रामपुर: सड़क हादसे में घायल साधू की उपचार के दौरान मौत

रामपुर: सड़क हादसे में घायल साधू की उपचार के दौरान मौत

शाहबाद,अमृत विचार: छह दिन पूर्व हुए सड़क हादसे में घायल साधू की रविवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। साधू की जेब से मिले आधार कार्ड से उसकी शिनाख्त हुई, लेकिन परिवार के बारे में पता नहीं चला। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद सामाजिक संस्था द्वारा उसके शव का अंतिम संस्कार कराया जाएगा। 

20 मई को शाहबाद-बिलारी मार्ग पर राणा शुगर मिल के निकट अज्ञात वाहन की टक्कर से हुए हादसे में जख्मी होने के बाद  साधू को सीएचसी में भर्ती कराया गया था। इसके बाद हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। रविवार को उपचार के दौरान साधू ने दम तोड़ दिया। जेब से मिले आधार कार्ड से उनकी शिनाख्त शाहबाद के भगवंतपुर गांव निवासी रामफल भारती (59) के रूप में हुई है। 

पुलिस ने ग्राम प्रधान से संपर्क साधा तो पता चला कि वह तीन साल पहले तक भगवंतपुर के मंदिर पर महंत रहे थे। यह कहां से आए थे और कहां चले गए, इसके बारे में ग्रामीणों को कोई जानकारी नहीं है। काफी कोशिश के बाद भी  पुलिस को महंत के परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। पुलिस ने अंतिम संस्कार कराने को कहा तो ग्राम प्रधान ने मना कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद सामाजिक संस्था द्वारा उसके शव का अंतिम संस्कार कराया जाएगा।

ढकुरिया में मढ़ी के विवाद में हुई साधू की हत्या में जेल जा चुका था रामफल
मृतक साधू रामफल अक्टूबर 2018 में कोतवाली क्षेत्र के गांव ढकुरिया में हुई साधू की हत्या में जेल जा चुका था। प्राप्त जानकारी के अनुसार ढकुरिया गांव की रामगंगा तट पर स्थित मढ़ी पर रहने वाले साठ वर्षीय पुजारी श्यामदास त्यागी की गला काटकर हत्या कर दी गई थी।

उनका शव तालिकाबाद गांव से भगवंतपुर जाने वाले कच्चे मार्ग पर मिला था। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए रामफल भारती और उसके साथी बाबा गिरी को जेल भेज दिया था। पुलिस ने दावा किया था कि मढ़ी पर रहने के विवाद में पुजारी की हत्या की गई थी।

ये भी पढ़ें- रामपुर : बहू ने ससुर पर लगाया छेड़खानी का आरोप, पांच लोगों पर रिपोर्ट दर्ज