बाराबंकी: प्रधानमंत्री ने सप्तऋषि आश्रम के विकास का किया वादा, सतरिख क्षेत्र में दौड़ी खुशी की लहर

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Published By Jagat Mishra
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सतरिख/ बाराबंकी, अमृत विचार। लखनऊ अयोध्या हाईवे के जैदपुर ओवर ब्रिज के समीप चुनावी सभा में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा सतरिख के चौमुखी विकास कराने के वादे से क्षेत्र के लोग गदगद हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सतरिख में राजा दशरथ के राजकुमारों ने अपने गुरुओं से शिक्षा दीक्षा हासिल की थी। हम इस विरासत को संजोएंगे। जो क्षेत्र प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े हैं, उन्हें रामायण सर्किल के विकसित करने की योजना है।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 18 किलोमीटर दूरी पर सतरिख चिनहट मार्ग पर स्थित सप्तऋषि आश्रम है। यहीं पर रहकर भगवान राम ने अपने भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ सप्त ऋषियों से शिक्षा दीक्षा हासिल की थी। पूर्व में प्रदेश के राज्य मंत्री सतीश चंद शर्मा, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के अलावा अन्य लोग पहुंचे थे। सभी ने यहां के विकास का आश्वासन दिया था, लेकिन अब प्रधानमंत्री के द्वारा सतरिख के विकास का वादा मिलने के बाद यहां के लोगों में उत्साह और बढ़ गया है।

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सप्तऋषि आश्रम बड़ा उदासीन अखाडा के महंत नानक दास ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सप्तऋषि आश्रम का भी विकास होने की उम्मीद जगी। इस उम्मीद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंख दे दिये हैं। हम सबको यहां के कायाकल्प की बड़ी उम्मीदें हैं, जो अब पूरी होंगी। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र कुमार शुक्ला का कहना है कि सतरिख हमारी आस्था से जुड़ा है। हम सबके लिए गर्व की बात है कि भगवान राम यहां रहे थे। 

सुल्तानपुर गांव के पूर्व प्रधान रामपाल यादव का कहना है कि सतरिख के पास स्थित रेठ नदी जिसे कभी ऋषि मानव नदी कहा जाता था। भगवान राम यहां शिक्षा दीक्षा ग्रहण करने के दौरान गुरुओं के साथ इसी नदी में स्नान करते थे।प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद हम सभी में आश्रम, नदी और हमारे क्षेत्र के कायाकल्प की उम्मीद जग गई है।

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