बीमारी से प्रत्येक वर्ष ग्रसित भी हो जाते हैं। भारत में आंकड़े इससे भी भयावह हैं। इस गंभीर बीमारी की रोकथाम की जा सकती है। इतना ही नहीं इससे होनी वाली मौतों को भी कम किया जा सकता है। बशर्ते इसके लिए जरूरी है। लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हों। यह कहना है किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रो.वेद प्रकाश का। वह  विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर अमृत विचार संवाददाता से बात कर रहे थे।

डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के लिए खुद के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रह कर ही स्वयं और परिवार की उचित देखभाल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहें, तो गंभीर स्थिति में जाने से बच सकते हैं। ज्यादातर मरीज अस्पतालों में तब पहुंचते हैं जब वह गंभीर हो जाते हैं। प्रो.वेद प्रकाश ने साफ तौर पर कहा कि गंभीर स्थित में पहुंचने पर ही इलाज के लिए अस्पताल न आयें। अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच के लिए भी अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें। इससे न सिर्फ अस्थमा बल्कि अन्य बीमारियों पर भी शरीर की रक्षा की जा सकती है।

वर्ड अस्थमा डे 

उन्होंने बताया कि वर्ड अस्थमा डे 7 मई को मनाया जा रहा है। इसी के तहत विभाग की तरफ से दो दिवसीय कार्यक्रम Allergy Asthma Conclave-2024 का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे पूरे प्रदेश व देश से एलर्जी और अस्थमा के विशेषज्ञ हिस्सा लें रहे है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस बार World Asthma Day की थीम दमा रोग की शिक्षा से सशक्तिकरण है।

अस्थमा के लक्षण:

इसमें खाँसी, सांस फूलना, गले में सीटी बजना, जकड़न समेत अन्य लक्षण दिखाई पड़ सकते है।

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