पीलीभीत: स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत परखने को लेकर सरकारी अस्पतालों में छापेमारी, फिर मिली अव्यवस्थाएं

पीलीभीत: स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत परखने को लेकर सरकारी अस्पतालों में छापेमारी, फिर मिली अव्यवस्थाएं

पीलीभीत,अमृत विचार: लापरवाही को लेकर सुर्खियों में आए मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को भी हालत नहीं सुधरे। डीएम के निर्देश पर एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट ने मेडिकल कॉलेज में छापा मारा। निरीक्षण में एक दिन पूर्व हुई फजीहत के बाद भी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर और स्टाफ ओपीडी से गायब मिले। तो वहीं जिला अस्पताल के भीतर और कैंपस में सफाई व्यवस्था भी ठीक नहीं पाई गई। 

जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी को ओपीडी में बुलाने के निर्देश दिए। तो वहीं पूरे जनपद की अन्य सीएचसी पीएचसी भी एसडीएम, तहसीलदार समेत अन्य अफसरों ने औचक निरीक्षण किया। तो स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही उजागर होती दिखी। सभी ने निरीक्षण आख्या बनाकर डीएम को सौंपी है। शासन से हो रही इस कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है।  

बीते कई दिनों से बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हर कोई परेशान है। कभी मरीज रेफर करने का मामला तो कभी डॉक्टर गायब मिलने की शिकायतें जब अपर मुख्य सचिव तक पहुंची तो उन्होंने जिले के अफसरों को कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट करने के निर्देश दिए। सोमवार को डीएम संजय कुमार सिंह ने महिला अस्पताल पहुंचकर नाराजगी जाहिर की थी। जहां उन्हें तमाम खामियां मिली थी। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को जनपद भर के सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए।

डीएम के आदेश पर मंगलवार सुबह एसडीएम सदर देवेंद्र सिंह मेडिकल कॉलेज अधीन महिला अस्पताल पहुंचे। महिला अस्पताल में सुबह आठ बजे तक केवल नामात्र कर्मचारी ही मौजूद पाए गए। सीएमएस डॉ. राजेश कुमार की मौजूदगी में एसडीएम सदर ने सभी उपस्थिति रजिस्टर कब्जे में लिए। मौजूद स्टाफ की लाइन लगाकर उपस्थिति लगवाई गई। शेष अनुपस्थित स्टाफ का एसडीएम ने नाम नोट किए। इसके बाद एसडीएम पुरुष अस्पताल में पहुंचे। वहां उन्होंने सीएमएस डॉ. संजीव सक्सेना के साथ जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, न्यूरोलॉजी, पैथोलॉजी, ईएनटी, नेत्र रोग, त्वचा रोग, दंत रोग आदि ओपीडी का निरीक्षण किया। 

इस दौरान सभी परामर्शदाता, वरिष्ठ परामर्शदाता, जूनियर रेसिडेंट, सीनियर रेसिडेंट, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर गायब मिले। दर्जनों मरीज सुबह आठ बजे से ही ओपीडी के बाहर बैठकर डॉक्टरों का इंतजार करते दिखाई दिए। इमरजेंसी में डॉ. एसके चावला सुबह नौ बजे तक नहीं पहुंचे। उनकी जगह रात के ड्यूटी पर तैनात डॉ.राधेश्याम गंगवार ही ड्यूटी करते मिले। अल्ट्रासाउंड कक्ष बंद पाया गया। जहां मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। एसडीएम ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की उपस्थिति का रिकॉर्ड मांगा। 

मगर सीएमएस उपलब्ध नहीं करा सके। प्राचार्या डॉ. संगीता अनेजा भी नदारद मिलीं। एसडीएम ने निरीक्षण के दौरान वार्डों में जाकर मरीजों से बातचीत की। स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल जाना। शौचालयों का निरीक्षण किया। दवा काउंटर, एक्सरे कक्ष, सीटी स्कैन कक्ष, पैथोलॉजी में जाकर कर्मचारियों से बातचीत की। इस दौरान सामने आई कमियों में सुधार के निर्देश दिए। जबकि सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर भी दस बजे एमसीएच विंग पहुंचे। जहां उन्होंने निरीक्षण करने के बाद प्राचार्य से मुलाकात कर वापस लौट गए। सभी अफसरों ने निरीक्षण करने के बाद देर रात तक अपनी-अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी। 

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