काम्या कार्तिकेयन एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की बनीं भारतीय
नई दिल्ली/जमशेदपुर। काम्या कार्तिकेयन नेपाल की ओर से दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गई हैं। उन्होंने यह उपलब्धि 16 साल की उम्र में हासिल की। जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील एड्वेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इस पर्वतारोहण में सहयोग करने वाले टीएसएएफ के एक अधिकारी ने बताया कि काम्या ने अपने पिता एवं भारतीय नौसेना के कमांडर एस. कार्तिकेयन के साथ एवरेस्ट की चोटी को फतह किया। उन्होंने बताया कि पिता और पुत्री 20 मई को एवरेस्ट की 8,849 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचे।
नौसेना अधिकारी की बेटी काम्या मुंबई के ‘नौसेना बाल विद्यालय’ में बारहवीं कक्षा की छात्रा हैं। नौसेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘इस सफलता के साथ ही काम्या दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करने वाली दुनिया की दूसरी सबसे कम उम्र की लड़की और नेपाल की ओर से एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की पहली भारतीय पर्वतारोही बन गई है।’’ भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर काम्या की तस्वीरें साझा की।
नौसेना ने कहा, ‘‘काम्या ने सात महाद्वीपों में से छह में सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करने में अपार साहस और धैर्य का प्रदर्शन किया है और इस साल दिसंबर में अंटार्कटिका में माउंट विंसन मैसिफ पर चढ़ने का लक्ष्य है, ताकि सात चोटियों को फतह करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन सके।’’
टीएसएएफ के अध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने एक बयान में कहा, ‘‘इतनी कम उम्र में माउंट एवरेस्ट को फतह करने की काम्या कार्तिकेयन की असाधारण उपलब्धि पर हमें बेहद गर्व है। उनकी यात्रा दृढ़ता, सावधानीपूर्वक तैयारी और अटूट दृढ़ संकल्प की भावना का प्रमाण है।’’
चौधरी ने कहा कि वह हर जगह युवा साहसी लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं, जिसने साबित किया है कि समर्पण और सही सहयोग के साथ, सबसे महत्वाकांक्षी सपनों को भी साकार किया जा सकता है। वह मुंबई स्थित नेवी चिल्ड्रेन स्कूल में 12वीं का छात्रा हैं। काम्या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं। यह पुरस्कार देश में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए दिया जाता है। टीएसएएफ ने बताया कि काम्या अपनी टीम के साथ छह अप्रैल को काठमांडू पहुंचीं। अनुकूलन और कई दिनों की योजना के बाद, उनकी अंतिम शिखर चढ़ाई 16 मई को एवरेस्ट आधार शिविर से शुरू हुई और 20 मई की सुबह शिखर की ओर अंतिम चढ़ाई शुरू की।
टीएसएएफ ने बताया कि काम्या ने हिमालय में पर्वतारोहण की शुरुआत 2015 में सात साल की उम्र में चंद्रशीला चोटी (12,000 फीट) को फतह करने के साथ की। अगले साल, उन्होंने हर-की दून (13,500 फीट), केदारकांठा पीक (13,500 फीट) और रूपकुंड झील (16,400 फीट) जैसे स्थानों की कठिन चढ़ाई की। टीएसएएफ के मुताबिक उन्होंने मई 2017 में नेपाल में एवरेस्ट आधार शिविर (17,600 फीट) तक की चढ़ाई की और यह उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की लड़की बनीं। काम्या ने मई 2019 में भृगु झील (14,100 फीट) तक की चढ़ाई की और हिमाचल प्रदेश में सार दर्रे (13,850 फीट) को पार किया।
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