बरेली: मेयर ने कहा- बन रहा है इंटरनेशनल सिटी...विपक्ष बोला- दौड़ाते रहिए कागजी घोड़े

उमेश गौतम के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा, बोले- दूसरे शहरों के लिए मॉडल बन गया है बरेली स्मार्ट सिटी

बरेली: मेयर ने कहा- बन रहा है इंटरनेशनल सिटी...विपक्ष बोला- दौड़ाते रहिए कागजी घोड़े

बरेली, अमृत विचार। मेयर उमेश गौतम के कार्यकाल का पहला साल सोमवार को पूरा हो गया। दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर गिनाने के लिए प्रमुख रूप से उनकी उंगलियों पर स्मार्ट सिटी कंपनी और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत हुए ही काम हैं। इन्हीं के आधार पर वह दावा करते हैं कि बरेली शहर तेजी से इंटरनेशनल सिटी बनने की ओर बढ़ रहा है। स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से इस शहर में हुए काम दूसरे शहरों के लिए भी मॉडल बन रहे हैं। दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि बरेली में विकास के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ रहे हैं।

मेयर ने दूसरे कार्यकाल की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि इस एक साल में महादेव सेतु (कुतुबखाना पुल) बनने के साथ आईटी पार्क का काम शुरू कराया है जिसमें युवाओं को रोजगार मिलेगा। शहर में फूड कोर्ट और मल्टी लेवल पार्किंग बनी हैं। आदिनाथ चौक और सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है। शहर की सड़कें पहले से काफी बेहतर हो गई है। हर जगह लाइट की व्यवस्था की गई हैं। वन विभाग को 12 करोड़ रुपये ग्रीन बरेली बनाने के लिए दिए हैं, जिस पर काम शुरू हो गया है। संजयनगर की काफी समय से खराब सड़क बन गई है। हरुनगला में एसटीपी का टेस्ट किया जा रहा है, जून में पूरा हो जाएगा। जल्द ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी शुरू हो जाएगा।

मेयर ने कहा कि करीब ढाई महीने आचार संहिता लागू होने से काम प्रभावित हुए हैं, लेकिन उन्होंने 9 महीने 15 दिन में ही एक साल के बराबर काम करने का प्रयास किया है। शहर के विकास के लिए एक साल का रोड मैप भी तैयार कर लिया है। आने वाले समय में हर गली पक्की होगी। सभी वार्ड से प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट से बरेली को अलग पहचान मिली है। शहर सेफ सिटी भी बन रहा है जिसका सबसे बड़ा लाभ महिलाओं को मिलेगा। नगर निगम से कमीशनखोरी खत्म की गई है।

सपा-कांग्रेस के पार्षद बोले- 562 करोड़का बजट, काम फिर भी कुछ नहीं हुआ
बरेली: सपा पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना कहते हैं कि एक साल में सिर्फ कागजों में विकास किया गया है। किसी वार्ड में कोई काम नहीं हुआ हैं। जो शुरू हुए, वे ठेकेदारों का भुगतान न होने के कारण अधूरे पड़े हैं। भारी भरकम बजट घोषित किया लेकिन काम नहीं हुआ। स्मार्ट सिटी के काम गिनाए जा रहे हैं, नगर निगम के काम न होने से लोग परेशान हैं।

सपा पार्षद राजेश अग्रवाल कहते हैं कि 516 करोड़ का बजट पारित हुआ था लेकिन काम कुछ नहीं हुआ। पहले वार्डों में 50 करोड़ रुपये से सड़कें बनती थीं लेकिन अब इतनी रकम से सफाई की जा रही है। कहने को स्मार्ट सिटी है लेकिन पानी के लिए सड़क किनारे एक नल तक नहीं है। कांग्रेस के पार्षद मेहसर खान कहते हैं कि उनके वार्ड में कोई काम नहीं हुआ है। वर्क ऑर्डर की फाइल कार्यालय में पड़ी हुई हैं। लोग दिक्कतों से जूझ रहे हैं।

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