Unnao News: लूट के बाद साथी के साथ मिलकर की थी मौसी की हत्या...अब ताउम्र दोनों आरोपी काटेंगे जेल, जुर्माना भी पड़ेगा भरना

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
On

उन्नाव में लूट के बाद हत्या करने वाले दो युवकों को उम्रकैद

उन्नाव, अमृत विचार। सदर कोतवाली अंतर्गत दोस्त की मदद से अपनी मौसी की हत्या के बाद लूट करने वाले दो आरोपियों को अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी करार दिया। अजीवन कारावास के साथ उन पर 55-55 हजार का जुर्माना भी लगाया है। सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पूरन नगर निवासी आलोक श्रीवास्तव ने 28 जनवरी-2014 को मां इंद्राणी श्रीवास्तव की हत्या की रिपोर्ट अज्ञात लोगों पर दर्ज कराई थी।

उन्होंने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि 28 जनवरी को आयुर्वैदिक अस्पताल वार्डब्वाय उनके पिता प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव सुबह आठ बजे अपनी ड्यूटी चले गये थे। वह लोकनगर मोहल्ला स्थित अपनी मोबाइल गया था। घर पर उसकी मां थी। दोपहर दो बजे पड़ोसी मोनू नाई ने दुकान पहुंचकर मां की हत्या की जानकारी दी। मां के गले में मफलर कसा था और घर में खून फैला पड़ा था।

सदर कोतवाली पुलिस ने जांच में जुटी थी। तभी 22 फरवरी-2014 को मृतका के पति ने पुलिस को बताया कि घटना वाले दिन घर में लूटपाट भी हुई थी। उनके घर में नौबस्ता कानपुर निवासी साढू का लड़का विनय श्रीवास्तव भी आता था। पुलिस ने उसकी सीडीआर निकालकर जांच शुरू की और शक के आधार पर उससे पूछताछ की। जिसमें वह टूट गया और गुनाह कबूल कर लिया था।

पुलिस ने हत्याकांड में शामिल विनय व उसके दोस्त पिंटू को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर लूटा गया माल बरामद कर उन्हें जेल भेजा था। तत्कालीन एसएचओ धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी ने जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध 22 मई-2014 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। लगभग 10 वर्षो से मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन था। शुक्रवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई के बाद शासकीय अधिवक्ता अजय कुशवाहा की ओर से पेश की गई दलीलों और प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर एडीजे मो. असलम सिद्दकी ने विनय श्रीवास्तव व पिंटू सिंह को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास के आदेश दिए।

गैंगस्टर एक्ट में शातिर को दो साल की सजा

असोहा पुलिस ने क्षेत्र में गैंग बनाकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के साथ असलहों के बल पर आतंक कायम कर धन अर्जित करने वाले गैंग लीडर वारिश पुत्र मुंशी निवासी गांव महाचिक भीटा कोतवाली देहात हरदोई के विरुद्ध आठ अगस्त-2013 को गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की थी। आईओ जितेंद्र बहादुर सिंह ने एक अप्रैल-2014 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

शुक्रवार को एडीजे-5 की कोर्ट में मुकदमे की अंतिम सुनवाई के बाद शासकीय अधिवक्ता हरीश अवस्थी, विश्वाश त्रिपाठी व अलंकार द्विवेदी की दलीलों व साक्ष्य के आधार पर एडीजे जयवीर सिंह नागर ने वारिश को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा और पांच हजार का जुर्माना लगाया है।

ये भी पढ़ें- Unnao News: किन्नर की गोली मारकर हुई थी हत्या...कोर्ट ने दो आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास, मास्टरमाइंड अभी भी फरार

संबंधित समाचार