Kanpur: मौसम की मार से सब्जियां बेजार, झुलस रहा तरबूज और खरबूजा, विशेषज्ञों ने बताया- ऐसे करें फसलों का बचाव...

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Published By Deepak Shukla
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कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ ने बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी

कानपुर, अमृत विचार। बीते 15 दिनों ने तापमान 42 के पार चल रहा है। माह भर से भीषण गर्मी के चलते सब्जियों एवं फलों में नुकसान की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में करेला, बैंगन, तरोई और तरबूज-खरबूजा की फसल में नुकसान की आशंका बढ़ी है। सब्जी एवं फल उत्पादक किसानों के लिए सीएसए के विशेषज्ञ ने एडवाइजरी जारी की है। 

प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में सब्जी उत्पादन का विशेष महत्व है क्योंकि सब्जियों की खेती प्रति इकाई क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन एवं आय के साथ-साथ रोजगार सृजन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। भीषण गर्मी के चलते किसान भाइयों को सब्जियों की खेती में क्षति हो सकती है। 

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा.आनंद कुमार सिंह के निर्देश पर कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर संजय कुमार ने गर्मी की मौसम में सब्जी फसलों के बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है।

उन्होंने बताया कि सब्जियों में फलों का पीला पड़ना, फलों का मर जाना, फलों की वृद्धि का रुक जाना, फल सड़न, पौध गलन, समय से पहले फलों का पके जैसा लगना, फल फटना, पुष्पों का न विकसित होना, फलों की वृद्धि रुक जाना इत्यादि लक्षण उच्च तापमान व हीट वेव के कारण सब्जियों पर हो सकते हैं।

सनबर्न नैक्रोसिस

उन्होंने बताया कि अधिक तापमान में फल के धूप वाले हिस्से पर छिलका के ऊतक का मर जाना व कोशिका झिल्ली का विच्छेदन हो जाती है। यह दशा उच्च तापमान, साफ आसमान व उच्च प्रकाश वितरण वाले दिनों में अधिक होती है। इससे तरबूज, खरबूज, टमाटर, बैंगन, मिर्च, खीरा, तरोई, कद्दू व शिमला मिर्च की फसलें प्रभावित हो सकती हैं।

सन बर्न ब्राउनिंग

इसमें ऊतक का मृत्यु का कारण नहीं होता। परिणाम स्वरुप फल के धूप वाले हिस्से पर पीले या भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं परन्तु कोशिकाएं जीवित रहती हैं। लेकिन क्लोरोफिल कैरोटीन जंतु  नष्ट हो जाते हैं। यह दशा ज्यादातर तरबूज या खरबूजा की फसल में देखने को मिलती है।

फोटो ऑक्सीडेटिव सनबर्न

जब छायादार फल अचानक सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आ जाते हैं तो इस प्रकार के सनबर्न में अतिरिक्त प्रकाश से फल से फोटो ब्लीच हो जाएंगे। क्योंकि फल उच्च प्रकाश स्तरों के अनुकूल नहीं होते। यह दशा कभी-कभी ग्रीन हाउस में उत्पादित सब्जियों में देखने को मिलती है। 

यू करें देखभाल एवं बचाव

- सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर की फसल को हो सकता है। नुकसान से बचाने के लिए टमाटर की पौध को स्टेकिंग या सहारा दें जिससे फल का संपर्क जमीन से न रहे व सूर्य की विकिरण को कम करने के लिए अस्थाई छप्पर या जाली का उपयोग करें।
- नमी को बनाए रखने के लिए सब्जियों की फसल में शाम को हल्की सिंचाई करें। फलों को पत्तों से ढककर रखें।
- कद्दू वर्गीय सब्जियों में सुबह के समय 5 से 7 बजे के बीच कोई दवा का छिड़काव न करें यदि दवा का छिड़काव करना है तो शाम को करें।
- फल सड़न, पौध सड़न व जड़ गलन आदि के बचाव के लिए 2 ग्राम कापर ऑक्सिक्लोराइड प्रति लीटर पानी में मिलाकर शाम को छिड़काव करें।
- जल में घुलनशील पोषक तत्वों का सिंचाई के पानी के साथ शाम के समय उपयोग करें।

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