लखनऊ: नहीं रहे फार्मासिस्ट सचिन, एक सप्ताह में 6 लोगों की अचानक हो चुकी है मौत

नहीं थम रहा है फार्मासिस्टों की मौत का सिलसिला, कोई ड्यूटी पर तो कोई चला रहा था कार

लखनऊ: नहीं रहे फार्मासिस्ट सचिन, एक सप्ताह में 6 लोगों की अचानक हो चुकी है मौत

लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी के जानकीपुरम स्थित पीएचसी पर फार्मासिस्ट के पद तैनात सचिन पाण्डेय की अचानक गुरुवार को मौत हो गई। कर्मचारियों की मानें तो दिल का दौरा पड़ने से फार्मासिस्ट सचिन की मौत हुई है। बताया जा रहा है गुरुवार को सचिन पीएचसी में काम कर रहे थे। उसके बाद वह घर पहुंचे जहां उनके सीने में दर्द शुरू हुआ। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में केजीएमयू के लॉरी कार्डियोलॉजी विभाग में इलाज के लिए लाया गया, लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

यह पहली घटना नहीं हैं बीते सात दिनों में इस तरह 5 फार्मासिस्टों की जान जा चुकी है। 15 मई 2024 दिन बुधवार को प्रमोद यादव  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हंडिया प्रयागराज में तैनात थे। वह कार से ड्यूटी जा रहे थे, तभी रास्ते में हार्ट अटैक हुआ, उन्होंने कार को किनारे लगाया और उनका निधन हो गया । कार में उनका मृत शरीर मिला । उसी दिन 15 मई बुधवार को ही कौशांबी मंझनपुर फार्मेसिस्ट सदाशिव सिंह का ड्यूटी करते हुए चिकित्सालय में ही निधन हो गया ।

उसके बाद 18 मई 2024 दिन शनिवार को  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर प्रयागराज के फार्मेसिस्ट जय सिंह का ड्यूटी करते हुए आकस्मिक निधन हो गया । सोमवार 20 मई को बुलंदशहर मालागढ़ के सूरज का आकस्मिक निधन हो गया । 20 मई को दिन में एक बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाराचवर गाजीपुर में तैनात फार्मेसिस्ट वकार शाहिद का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वहीं आज फार्मासिस्ट सचिन पाण्डेय की मौत पर लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि सचिन पांडे फार्मासिस्ट के पद पर अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जानकीपुरम में तैनात थे, ड्यूटी से वापस घर गए और घर पहुंचकर उन्हें कुछ तकलीफ हुई, तत्काल नजदीकी चिकित्सालय लाया गया वहां से  लारी कार्डियोलॉजी लाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस अवसर पर सुनील यादव ने विभागीय उदासीनता पर भी सवाल खड़ा किया है। इसके पीछे का कारण उन्होंने बताया कि एनएचएम के विभागीय ग्रुप पर सूचना दी गई, उच्च अधिकारियों को उन्होंने खुद फोन किया। मृत शरीर को गाजीपुर भेजने में मदद के लिए अनुरोध किया। लेकिन अभी तक कोई उत्तर नहीं मिला । फिलहाल दुख की इस घड़ी में हम सब साथ हैं । फेडरेशन की मांग है कि लगातार युवा साथियों की असमय मृत्यु की जांच कर अन्य लोगो को सावधानी रखने की सलाह दी जाए ।

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